मलेरिया से निपटने में कारगर दवा | 16 Mar 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बुर्किना फासो (Burkina Faso) में मच्छर मारने की एक दवा ‘आइवरमेक्टिन’ (Ivermectin) का परीक्षण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- परीक्षण में यह बात सामने आई है कि आइवरमेक्टिन दवा लेने के पश्चात् लोगों का रक्त मच्छरों के लिये घातक हो जाता है जिससे पुन: दूसरों को काटने और संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।
- मलेरिया से एक साल में 200 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित होते हैं और 2017 में इससे 4,35,000 लोगों की मौत हो गई। इनमें से ज़्यादातर अफ्रीका के थे।
- गौरतलब है कि इस दवा का उपयोग पहले से ही परजीवियों से होने वाले संक्रमण को रोकने में होता रहा है। किंतु मलेरिया के मामले में इसका परीक्षण पहली बार किया गया है।
- यह दवा मलेरिया नियंत्रण की अन्य विधियों के साथ प्रयुक्त करने से अधिक प्रभावी होगी।
- इस दवा के परीक्षण के लिये बुर्किना फासो के आठ गाँवों के 590 बच्चों सहित 2,700 लोगों को शामिल किया गया।
- उस गाँव में जहाँ यह दवा इस्तेमाल नहीं की गई थी वहाँ औसतन 2.5 बच्चे मलेरिया से प्रभावित थे, लेकिन जिन गाँवों में यह दवा दी गई वहाँ औसतन 2 बच्चे इससे ग्रसित थे।
- वैज्ञानिकों का कहना है कि मलेरिया के खिलाफ लड़ाई आंशिक रूप से रुकी हुई है क्योंकि मच्छर उन कीटनाशककों के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं जो कि आमतौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं।
- मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिये अन्य विधियों का परीक्षण किया जा रहा है जिसमें टीका और आनुवंशिक संशोधन भी शामिल हैं।
हालाँकि यह परीक्षण छोटे स्तर पर किया गया था किंतु इसके परिणाम आशाजनक रहे हैं।
स्रोत: द हिंदू