शासन व्यवस्था
मुद्रा ऋण
- 27 Nov 2019
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
मेन्स के लिये:
मुद्रा ऋणों के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक की वर्तमान चिंताएँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (Pradhan Mantri MUDRA Yojana- PMMY) के तहत प्रदान किये गए ऋणों का बड़े स्तर पर ‘गैर-निष्पादित परिसंपत्ति’ (Non Performing Assets- NPA) के रूप में परिवर्तित होने पर चिंता जताई है।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) के अनुसार, मुद्रा योजना के तहत प्रदान किये गए ऋणों से कई लाभार्थी गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकले हैं, परंतु कई ऋण प्राप्तकर्त्ताओं द्वारा समय पर ऋण न चुकाने से NPA का स्तर बढ़ा है।
- PMMY के तहत प्रदान किये गए ऋणों का बड़ी मात्रा में NPA के रूप में परिवर्तन होने के कारण RBI ने बैंकों से इस तरह के ऋणों की बारीकी से निगरानी करने को कहा है क्योंकि अस्थिर ऋण वृद्धि बैंकिंग प्रणाली को जोखिम में डाल सकती है।
- RBI के अनुसार, अनिश्चित ऋण वृद्धि, अत्यधिक अंतरसंबद्धता तथा ऋणों के चक्रीय रूप से NPA में परिवर्तित हो जाने से वित्तीय जोखिम बढ़ता है जो भारत के सूक्ष्मवित्तीय (Microfinance) क्षेत्र में प्रणालीगत जोखिम को बढ़ावा देता है।
- डिजिटल ढाँचे में सुधार के चलते सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (Non Banking Financial Companies- NBFCs) एवं सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों के लिये आकर्षक ग्राहक के रूप में उभरा है जिससे धन के अनौपचारिक स्रोतों पर उनकी निर्भरता कम हुई है।
- जुलाई, 2019 में केंद्र सरकार द्वारा संसद में दी गई एक जानकारी के अनुसार, मुद्रा योजना के अंतर्गत 3.21 लाख करोड़ रुपए से अधिक का ऋण NPA में परिवर्तित हो चुका है, तथा इस योजना के अंतर्गत NPA में परिवर्तित कुल ऋण वित्तीय वर्ष 2017-18 के 2.52% से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2.68% तक पहुँच चुका है।
- जून, 2019 तक मुद्रा योजना के तहत 19 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण प्रदान किया गया है तथा मार्च 2019 तक लगभग 3.63 करोड़ खातों को डिफॉल्ट (Default) घोषित किया गया है।
- RTI द्वारा प्राप्त एक सूचना के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान बैड लोन्स (Bad Loans) में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 126% की वृद्धि हुई।
- इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान बैड लोन्स (Bad Loans) 9204.14 करोड़ रुपए था जो वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान बढ़कर 16481.45 करोड़ रुपए हो गया।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:
(Pradhan Mantri MUDRA Yojana-PMMY)
- इस योजना की शुरुआत अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी।
- इसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग इकाइयों को ज़मानत मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है।
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के ऋणों की व्यवस्था की गई:
- शिशु (Shishu) - 50,000 रुपए तक के ऋण
- किशोर (Kishor) - 50,001 से 5 लाख रुपए तक के ऋण
- तरुण (Tarun) - 500,001 से 10 लाख रुपए तक के ऋण
- इसका उद्देश्य माइक्रोफाइनेंस का उपयोग आर्थिक विकास के एक उपकरण के रूप में करना है।
- यह योजना कमज़ोर वर्ग के लोगों, छोटी विनिर्माण इकाइयों, दुकानदारों, फल एवं सब्जी विक्रेताओं, ट्रक और टैक्सी ऑपरेटरों को लक्षित करने, खाद्य सेवा इकाइयों, मशीन ऑपरेटरों, कारीगरों तथा खाद्य उत्पादकों को आय प्राप्ति हेतु अवसर प्रदान करने में मदद करती है।