मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क हेतु समझौता ज्ञापन | 26 Aug 2022
प्रिलिम्स के लिये:मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, भारतमाला परियोजना, त्रिपक्षीय समझौता मेन्स के लिये:बुनियादी ढाँचा, अर्थव्यवस्था में लॉजिस्टिक क्षेत्र का महत्व, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, भारतमाला परियोजना |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार ने देश भर में भारतमाला परियोजना के तहत आधुनिक मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) के तेज़ी से विकास के लिये त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
- इसका उद्देश्य माल ढुलाई को केंद्रीकृत करना और लॉजिस्टिक लागत को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप 14% से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद के 10% से कम करना है।
समझौते के महत्त्वपूर्ण बिंदु:
- त्रिपक्षीय समझौते पर निम्न द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे:
- राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड (NHLML):
- यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है।
- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI):
- यह बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक वैधानिक प्राधिकरण है।
- रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL):
- यह रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का पूर्ण स्वामित्व वाला उद्यम है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड (NHLML):
- समझौता देश के भीतर लॉजिस्टिक परिवहन में दक्षता हासिल करने के लिये तीन निकायों के बीच सहयोग और सहयोग मॉडल को रेखांकित करता है।
- यह निर्बाध मोडल शिफ्ट प्रदान करेगा, MMLP यह सुनिश्चित करेगा कि कार्गो को जलमार्ग, समर्पित फ्रेट कॉरिडोर और सड़क परिवहन से स्वैप/स्थानांतरित किया जाता है।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP)
- परिचय:
- ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल के तहत विकसित, MMLP राजमार्गों, रेलवे और अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल परिवहन के कई तरीकों को एकीकृत करेगा।
- मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क परियोजना विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के लिये बड़े पैमाने पर अत्याधुनिक वेयरहाउसिंग सुविधाओं को विकसित करने के लिये तथा वेयरहाउसिंग, कस्टम क्लीयरेंस, पार्किंग, ट्रक के रखरखाव जैसी कार्गो आवाजाही से संबंधित सभी सेवाओं के लिये वन स्टॉप सॉल्यूशन बनने की ओर अग्रसर है।
- इसमें गोदाम, रेलवे साइडिंग, कोल्ड स्टोरेज, कस्टम क्लीयरेंस हाउस, यार्ड सुविधा, वर्कशॉप, पेट्रोल पंप, ट्रक पार्किंग, प्रशासनिक भवन, बोर्डिंग लॉजिंग, ईटिंग जॉइंट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि सभी सुविधाएँ होंगी।
- कार्य:
- MMLPs अत्याधुनिक माल ढुलाई प्रबंधन प्रणाली के लिये प्रौद्योगिकी संचालित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- इन परियोजनाओं में पैकेजिंग, रीपैकेजिंग और लेबलिंग जैसी कई मूल्य वर्धित सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
- MMLP अन्य संबद्ध सुविधाओं के साथ मशीनीकृत सामग्री हैंडलिंग और मूल्य वर्धित सेवाओं के लिये माल ढुलाई सुविधा होगी।
- MMLPs अत्याधुनिक माल ढुलाई प्रबंधन प्रणाली के लिये प्रौद्योगिकी संचालित कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगा।
भारतमाला परियोजना
- परिचय:
- भारतमाला परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा परिकल्पित राजमार्ग क्षेत्र के लिये व्यापक कार्यक्रम है।
- कार्य:
- यह मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के विकास और चोक पॉइंट्स (रणनीतिक संकीर्ण मार्ग जो किसी अन्य क्षेत्र से होकर गुजरता है) को खत्म करके मौजूदा कॉरिडोर की दक्षता में सुधार का आह्वान करता है।
- यह उत्तर पूर्व में कनेक्टिविटी में सुधार लाने और अंतर्देशीय जलमार्गों के साथ तालमेल का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- यह उत्तर पूर्व आर्थिक गलियारा राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है।
- ब्रह्मपुत्र धुबरी, सिलघाट, विश्वनाथ घाट, नीमती, डिब्रूगढ़, सेंगजन, उड़ियामघ नदी पर 7 जलमार्ग टर्मिनलों के माध्यम से मल्टीमॉडल माल ढुलाई की जाएगी।
- यह परियोजना की तैयारी और परिसंपत्ति निगरानी के लिये प्रौद्योगिकी एवं वैज्ञानिक योजना के उपयोग पर ज़ोर देता है।
- यह पड़ोसी देशों के साथ निर्बाध संपर्क का आह्वान करता है:
- 24 एकीकृत जाँच चौकियों (ICPs) की पहचान की गई।
- पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी में सुधार के लिये बांग्लादेश के माध्यम से पारगमन।
- बांग्लादेश-भूटान-नेपाल और म्याँमार-थाईलैंड कॉरिडोर को एकीकृत करना जो पूर्वोत्तर को पूर्वी एशिया का हब बनाएगा।
- उन्नयन आवश्यकताओं की पहचान करने के लिये गलियारों की सैटेलाइट मैपिंग।
- उद्देश्य:
- प्रभावी हस्तक्षेपों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के अंतराल समाप्त कर देश भर में माल और यात्री आवाजाही की दक्षता हेतु अनुकूल करना।
- प्रभावी हस्तक्षेपों में आर्थिक गलियारा, अंतर-गलियारा और मार्गों का विकास, राष्ट्रीय गलियारा दक्षता सुधार, सीमा एवं अंतर्राष्ट्रीय संपर्क सड़क, तटीय व बंदरगाह कनेक्टिविटी और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शामिल हैं।
- आर्थिक गलियारा:
- ये आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये डिज़ाइन किये गए भौगोलिक क्षेत्र के भीतर बुनियादी ढाँचे के एकीकृत नेटवर्क हैं।
- ग्रीनफील्ड परियोजनाएँ:
- ‘ग्रीनफील्ड परियोजन’' का तात्पर्य ऐसी परियोजना से है जिसमें किसी पूर्व कार्य/परियोजना का अनुसरण नहीं किया जाता है। अवसंरचना में अप्रयुक्त भूमि पर तैयार की जाने वाली परियोजनाएँ जिनमें मौजूदा संरचना को फिर से तैयार करने या ध्वस्त करने की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें ग्रीन फील्ड परियोजना कहा जाता है।
- ब्राउनफील्ड परियोजनाएँ:
- जिन परियोजनाओं को संशोधित या अपग्रेड किया जाता है, उन्हें ‘ब्राउनफील्ड परियोजना’ कहा जाता है। ये परियोजनाएँ पहले से मौजूद होती हैं जिसमें निवेश किया जाता है।
- आर्थिक गलियारा:
- निर्माण और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करना तथा देश भर में बेहतर सड़क-संपर्क के परिणामस्वरूप बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधि के हिस्से के रूप में देश में 550 ज़िलों को राष्ट्रीय राजमार्ग लिंकेज के माध्यम से जोड़ना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):मेन्स: प्रश्न. भारत में औद्योगिक गलियारों का क्या महत्त्व है? औद्योगिक गलियारों की पहचान और उनकी मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये। (2018) |