स्नेकहेड मछली की प्रजातियों की खोज | 23 Oct 2017
संदर्भ
हाल ही में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि ‘साँपों के समान सिर युक्त’ मछली (snakehead fish) की प्रजातियों से संबंधित भ्रम की स्थिति अब दूर हो चुकी है, क्योंकि इन प्रजातियों का एक वैश्विक डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जा चुका है।
प्रमुख बिंदु
- 10 विज्ञान संस्थानों की एक सहयोगी पहल के तहत वैज्ञानिकों ने ताज़े पानी की इस मछली की प्रजातियों की पहचान की है। इन्हें यह नाम इनके साँप के समान विशिष्ट थूथन के कारण दिया गया है। इस प्रजाति के सदस्यों को मध्य-पूर्व से पूर्वी एशिया, मध्य और पश्चिम अफ्रीका तथा नील के क्षेत्र में पाया जा सकता है।
- इससे पहले यह माना जाता था कि इस वर्ग में केवल 38 प्रजातियाँ है, जबकि इनके डीएनए स्तरीय विश्लेषणों ने यह दर्शाया है कि इस वर्ग में 38 से अधिक प्रजातियाँ हैं।
- घरेलू बाज़ारों में भोजन तथा सजावट के लिये ‘स्नेकहेड्स’ की मांग काफी अधिक है।
- बारकोडिंग के माध्यम से असम, भूटान, म्यॉमार की तलहटी और कांगों में भी स्नेकहेड्स की एक नई प्रजाति ‘चन्ना’(Channa) की पहचान की गई है।
- प्राप्त किये गए आँकड़ों के विश्लेषण से यह पता चला है कि एक समय पूर्वी हिमालय और इससे जुड़ा म्यॉमार का क्षेत्र ‘स्नेकहेड्स विविधता’ का हॉटस्पॉट हुआ करता था।
वर्तमान स्थिति
- भारत में चन्ना की 15 उप-प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
- वर्तमान में चार ज्ञात प्रजातियों जैसे-चन्ना बैंकेनेंसिस (Channa bankanensis ) इंडोनेशिया और मलेशिया में पाई जाती हैं, जबकि चन्ना मारुलिअस (Channa marulius), चन्ना सिट्रएटा (Channa striata) और चन्ना गाचुआ भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती हैं। हालाँकि इनमें कई प्रजातिगत जटिलताएँ विद्यमान हैं, परन्तु इन सभी प्रजातियों को एक ही नाम से जाना जाता है। इसका कारण इनके वर्गीकरण के विषय में स्पष्टता न होना है।
- संरक्षण के उद्देश्य से इन प्रजातियों के वर्गीकरण की जटिलता के विषय में अधिक जानकारी हासिल करने की आवश्यकता होगी, क्योंकि वर्तमान में स्नेकहेड्स की अधिकांश प्रजातियों को आईयूसीएन की रेड लिस्ट में ‘कम चिंताजनक’ प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है।
‘स्नेकहेड्स’ क्या हैं?
- स्नेकहेड्स ताज़े पानी के चैन्नीडाई (channidae) मछली परिवार की सदस्य हैं, जो अफ्रीका और एशिया में पाई जाती हैं।
- इस लम्बी और शिकारी मछली को उसके लम्बे पृष्ठीय पंखों, बड़े मुँह, और चमकदार दाँतों के द्वारा ही अन्य मछलियों से पृथक किया जाता है।
- ये गलफड़ों से सांस लेती हैं जिसके कारण ये भूमि पर कुछ दूरी तय कर सकती हैं। इनकी दो प्रसिद्ध प्रजातियाँ एशिया (चन्ना) और अफ्रीका (परचन्ना) में पाई जाती हैं।
- ये मछलियों की आक्रामक प्रजातियों में भी शामिल हैं।