बंगाल के मदरसों में लड़कों की संख्या में तेज़ी से गिरावट | 04 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
1 जून को जारी पश्चिम बंगाल दसवीं मदरसा बोर्ड परीक्षा के आँकड़ों के अनुसार 70% बालिकाओं ने बोर्ड परीक्षा में भाग लिया है जो कि लड़कों की संख्या में भारी गिरावट का संकेत देता है। इस वर्ष परीक्षा देने वाले कुल 52,502 छात्रों में 36,565 लड़कियाँ हैं और 15, 937 लड़के।
बालिकाओं की संख्या में बढ़ोतरी के कारण
- मदरसा बोर्ड के अनुसार लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में कन्याश्री तथा सशर्त नकदी हस्तांतरण योजनाएँ महत्त्वपूर्ण रही हैं|
- स्कूल जाने वाली लड़कियों को साइकिल उपलब्ध कराने वाली योजना सबुज साथी ने भी लड़कियों को स्कूल जाने के लिये प्रोत्साहित किया है।
- कक्षा दसवीं बोर्ड परीक्षा देने वाली लड़कियों की उच्च संख्या पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ माध्यमिक परीक्षा के आँकड़ों में भी दिखाई दे रही है।
- 2018 में परीक्षाओं के लिये उपस्थित हुए कुल 11,02,921 उम्मीदवारों में से लड़कियों की संख्या 6,21,266 (56.3%) थी, जबकि लड़कों की संख्या 4,81,555 (43.66%) थी।
- ये आँकड़े स्पष्ट रूप से इंगित करते हैं कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से अल्पसंख्यक बाहुल्य ज़िलों, माल्दा और मुर्शिदाबाद में लड़कों के स्कूल छोड़ने की संख्या अधिक है|
लड़कों की संख्या में कमी के कारण
- राज्य में लड़कों के स्कूल छोड़ने का मुख्य कारण काम के लिये अन्य राज्यों में प्रवास करना है|
- अधिकांश मदरसे माल्दा और मुर्शिदाबाद ज़िलों में स्थित हैं और इन ज़िलों के लड़कों में अन्य राज्यों में नौकरियों के लिये बाहर निकलने और प्रवास करने की प्रवृत्ति बढ़ी है|
विधिक स्थिति
- हालाँकि 1927 में मदरसा बोर्ड की स्थापना हुई थी, लेकिन 1994 तक इसकी कोई विधिक स्थिति नहीं थी|
- पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक अधिनियम पारित किया गया जिसके तहत मदरसा बोर्ड तथा संबद्ध संस्थानों को परीक्षा आयोजित करने की शक्ति प्रदान की गई|
- राज्य में 614 उच्च मदरसे हैं, जो अरबी और इस्लामिक अध्ययन (इस्लाम परिचय) के दो वैकल्पिक विषयों के साथ भाषा, विज्ञान, गणित जैसे नियमित विषयों की शिक्षा प्रदान करते हैं।
- बोर्ड से 102 उच्च मदरसे भी संबद्ध हैं जो धार्मिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं और अलीम (कक्षा X) और फजिल (कक्षा XII) समकक्ष परीक्षा आयोजित कर रहे हैं।
- यहां तक कि अलीम परीक्षा में भी काफी संख्या में लड़कियों ने भाग लिया। परीक्षा में भाग लेने वाले कुल 8,760 छात्रों में से 5,114 लड़कियाँ थीं।