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देश के अधिकांश नदी खंड प्रदूषित : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • 17 Sep 2018
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में प्रदूषित नदी खंडों की संख्या में वृद्धि हुई है।

प्रमुख बिंदु

  • CPCB के आकलन के अनुसार, देश में प्रदूषित नदी खंडो की संख्या 351 हो गई है उल्लेखनीय है कि 2 वर्ष पूर्व यह संख्या 302 थी।
  • ऐसे प्रदूषित खंड जिनके पानी कि गुणवत्ता सबसे अधिक खराब है, की संख्या 45 हो गई है, जबकि 2 वर्ष पूर्व यह संख्या 34 थी।
  • इस आकलन के अनुसार, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के कई नदी खंड महाराष्ट्र, असम तथा गुजरात की नदियों की तुलना में कम गंदे हैं।
  • 351 में से 117 प्रदूषित नदी खंड केवल तीन राज्यों महाराष्ट्र, असम तथा गुजरात में हैं।

सर्वाधिक प्रदूषित नदी खंड:

  • मीठी नदी का पोवाई से धारावी खंड- यहाँ BOD (Biochemical Oxygen Demand) 250mg/l है।
  • गोदावरी नदी का सोमेश्वर से राहेद खंड- यहाँ BOD 5.0 से 80 mg/l है।
  • साबरमती नदी का खेरोज से वाउथा नदी खंड- यहाँ BOD 4.0 से 147mg/l है।
  • हिंडन नदी का सहारनपुर से ग़ाज़ियाबाद खंड- यहाँ BOD 48 से 120mg/l है।
  • उत्तर प्रदेश में प्रदूषित हिस्सों के संकलन में गंगा नदी को 5-8.8 mg/l की BOD रेंज के साथ 'प्राथमिकता 4' नदी के रूप में इंगित किया गया है।

CPCP का मापन आधार

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) 1990 के दशक से ही BOD मापन के आधार पर नदियों की गुणवत्ता निगरानी से संबंधित कार्यक्रम का संचालन कर रहा है।
  • नदी में BOD का स्तर जितना अधिक होता है नदी उतनी ही अधिक प्रदूषित मानी जाती है।
  • नदी का स्वास्थ्य तथा जल के उपचार के लिये किये गए उपायों की प्रभाविता को BOD के स्तर के आधार पर ही वर्गीकृत किया जाता है।
  • 30mg/l के बराबर या उससे अधिक BOD स्तर वाली नदी को ‘प्राथमिकता-1’ की श्रेणी में रखा जाता है, जबकि 1 से 6mg/l के BOD स्तर वाली नदियों को प्राथमिकता श्रेणी-5 में रखा जाता है।
  • 3mg/l से नीचे के BOD स्तर वाली नदियों को CPCB स्वस्थ नदी मानता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का गठन एक सांविधिक संगठन के रूप में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अंतर्गत सितंबर 1974 को किया गया।
  • इसके पश्चात् केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत शक्तियाँ व कार्य सौंपे गए।
  • यह बोर्ड क्षेत्र निर्माण के रूप में कार्य करने के साथ-साथ पर्यावरण (सुरक्षा) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के अंतर्गत पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को तकनीकी सेवाएँ भी उपलब्ध कराता है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रमुख कार्यों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत वर्णित किया गया है।

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