सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना | 11 Nov 2021

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय क्षेत्रक योजना, 15वाँ वित्त आयोग, स्वच्छ भारत अभियान, सुगम्य भारत अभियान,सांसद आदर्श ग्राम योजना 

मेन्स के लिये:

MPLADS से संबंधी मुद्दे

चर्चा में क्यों?    

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि से वर्ष 2025-26 तक सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (Member of Parliament Local Area Development Scheme- MPLADS) की बहाली को मंज़ूरी प्रदान की है।

  • यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि की समाप्ति के साथ समाप्त होगी।
  • इस योजना को दो वित्तीय वर्षों (2020-21 और 2021-22) के लिये निलंबित कर दिया गया था।

प्रमुख बिंदु 

  • MPLADS के बारे में:
  • उद्देश्य:
    • इस योजना का उद्देश्य सांसदों को मुख्य रूप से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों की सिफारिश करने में सक्षम बनाना है जिसके तहत पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता और सड़कों इत्‍यादि क्षेत्रों में टिकाऊ सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण पर विशेष ज़ोर दिया जाता है।
  • कार्यान्वयन:
    • MPLADS की प्रक्रिया संसद सदस्यों द्वारा नोडल ज़िला प्राधिकरण को कार्यों की सिफारिश करने के साथ शुरू होती है।
    • संबंधित नोडल ज़िला, संसद सदस्यों द्वारा अनुशंसित कार्यों को लागू करने तथा योजना के तहत निष्पादित कार्यों और खर्च की गई राशि के विवरण हेतु ज़िम्मेदार है।
  • कार्य पद्धति:
    • प्रति सांसद निर्वाचन क्षेत्र हेतु निर्दिष्‍ट वार्षिक MPLADS राशि 5 करोड़ रुपए है, जो प्रत्‍येक 2.5 करोड़ रुपए की दो किस्तों में जारी की जाती है। MPLADS के तहत जारी वित्त गैर-व्यपगत (Non-Lapsable) है।
    • लोकसभा सांसदों को अपने लोकसभा क्षेत्रों में ज़िला प्राधिकरण परियोजनाओं की सिफारिश करनी होती है, जबकि राज्यसभा सांसदों को इसे उस राज्य में खर्च करना होता है जिसने उन्हें सदन के लिये चुना है।
    • राज्यसभा और लोकसभा दोनों के मनोनीत सदस्य देश में कहीं भी कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।

MPLADs

  • योजना की बहाली का महत्त्व:
    • यह स्थानीय समुदायों की आकांक्षाओं और विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने तथा टिकाऊ संपत्तियों का निर्माण फिर से शुरू करेगा, जो कि MPLADS का प्राथमिक उद्देश्य है।
    • यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा।
  • MPLADS संबंधी मुद्दे:
    • कार्यान्वयन चूक: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने वित्तीय कुप्रबंधन और खर्च की गई राशि की कृत्रिम मुद्रास्फीति संबंधी मुद्दों को उठाया है।
    • कोई वैधानिक समर्थन नहीं: यह योजना किसी भी वैधानिक कानून द्वारा शासित नहीं है और यह उस समय की सरकार की मर्जी और कल्पनाओं के अधीन प्रारंभ की गई थी।
    • निगरानी और विनियमन: यह योजना विकास भागीदारी को बढ़ावा देने के लिये शुरू की गई थी लेकिन भागीदारी के स्तर को मापने हेतु कोई संकेतक उपलब्ध नहीं है।
    • संघवाद का उल्लंघन: MPLADS स्थानीय स्वशासी संस्थाओं के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करता है और इस प्रकार संविधान के भाग IX और IX-A का उल्लंघन करता है।
    • शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत के साथ संघर्ष: सांसद कार्यकारी कार्यों में शामिल हो रहे हैं।

स्रोत: पीआईबी