नासा के चार प्रस्तावित अंतरिक्ष अनुसंधान मिशन | 15 Feb 2020
प्रीलिम्स के लिये:राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन, डेविंसी प्लस, आयो वॉल्केनो ऑब्ज़र्वर, ट्राईडेंट, वेरिटस मेन्स के लिये:नासा के चार अंतरिक्ष अनुसंधान मिशन |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration-NASA) ने घोषणा की है कि उसने नए संभावित मिशनों की अवधारणा संबंधी अध्ययन के लिये चार अनुसंधान कार्यक्रमों का चयन किया है।
मुख्य बिंदु:
- NASA ने चार आगामी मिशनों का प्रस्ताव रखा है जिनमें से दो मिशनों को शुक्र ग्रह और एक-एक मिशन का प्रस्ताव बृहस्पति के उपग्रह आयो (Io) और वरुण के उपग्रह ट्राइटन (Triton) के परीक्षण के लिये रखा है।
- इन मिशनों का अंतिम चयन वर्ष 2021 में किया जाएगा।
NASA के प्रस्तावित अंतरिक्ष अनुसंधान मिशन:
- डेविंसी प्लस (DAVINCI+):
- NASA द्वारा प्रस्तावित इस मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह पर उपस्थित नोबल गैसों, इसके रासायनिक संगठन, इमेजिंग प्लस (दृश्यों के माध्यम से शुक्र की आतंरिक सतह का परीक्षण) तथा वायुमंडलीय सर्वेक्षण करना है।
- इस मिशन के माध्यम से शुक्र के वायुमंडल तथा इसके गठन और विकास का विश्लेषण किया जाएगा तथा इस ग्रह पर पूर्व में महासागर की उपस्थिति की जाँच की जाएगी।
- यह मिशन स्थलीय ग्रहों के गठन की समझ को विकसित करने में सहायता करेगा।
- आयो वॉल्केनो ऑब्ज़र्वर (Io Volcano Observer-IVO):
- NASA द्वारा प्रस्तावित IVO मिशन का उद्देश्य बृहस्पति के उपग्रह आयो का परीक्षण करना है, जिस पर कई सक्रिय ज्वालामुखी उपस्थित हैं।
- इस मिशन के माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश भी की जाएगी कि ज्वारीय बल ग्रहों की आकृति को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।
- इस मिशन द्वारा प्राप्त निष्कर्षों से सौरमंडल में चट्टानों, स्थलीय निकायों और बर्फीले महासागरों के गठन और विकास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।
- ट्राईडेंट (TRIDENT):
- इसका उद्देश्य वरुण ग्रह के बर्फीले उपग्रह ट्राइटन (Triton) का अवलोकन करना है ताकि वैज्ञानिक सौरमंडल में रहने योग्य ग्रहों के विकास को समझ सकें।
- वेरिटस (VERITAS):
- इस मिशन का विस्तृत नाम ‘वीनस एमिसिविटी, रेडियो साइंस, इनसार, टोपोग्राफी एंड स्पेक्ट्रोस्कोपी’ (Venus Emissivity, Radio Science, InSAR, Topography, and Spectroscopy) है।
- इस मिशन का उद्देश्य शुक्र ग्रह की सतह का अध्ययन करके यह पता लगाना है कि शुक्र ग्रह की विशेषताएँ पृथ्वी से अलग क्यों हैं।
संभावित लाभ:
- इन अभियानों से सौरमंडल के कुछ सबसे सक्रिय और जटिल तथ्यों के बारे में मानव समझ को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
- नासा ने चार मिशनों में से प्रत्येक मिशन के लिये $ 3 मिलियन का प्रावधान किया है जो सौरमंडल के अनुसंधान संबंधी मानवीय स्वप्नों को वास्तविकता प्रदान करेंगे।
भारत की स्थिति:
- भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान की शुरुआत से लेकर अब तक के छोटे से काल और सीमित संसाधनों में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं।
- वर्तमान भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो कम लागत में जटिल कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिये विश्व भर में प्रसिद्ध है।
- भारत की यह विरासत भविष्य में अंतरिक्ष के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिये भारत को योग्य बनाती है।
- ऐसे में भारत अपने सीमित संसाधनों का कुशल उपयोग और सही तकनीकों का निर्माण करके आने वाली चुनौतियों से निपट सकता है तथा NASA की तरह अन्य ग्रहों संबंधी मिशनों को भी संचालित कर सकता है।