सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना | 10 May 2022
प्रिलिम्स के लिये:सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएँ। मेन्स के लिये:एमपीलैड योजना का महत्त्व और संबंधित मुद्दे। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के नियमों में संशोधन किया है, जहाँ पर मिलने वाले ब्याज को भारत की संचित निधि में जमा किया जाएगा।
- अब तक इस फंड पर मिलने वाले ब्याज को MPLADS खाते में जोड़ा जाता था और विकास परियोजनाओं के लिये इस्तेमाल किया जा सकता था।
भारत की संचित निधि:
- संविधान के अनुच्छेद 266(1) के अनुसार, सरकार को मिलने वाले सभी राजस्वों, जैसे- सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, आयकर, संपदा शुल्क, अन्य कर एवं शुल्क और सरकार द्वारा दिये गए ऋणों की वसूली से जो धन प्राप्त होता है, वे सभी संचित निधि में जमा किये जाते हैं।
- इसी प्रकार सरकार द्वारा सार्वजनिक अधिसूचना, ट्रेज़री बिल (आंतरिक ऋण) और विदेशी सरकारों तथा अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों (बाहरी ऋण) के माध्यम से केंद्र द्वारा लिये गए सभी ऋणों को इस कोष में जमा किया जाता है।
- सभी सरकारी व्यय इसी निधि से पूरे किये जाते हैं (असाधारण मदों को छोड़कर जो लोक लेखा निधि या सार्वजनिक निधि से संबंधित हैं) और संसद के प्राधिकरण के बिना निधि से कोई राशि नहीं निकाली जा सकती।
एमपीलैड (MPLAD) योजना:
- MPLAD के बारे में:
- MPLAD एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसकी घोषणा दिसंबर 1993 में की गई थी।
- उद्देश्य:
- मुख्य रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़कों आदि के क्षेत्र में टिकाऊ सामुदायिक संपत्ति के निर्माण पर ज़ोर देते हुए विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने हेतु सांसदों को सक्षम बनाना।
- जून 2016 से MPLAD फंड का उपयोग स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan), सुगम्य भारत अभियान (Sugamya Bharat Abhiyan), वर्षा जल संचयन के माध्यम से जल संरक्षण और संसद आदर्श ग्राम योजना (Sansad Aadarsh Gram Yojana) आदि योजनाओं के कार्यान्वयन में भी किया जाता है।
- मुख्य रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़कों आदि के क्षेत्र में टिकाऊ सामुदायिक संपत्ति के निर्माण पर ज़ोर देते हुए विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की सिफारिश करने हेतु सांसदों को सक्षम बनाना।
- कार्यान्वयन:
- MPLADS की प्रक्रिया संसद सदस्यों द्वारा नोडल ज़िला प्राधिकरण को कार्यों की सिफारिश करने के साथ शुरू होती है।
- संबंधित नोडल ज़िला, संसद सदस्यों द्वारा अनुशंसित कार्यों को लागू करने तथा योजना के तहत निष्पादित कार्यों और खर्च की गई राशि के विवरण हेतु ज़िम्मेदार है।
- कार्य पद्धति:
- MPLADS के तहत संसद सदस्यों (Member of Parliaments- MPs) को प्रत्येक वर्ष 2.5 करोड़ रुपए की दो किश्तों में 5 करोड़ रुपए की राशि वितरित की जाती है। MPLADS के तहत आवंटित राशि नॉन-लैप्सेबल (Non-Lapsable) होती है।
- लोकसभा सांसदों से इस राशि को अपने लोकसभा क्षेत्रों में ज़िला प्राधिकरण परियोजनाओं (District Authorities Projects) में व्यय करने की सिफारिश की जाती है, जबकि राज्यसभा संसदों द्वारा इस राशि का उपयोग उस राज्य क्षेत्र में किया जाता है जहाँ से वे चुने गए हैं।
- राज्यसभा और लोकसभा के मनोनीत सदस्य देश में कहीं भी कार्य करने की सिफारिश कर सकते हैं।
MPLADS संबंधी मुद्दे:
- कार्यान्वयन चूक: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने वित्तीय कुप्रबंधन एवं खर्च की गई राशि की कृत्रिम मुद्रास्फीति संबंधी मुद्दों को उठाया है।
- कोई वैधानिक समर्थन नहीं: यह योजना किसी भी वैधानिक कानून द्वारा शासित नहीं है और यह उस समय की सरकार की मर्जी व कल्पनाओं के अधीन प्रारंभ की गई थी।
- निगरानी और विनियमन: यह योजना विकास भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई थी लेकिन भागीदारी के स्तर को मापने हेतु कोई संकेतक उपलब्ध नहीं है।
- संघवाद का उल्लंघन: MPLADS स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करता है तथा इस प्रकार संविधान के भाग IX और IX-A का उल्लंघन करता है।
- शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के साथ संघर्ष: सांसद कार्यकारी कार्यों में शामिल हो रहे हैं।