इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


सामाजिक न्याय

एलुरु में रहस्यमय रोग

  • 21 Dec 2020
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences- AIIMS) नई दिल्ली और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (IICT)-हैदराबाद से आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले के एलुरु में रहस्यमय रोग के कारणों का पता लगाने के लिये एक दीर्घकालिक अध्ययन करने का अनुरोध किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले के एलुरु शहर का लगभग 70% से अधिक हिस्सा एक रहस्यमय रोग से प्रभावित है
    • इस रोग के कारण एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई, जबकि लगभग 550 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

रहस्यमय रोग के संबंध में:

लक्षण: 

  • शरीर में ऐंंठन, मिर्गी, चक्कर आना और मतली।
    • शरीर में ऐंंठन एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की मांसपेशियाँ सिकुड़ती हैं और तेज़ी से शिथिल हो जाती हैं। यह प्रक्रिया बार-बार होती रहती है, परिणामस्वरूप शरीर में अनियंत्रित क्रियाएँ होती रहती हैं।
    • मस्तिष्क में अचानक उत्पन्न अनियंत्रित तंत्रिकातंत्रीय विकार के कारण मिर्गी की स्थिति बनती है। यह व्यक्ति के व्यवहार, संचलन या भावना और चेतना के स्तर में परिवर्तन का कारण बन सकता है।
    • चक्कर आना एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग संवेदनाओं की एक सीमा का वर्णन करने के लिये किया जाता है, जैसे कि बेहोश होना, कमजोरी या अस्थिर महसूस करना।
    • तनाव, भय और बेचैनी के कारण व्यक्ति की शारीरिकी क्रियाओं में असंतुलन की स्थिति पैदा हो जाती है, जिसके कारण पेट में गड़बड़ी की वजह से मतली की स्थिति देखी जाती है।

रोग निवृत्ति (Recovery): 

  • इस रोग से ग्रसित रोगी तीन से चार घंटों में रोग से निवृत्त हो जाते हैं।

पीड़ित (Victims): 

  • इस रोग से सभी आयु वर्ग के लोग; पुरुष, महिलाएँ और यहाँ तक कि छोटे बच्चे भी ग्रसित हो सकते हैं।

संभावित कारण (Possible Causes):

  • पानी में भारी धातुओं के  संदूषण को इसका कारण माना जा रहा है।
    • COVID-19 की रोकथाम के उपायों के हिस्से के रूप में स्वच्छता कार्यक्रमों में ब्लीचिंग पाउडर और क्लोरीन के अत्यधिक उपयोग के कारण जल प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
    • AIIMS के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा भेजे गए पीड़ितों के 45 रक्त के नमूनों में से 25 में लेड और निकल की मौजूदगी पाई गई है।
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि जल के स्रोतों में कीटनाशकों का रिसाव भी इसका एक कारण हो सकता है।
    • एलुरु को गोदावरी और कृष्णा दोनों नदियों से नहरों के माध्यम से जल प्राप्त होता है। ये नहरें कृषि क्षेत्रों से गुज़रती हैं जहाँ कीटनाशक अपवाह के साथ नहरों के जल में मिल जाते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2