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शासन व्यवस्था

नागपुर संकल्प

  • 24 Dec 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

नागपुर संकल्प

मेन्स के लिये: 

भारत सरकार द्वारा सुशासन हेतु की गई पहलें

चर्चा में क्यों?

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions) के तहत कार्यरत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा नागपुर में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन के दौरान नागपुर संकल्प (Nagpur Resolution)- नागरिकों के सशक्तिकरण के लिये एक समग्र दृष्टिकोण को अपनाया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक सुधार और जन शिकायतें विभाग (Department of Administrative Reforms and Public Grievances- DARPG) और महाराष्ट्र सरकार तथा जन सेवा अधिकार के लिये महाराष्‍ट्र राज्‍य आयोग के सहयोग से किया गया।
  • सरकार का बल शासन में पारदर्शिता, नागरिक केंद्रितता और भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन पर है।
  • इससे पहले भी सुशासन के लिये, शिलांग घोषणा (Shillong Declaration) और जम्मू संकल्‍प (Jammu Resolution) को अपनाया गया है।
  • इस सम्मेलन में छह तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया:
    • सेवा का अधिकार कानून के लागू होने से किस प्रकार सार्वजनिक सेवाओं की प्रदायिगी के सुधार में सहायता मिली है।
    • सार्वजनिक सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक प्रदायिगी।
    • सार्वजनिक सेवाओं के अधिकार के संबंध में समाज में जागरूकता पैदा करना।
    • केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायतें- निवारण और निगरानी प्रणाली। 
    • सार्वजनिक सेवाओं की प्रदायिगी के बारे में नवोन्मेषी प्रचलन।
    • एक भारत-श्रेष्ठ भारत पर फोकस के साथ महाराष्ट्र और ओडिशा के ज़िलों में सार्वजनिक सेवा प्रदायिगी में सुधार करना।

नागपुर संकल्प का उद्देश्य:

  • बेहतर सेवा वितरण (Better Service Delivery):
    • नागरिक चार्टर का समय पर उन्‍नयन, लगातार सुधार के लिये अधिनियमों और आधारभूत  मानकों के माध्‍यम से बेहतर सेवा प्रदायिगी के लिये नीतिगत प्रयासों द्वारा नागरिकों को सशक्‍त बनाना।
  • शिकायतों का सुधार (Grievance Redressal):
    • शिकायत निवारण की गुणवत्ता में बड़े पैमाने पर सुधार लाने और शिकायत निवारण में लगने वाले समय को कम करने के लिये उचित दृष्टिकोण अपनाकर नागरिकों को सशक्त बनाना।
    • उन्‍नत मैपिंग, निगरानी प्रणाली के गठन, आँकड़े संग्रह और शिकायत निवारण की गुणवत्ता के मूल्यांकन के माध्यम से प्रणालीगत समग्र दृष्टिकोण को अपनाना।
  • प्रौद्योगिकी का उपयोग (Use of Technology):
    • वेब पोर्टलों (Web Portals) के निर्माण और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेहतर सेवा प्रदायिगी के लिये समग्र दृष्टिकोण अपनाने हेतु राज्‍यों, भारत सरकार के मंत्रालयों ओर विभागों में सक्षम वातावरण उपलब्‍ध कराना।
  • गतिशील नीति बनाना (Dynamic Policy Making):
    • गतिशील नीति निर्माण और रणनीतिक निर्णय, कार्यान्वयन की निगरानी, ​​प्रमुख कर्मियों की नियुक्ति, समन्वय तथा मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करना।
  • तकनीकी विशेषज्ञता का आदान-प्रदान (Exchange of Technical Expertise):
    • ‘एक भारत - श्रेष्ठ भारत’ के तहत युग्मित राज्यों के बीच बेहतर सेवा प्रदायिगी के क्षेत्रों में तकनीकी विशेषज्ञता के आदान-प्रदान द्वारा सामान्‍य पहचान (Common Identity) की भावना को विकसित करना।
  • सुशासन सूचकांक(Good Governance Index):
    • 10 क्षेत्रों, विशेष रूप से केंद्र, राज्‍य और ज़िला स्‍तर पर कल्‍याण और बुनियादी ढाँचे से संबंधित क्षेत्रों में, शासन की गुणवत्ता की पहचान के लिये सुशासन सूचकांक के प्रकाशन को समय पर सुनिश्चित करना।

स्रोत: PIB

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