राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 | 15 Nov 2021
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण,राष्ट्रीय शिक्षा नीति मेन्स के लिये:राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण का उद्देश्य तथा महत्त्व, भारत में शिक्षा से संबंधित कानून एवं संवैधानिक प्रावधान |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने पूरे भारत में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey) किया है, जिसमें 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 733 ज़िलों के 1.23 लाख स्कूलों के लगभग 38 लाख छात्रों का आकलन किया गया।
- सर्वेक्षण को आखिरी बार वर्ष 2017 में किया गया था और वर्ष 2020 में इसका आयोजन किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के कारण इसे वर्ष 2021 तक के लिये स्थगित कर दिया गया था।
प्रमुख बिंदु:
- राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण:
- यह शिक्षा प्रणाली के सीखने के परिणामों और स्वास्थ्य का आकलन करने के लिये एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है।
- यह पूरे भारत में आयोजित होने वाला सबसे बड़ा, राष्ट्रव्यापी, नमूना आधारित शिक्षा सर्वेक्षण है।
- यह सर्वेक्षण शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- यह सर्वेक्षण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा आयोजित किया गया है।
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण, 2021 के लिये एक मूल्यांकन ढाँचा और उपकरण तैयार किये हैं ।
- यह स्कूली शिक्षा की प्रभावशीलता पर एक प्रणाली-स्तरीय प्रतिबिंब प्रदान करता है।
- यह प्रासंगिक पृष्ठभूमि के कारकों जैसे- स्कूल का वातावरण, शिक्षण प्रक्रियाओं, छात्रों के परिवार एवं वातावरण के बारे में जानकारी एकत्र करता है।
- यह भारत के सरकारी स्कूलों (राज्य और केंद्र सरकार दोनों), सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों तथा निजी स्कूलों सहित स्कूलों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर करता है।
- यह शिक्षा प्रणाली के सीखने के परिणामों और स्वास्थ्य का आकलन करने के लिये एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है।
- माध्यम और ग्रेड:
- सर्वेक्षण को शिक्षा के 22 माध्यमों में आयोजित किया गया जिसमें अंग्रेज़ी, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, हिंदी, मलयालम, मराठी, मणिपुरी, मिज़ो, पंजाबी, ओडिया, तेलुगू, तमिल, बोडो, उर्दू, गारो, कोंकणी, खासी, भूटिया, नेपाली और लेप्चा शामिल हैं।
- यह अलग-अलग ग्रेड के लिये अलग-अलग विषयों में आयोजित किया गया है। विषय और ग्रेड का विवरण निम्नलिखित है:
- ग्रेड 3 और 5: भाषा, ईवीएस (EVS) और गणित
- ग्रेड 8: भाषा, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान
- ग्रेड 10: भाषा, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेज़ी
- उद्देश्य:
- ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के सीखने की गुणवत्ता को बेहतर करने हेतु नीति नियोजन, योजना निर्माण व सिखने सिखाने की प्रक्रियाओं के माध्यम से गुणवत्ता में सुधार किया जाता है।
- महत्त्व:
- यह कोविड-19 महामारी के दौरान सीखने में उत्पन्न रुकावट और छात्रो के सिखने की प्रक्रिया का आकलन करने में मदद करेगा जो बदले में उपचारात्मक उपायों को बढ़ावा देगा।
- सर्वेक्षण के निष्कर्ष छात्रों के सामाजिक-भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास के संदर्भ में स्कूलों के बंद होने का छात्रों की शिक्षा पर असर का मुल्यांकन करने के लिये लॉकडाउन से पहले और बाद में शिक्षा व्यवस्था का आकलन करने में मदद करेगा।
- यह छात्रों के सीखने के अंतराल का समाधान करने, शिक्षा नीतियों, सीखने तथा शिक्षण प्रथाओं को तैयार करने में मदद करेगा।
- सर्वेक्षण के निष्कर्ष अपने नैदानिक रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से शिक्षकों, शिक्षा के विस्तार में शामिल अधिकारियों के लिये क्षमता निर्माण में मदद करते हैं।
भारत में शिक्षा:
- संवैधानिक प्रावधान:
- भारतीय संविधान के भाग IV, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) के अनुच्छेद 45 और अनुच्छेद 39 (f) में राज्य द्वारा वित्तपोषित समान और सुलभ शिक्षा का प्रावधान है।
- वर्ष 1976 में संविधान के 42वें संशोधन द्वारा शिक्षा को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित कर दिया गया।
- वर्ष 2002 में संविधान के 86वें संशोधन द्वारा शिक्षा को अनुच्छेद 21(A) के तहत प्रवर्तनीय अधिकार बना दिया गया।
- संबंधित कानून:
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में लागू करना है।
- यह समाज के वंचित वर्गों के लिये 25% आरक्षण को भी अनिवार्य करता है।
- शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 का उद्देश्य 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना और शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में लागू करना है।
- सरकार की पहल: