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राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता पोर्टल

  • 15 Jun 2021
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता पोर्टल 

मेन्स के लिये:

AI के क्षेत्र में की गई पहलें और अवसर

चर्चा में क्यों?

28 मई, 2021 को 'राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता पोर्टल' (National AI Portal) ने अपनी पहली वर्षगाँठ मनाई।

प्रमुख बिंदु:

पोर्टल के संबंध में: 

  • यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT- MeitY), राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (National e-Governance Division- NeGD) और नैसकॉम (NASSCOM) की एक संयुक्त पहल है।
    • राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीज़न: वर्ष 2009 में डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (MeitY द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी कंपनी) के तहत NeGD को एक स्वतंत्र व्यापार प्रभाग के रूप में स्थापित किया गया था।
    • NASSCOM एक गैर-लाभकारी औद्योगिक संघ है जो भारत में IT उद्योग के लिये सर्वोच्च निकाय है।
  • यह भारत और उसके बाहर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से संबंधित समाचार, सीखने, लेख, घटनाओं और गतिविधियों आदि के लिये एक केंद्रीय हब (Hub) के रूप में कार्य करता है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के संबंध में (AI):

  • कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से आशय किसी कंप्यूटर, रोबोट या अन्य मशीन द्वारा मनुष्यों के समान बुद्धिमत्ता के प्रदर्शन से है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता किसी कंप्यूटर या मशीन द्वारा मानव मस्तिष्क के सामर्थ्य की नकल करने की क्षमता है, जिसमें उदाहरणों और अनुभवों से सीखना, वस्तुओं को पहचानना, भाषा को समझना और प्रतिक्रिया देना, निर्णय लेना, समस्याओं को हल करना तथा ऐसी ही अन्य क्षमताओं के संयोजन से मनुष्यों के समान ही कार्य कर पाने की क्षमता आदि शामिल है। 
  • AI में जटिल चीज़ें शामिल होती हैं जैसे मशीन में किसी विशेष डेटा को फीड करना और विभिन्न स्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देना।
  • AI का उपयोग वित्त और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न उद्योगों में किया जा रहा है।
  • PwC (फर्मों का एक वैश्विक नेटवर्क) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत ने AI के उपयोग में 45% की वृद्धि दर्ज की, जो कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद सभी देशों में सबसे अधिक है।

भारत में AI के उपयोग के हाल के उदाहरण:

  • कोविड-19 से निपटने में: MyGov द्वारा संचार सुनिश्चित करने के लिये AI- सक्षम चैटबॉट का उपयोग किया गया था।
  • न्यायिक प्रणाली में: AI आधारित पोर्टल 'SUPACE' का उद्देश्य न्यायाधीशों को कानूनी शोध में सहायता करना है।
  • कृषि में: ICRISAT ने एक AI-पावर बुवाई एप विकसित किया है, जो स्थानीय फसल की उपज और वर्षा पर मौसम के मॉडल तथा डेटा का उपयोग करता है एवं स्थानीय किसानों को यह सलाह देता है कि उन्हें अपने बीज कब बोने चाहिये।
  • आपदा प्रबंधन में: बिहार में लागू किया गया AI-आधारित बाढ़ पूर्वानुमान मॉडल अब पूरे भारत को कवर करने के लिये विस्तारित किया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लगभग 200 मिलियन लोगों को आसन्न बाढ़ जोखिम के बारे में 48 घंटे पहले अलर्ट और चेतावनी प्रदान की जा सके।
  • बैंकिंग और वित्तीय सेवा उद्योग में: भारत में कुछ बैंकों ने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने और जोखिम प्रबंधन में एल्गोरिदम का उपयोग करने के लिये डिजिटलीकरण को बढ़ाने हेतु AI को अपनाया है (उदाहरण के लिये धोखाधड़ी का पता लगाना)।

AI के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये की गई पहल:

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिये राष्ट्रीय रणनीति (नीति आयोग, जून 2018) जो कि समावेशी AI (सभी के लिये AI) पर केंद्रित है और नई शिक्षा नीति (NEP, 2020) जो पाठ्यक्रम में AI को शामिल करने की आवश्यकता को दर्शाती है, कोर और अनुप्रयुक्त अनुसंधान को प्रोत्साहित करने हेतु सही रणनीतिक कदम हैं।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय (MTA) ने एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों (EMRS) और आश्रम स्कूलों जैसे स्कूलों के डिजिटल परिवर्तन के लिये माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं।
  • भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधों को बढ़ाने के लिये यूएस इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (US India Artificial Intelligence- USIAI) पहल शुरू की गई है।
  • वर्ष 2020 में भारत AI के जिम्मेदार और मानव-केंद्रित विकास तथा उपयोग को बढ़ाने के लिये एक संस्थापक सदस्य के रूप में 'कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक भागीदारी' (GPAI) में शामिल हुआ।
  • 'RAISE 2020 - सामाजिक सशक्तीकरण के लिये ज़िम्मेदार कृत्रिम बुद्धिमत्ता 2020', एक मेगा वर्चुअल समिट है जिसे NITI Aayog और MeitY द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
  • "युवाओं के लिये जिम्मेदार AI" कार्यक्रम का बड़ा उद्देश्य सभी भारतीय युवाओं को भारत के शहरी, ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मानव-केंद्रित डिज़ाइनर बनने के लिये समान अवसर प्रदान करना है जो भारत के आर्थिक तथा सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिये वास्तविक AI समाधान प्रदान कर सकते हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने में बाधाएँ:

  • AI की सीमित समझ: कई भारतीय कंपनियाँ अभी तक अपनी कंपनियों में AI के पूर्ण लाभों को नहीं समझ पाई हैं।
  • कम निवेश और कम विकसित स्टार्टअप इकोसिस्टम: भारत में स्टार्टअप/निवेश फंडिंग इकोसिस्टम को AI स्टार्टअप्स और सेवा प्रदाताओं के मामले में बढ़ाया जाना अभी बाकी है।

आगे की राह:

  • वैश्विक सबक: चीन, अमेरिका और इज़रायल जैसे देश वर्तमान में AI को अपनाने के मामले में आगे हैं। भारत समग्र सामाजिक विकास तथा समावेशी एजेंडे को ध्यान में रखते हुए अपने AI पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक बढ़ाने के लिये इन देशों की कुछ सीख पर विचार कर सकता है।
  • स्पष्ट केंद्रीय रणनीति और नीति ढाँचा: भारत में AI अपनाने को नवाचार से संबंधित अधिक केंद्रित नीतियों के निर्माण के माध्यम से तेज़ किया जा सकता है, उदाहरण के लिये पेटेंट नियंत्रण और सुरक्षा। साथ ही AI के दुर्भावनापूर्ण उपयोग को भी प्रबंधित किया जाना चाहिये।
  • सरकार, कॉरपोरेट्स और शिक्षाविदों के बीच सहयोग: इन तीन महत्त्वपूर्ण हितधारकों को उद्यमिता को पोषित करने, पुन: कौशल को बढ़ावा देने, अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करने तथा नीतियों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने जैसे कार्यों के लिये सहयोगात्मक रूप से काम करने की आवश्यकता है। 

स्रोत: पी.आई.बी

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