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शासन व्यवस्था

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019

  • 07 Aug 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राज्यसभा ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 (Motor Vehicles (Amendment) Bill 2019) पारित कर दिया। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही इस विधेयक को लोकसभा में भी पारित किया जा चुका है।

प्रमुख बिंदु

  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन करके इस विधेयक को पारित किया गया है।
  • केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया यह संशोधन विधेयक निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करेगा:
  • सड़क सुरक्षा में सुधार करना;
    • आम नागरिकों को परिवहन विभाग में कार्य करने हेतु आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करना;
    • ग्रामीण परिवहन और सार्वजनिक परिवहन को मज़बूत बनाना;
    • देश के प्रत्येक कोने तक आटोमेशन, कंप्यूटरीकरण और ऑनलाइन सेवाओं द्वारा संपर्क व्यवस्था को स्थापित करना।
    • यह विधेयक किसी भी रूप में राज्य सरकार की शक्तियों एवं प्राधिकरणों में हस्तक्षेप नहीं करता है।
  • इस विधेयक से देश में प्रभावी, सुरक्षित एवं भष्ट्राचार मुक्त परिवहन प्रणाली स्थापित की जा सकेगी।

विधेयक में किये गए महत्त्वपूर्ण संशोधन

इस विधेयक को निम्नलिखित संशोधनों के साथ पारित किया गया है:

  • सड़क सुरक्षा
    • सड़क सुरक्षा के संबंध में नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगोंं को दण्डित करने के लिये ज़ुर्माने में बढोत्तरी का प्रस्ताव किया गया है।
    • नाबालिकों के वाहन चलाने, बिना लाइसेंस के, नशे में वाहन चलाने, गति-सीमा से अधिक गति से वाहन चलाने, सीमा से अधिक माल ले जाने के संबंध में कठोर प्रावधान किये गए हैं।
    • इससे साथ ही हेलमेट के प्रयोग के संबंध में जारी किये गए नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिये भी कठोर प्रावधान किया गया है।
    • मोटर वाहनोंं से संबंधित दंड शुल्क में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
  • वाहनोंं की फिटनेस
    • विधेयक में वाहनोंं के लिये स्वचालित फिटनेस का प्रावधान किया गया है। इससे परिवहन विभाग में भष्ट्राचार कम करने के साथ-साथ वाहनों की सड़क पर चलने की क्षमता में बढोत्तरी होगी।
    • विधेयक में दोषयुक्त वाहनों को अनिवार्य रूप से वापस मंगाने एवं वाहन कंपनियों की अनियमितता की जाँच करने संबंधी शक्तियों का भी प्रावधान किया गया है।
  • वाहनों को वापस कंपनी द्वारा मंगाना
    • इस विधेयक में वाहनों में किसी कमी के कारण पर्यावरण, चालक या सड़क का इस्तेमाल करने वाले अन्य लोगों को होने वाले नुकसान के चलते केंद्र सरकार द्वारा ऐसे वाहनोंं को कंपनी को वापस भेजने का आदेश देने की अनुमति दी गई है।
  • सड़क सुरक्षा बोर्ड
    • विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय रोड सुरक्षा बोर्ड के गठन का भी प्रावधान किया गया है।
    • बोर्ड केंद्र एवं राज्य सरकारों को सड़क सुरक्षा के सभी प्रावधानों और मोटर वाहनोंं के मानकों, वाहनों के पंजीकरण एवं लाइसेंस, सड़क सुरक्षा के मानकों तथा नई वाहन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने के सतह-साथ यातायात प्रबंधन संबंधी विषयों पर सुझाव देगा।
    • दुर्घटना में मदद करने वाले लोगों का संरक्षण
    • सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने के लिये विधेयक में दिशा-निर्देश शामिल किये गए हैं। विधेयक में दुर्घटना के बाद के संवेदनशील समय में नकदी रहित उपचार की योजना का प्रावधान किया गया है।
  • तृतीय पक्षीय बीमा
    • विधेयक में चालक के परिचालन को तृतीय पक्ष बीमा में शामिल किया गया है। बीमा राहत राशि में दस गुना बढोत्तरी कर इसे 50 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया है।
    • दावा प्रकिया को सरल बनाया गया है।
    • यदि पीड़ित का परिवार 5 लाख रुपए की राहत राशि स्वीकार करने को तैयार हो जाता है तो बीमा फर्म को 1 माह के भीतर दावे का भुगतान करना होगा।
  • मोटर वाहन दुर्घटना निधि
    • सभी लोगों के लिये अनिवार्य बीमा कवर सुनिश्चित करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन दुर्घटना निधि का गठन किया जाना चाहिये।
  • ई-सुशासन द्वारा सेवाओं में सुधार: ई-सुशासन द्वारा सेवाओं में सुधार करना इस विधेयक का प्रमुख उद्देश्य है
    • ऑनलाइन वाहन लाइसेंस का प्रावधान
      • विधेयक में फर्जी वाहन लाइसेंस से बचने के लिये ऑनलाइन लर्नर लाइसेंस केस के साथ आवश्यक ऑनलाइन पहचान चालक परीक्षण का प्रावधान किया गया है।
    • वाहनों के पंजीकरण की प्रकिया
      • नए वाहनों के पंजीकरण में सुधार करने के लिये डीलर द्वारा पंजीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा और अस्थायी पंजीकरण पर रोक लगाई जाएगी।

स्रोत: PIB

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