मंथली ऑयल मार्केट रिपोर्ट: ओपेक | 14 Sep 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ओपेक (Organization of the Petroleum Exporting Countries- OPEC) द्वारा जारी की गई ‘मंथली ऑयल मार्केट रिपोर्ट’ (Monthly Oil Market Report) में कहा गया है कि आर्थिक वृद्धि की गति धीमी होने के बावजूद भी वर्ष 2019 और 2020 के दौरान विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत में कच्चे तेल की मांग अधिक तेज़ी से बढ़ेगी।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कच्चे तेल की मांग में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 3.21% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2020 में इस मांग में 3.36% की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में विश्व बाज़ार में तेल की मांग 1.02 मिलियन बैरल प्रतिदिन (Million Barrels Per Day- mb/d) बढ़ने की उम्मीद है जो पिछले अनुमान की तुलना में 0.08 mb/d कम है।
- चीन में तेल की मांग में वर्ष 2019 में 2.73% तथा वर्ष 2020 में 2.37% की वृद्धि का अनुमान है।
- रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक बाज़ार में तेल का अधिशेष रहेगा।
तेल की मांग के संदर्भ में
- भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आई वर्तमान गिरावट के बावजूद गैस की मांग में जून 2018 की तुलना में लगभग 11% की वृद्धि हुई।
- उल्लेखनीय है कि ऑटोमोबाइल की बिक्री, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत और घरेलू हवाई यातायात इत्यादि संकेतक भारत में तेल की घरेलू खपत में कमी का संकेत करते हैं।
मंथली ऑयल मार्केट रिपोर्ट
- ओपेक द्वारा जारी की जाने वाली ‘मंथली ऑयल मार्केट रिपोर्ट’ (Monthly Oil Market Report- MOMR) विश्व तेल बाज़ार को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों को शामिल करती है और आने वाले वर्ष के लिये कच्चे तेल बाज़ार की विकासात्मक गतिविधियों हेतु एक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
- यह रिपोर्ट विश्व में तेल की मांग, आपूर्ति के साथ-साथ तेल बाज़ार संतुलन तथा तेल बाज़ार के रुझानों को प्रभावित करने वाले प्रमुख घटनाक्रमों का विस्तृत विश्लेषण करती है।
ओपेक (Organization of the Petroleum Exporting Countries-OPEC)
- ओपेक 14 तेल निर्यातक विकासशील राष्ट्रों का एक स्थायी अंतर-सरकारी संगठन है जिसका गठन 10-14 सितंबर, 1960 को आयोजित बगदाद सम्मेलन में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला ने किया था।
- यह संगठन अपने सदस्य देशों की पेट्रोलियम नीतियों का समन्वय और एकीकरण करता है।
- OPEC के अस्तित्व में आने के बाद शुरुआती पाँच वर्षों तक इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में था। 1 सितंबर, 1965 को इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियना में स्थानांतरित कर दिया गया।
- वर्तमान में इसके कुल 14 देश सदस्य है- ईरान, इराक, कुवैत, इंडोनेशिया, लीबिया, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, नाइजीरिया, इक्वाडोर, गैबॉन, अलजीरिया अंगोला, इक्वेटोरियल गिनी, वेनेज़ुएला और कांगो।