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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़

  • 23 Oct 2020
  • 5 min read

प्रिलिम्स के लिये:

 मोनोक्लोनल इनेमल एंटीबॉडी, श्वेत रक्त कोशिका, एंटीजन, एंटीबॉडी

मेन्स के लिये:

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज़ का चिकित्सा क्षेत्र में महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में इंटरनेशनल एड्स वैक्सीन इनिशिएटिव (International AIDS Vaccine Initiative-IAVI) तथा पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ( Serum Institute of India-SII) द्वारा विज्ञान और प्रौद्योगिकी कंपनी मर्क (Merck) के साथ एक समझौते की घोषणा की गई है जिसके तहत SARS-CoV-2 को बेअसर करने के लिये मोनोक्लोनल इनेमल एंटीबॉडी (Monoclonal Antibodies-mAbs) को विकसित किया जाएगा और इसका इस्तेमाल COVID-19 के बचाव में किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • IAVI एक गैर-लाभकारी वैज्ञानिक अनुसंधान संगठन है जो तात्कालिक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों को संबोधित करने के लिये समर्पित है। इसका मुख्यालय अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित है।
  • भारत स्थित SII विश्व में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता संस्थान है।

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी:

  • एंटीबॉडीज प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा स्वाभाविक रूप से उत्पादित प्रोटीन हैं जो  एक विशिष्ट एंटीज़न को लक्षित करते हैं। जब इनका निर्माण सिंगल पैरेंट सेल (Single Parent Cell) से प्राप्त क्लोन द्वारा किया जाता है तो उन्हें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) कहा जाता है।
  • ये मानव निर्मित प्रोटीन हैं जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली में एंटीबॉडी की तरह कार्य करते हैं। इन्हें विशिष्ट श्वेत रक्त कोशिका (Unique White Blood Cell) की क्लोनिंग करके बनाया जाता है।
  • mAbs में मोनोवालेंट समानता (Monovalent Affinity) पाई जाती जो केवल समान एपिटोप ( Same Epitope) अर्थात् एंटीजन के जिस हिस्से की पहचान एंटीबॉडी द्वारा की जाती है, को ही एक साथ जोड़ती है।
  • इन एंटीबॉडीज़ को कई कार्यों को करने के लिये डिज़ाइन किया गया है ताकि इनका उपयोग दवाओं, विषाक्त पदार्थों या रेडियोधर्मी पदार्थों से प्रभावित कोशिकाओं तक ले जाने के लिये किया जा सके।
  • mAbs का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिये  किया जाता है, जिसमें कई प्रकार के कैंसर भी शामिल हैं।

mAbs and COVID-19:

  • IAVI एवं  स्क्रिप्स रिसर्च (Scripps Research) द्वारा SARS-CoV-2 के लिये मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (mAbs) को एक साथ विकसित किया गया।
  • इन एंटीबॉडीज़ को व्यापक रूप से COVID-19 उपचार और रोकथाम के लिये एक उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।
  •  COVID-19 एंटीबॉडी उपचार के लिये उत्साहजनक परिणाम प्रीक्लिनिकल रिसर्च एवं  प्रारंभिक नैदानिक परीक्षणों से प्राप्त हुए हैं।
  • इन एंटीबॉडीज़ में COVID-19 टीके  की पूरक भूमिका (Complementary Role) निभाने की भी क्षमता है।
    • इसका उपयोग उपचार एवं  संभावित रोकथाम के लिये विशेष रूप से उन व्यक्तियों में किया जा सकता है, जो उम्र या किन्हीं चिकित्सा स्थितियों के कारण टीकाकरण कराने की स्थिति में नहीं हैं।

एंटीबॉडी

  • एंटीबॉडी, जिसे इम्युनोग्लोबुलिन(Immunoglobulin) भी कहा जाता है, एक सुरक्षात्मक पदार्थ है जो प्रतिरक्षा प्रणाली में किसी एंटीजन की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होते हैं ।
    • पदार्थों की एक विस्तृत शृंखला को शरीर द्वारा एंटीजन के रूप में जाना जाता है, जिसमें रोग पैदा करने वाले जीव और विषाक्त पदार्थ शामिल होते हैं।
  • एंटीजन को शरीर से निकालने के क्रम में  एंटीबॉडी द्वारा इनकी पहचान कर इन्हें नष्ट  किया जाता है।

आगे की राह: 

कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि COVID-19 एक स्थानिक रोग ( Endemic Disease) में तब्दील हो जाएगा तथा इस रोग से प्रभावित लोगों के एक महत्त्वपूर्ण अनुपात में लक्षणों की गंभीरता को देखते हुए उन लोगों का इलाज के लिये  प्रभावी उपचार आवश्यक होगा जो कि अस्वस्थ रहते हैं या जो  टीकाकरण के बाद भी सुरक्षित नहीं हैं।

स्रोत: द हिंदू

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