डायनासोरों की मोना लिसा की खोज | 05 Aug 2017

संदर्भ
हाल ही में वैज्ञानिकों के द्वारा कनाडा में 110 मिलियन वर्ष पुराने विश्व के सबसे अधिक सुरक्षित कवच वाले डायनासोर (जिसे डायनासोरों की मोना लिसा भी कहा जाता है) की खोज की गई है| 

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि यह प्रजाति बोरेलोपेल्टा मार्कमिटेलि (Borealopelta markmitchelli) अपने वृहद आकार के बावजूद शिकारियों से स्वयं का बचाव करने के लिये छलावरण का उपयोग करती थी|
  • 18 फीट लम्बे कवच वाले इस डायनासोर के संरक्षित नमूने का विश्लेषण करने पर यह जानकारी प्राप्त होती है कि उस समय में 1,300 किलोग्राम भार वाले इस नोडोसोर (Nodosaur) के भी शिकारी जीव धरती पर मौजूद थे|
  • डायनासोर की त्वचा का अध्ययन करने के पश्चात् शोधकर्त्ताओं ने पाया कि  बोरेलोपेल्टा (Borealopelta) में पटल छायाँकन (countershading) होता था| आपको बता दें कि पटल छायाँकन, छलावरण (camouflage) की एक सामान्य अवस्था होती है| इसमें किसी जानवर का नीचे का हिस्से उसके ऊपर वाले हिस्से से हल्का होता है| 
  • स्पष्ट है कि यह खोज इस बात का स्पष्टीकरण है कि मोनालिसा नामक यह डायनासोर नोडोसोर परिवार से है तथा यह मांसभक्षी डायनासोरों से खतरा महसूस करता था|

विश्व का सर्वोत्तम नमूना

  • यह नमूना भलीभाँति संरक्षित किये गए अब तक के सबसे अच्छे कवच वाले डायनासोर को प्रदर्शित करता है| ध्यातव्य है कि यह विश्व में मौजूद डायनासोरों के नमूनों में से  अभी तक का सर्वोत्तम नमूना है|
  • यह डायनासोर वास्तव में इसलिये भी विशिष्ट है, क्योंकि इसे एक संरक्षित परतदार त्वचा से ढका गया है| इतना ही नहीं इस जीव की वास्तविक आकृति को यथावत् बनाए रखने के लिये इसे त्रिआयामी रूप में संरक्षित किया गया है| परिणामतः यह जीव आज भी वैसा ही दिखाई देता है, जैसा कि यह पूर्व क्रिटेशियस (Cretaceous) युग में दिखाई देता था|
  • यह विज्ञान के इतिहास के सबसे अधिक खूबसूरत और संरक्षित डायनासोर के नमूनों (डायनासोरों की मोना लिसा) में से एक है|
  • उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिकों के द्वारा इस डायनासोर के रंजकता पैटर्न (pigmentation pattern) का अनुमान लगाने के लिये इसके शल्कों में कार्बनिक यौगिकों के रासायनिक विश्लेषण का उपयोग किया गया|