मलेरिया उन्मूलन के लिये ओडिशा सरकार की ‘दमन’ (DAMaN) योजना | 28 Jan 2019
चर्चा में क्यों?
नवंबर 2018 में विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2018 (World Malaria Report-2018) जारी की गई थी जिसमें मलेरिया के उन्मूलन के लिये उठाए गए कदमों के चलते भारत सुर्खियों में आया।
- इस रिपोर्ट में मलेरिया के नए मामलों में कमी के लिये ओडिशा की प्रशंसा की गई थी, जहाँ वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में 80% की कमी दर्ज की गई।
दमन (DAMaN) योजना
- अन्य भारतीय राज्यों के लिये ओडिशा (Odisha) मलेरिया उन्मूलन की दिशा में एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है।
- हाल के वर्षों में इसने अपने दुर्गम अंचलारे मलेरिया निराकरण (Durgama Anchalare Malaria Nirakaran- DAMaN) नामक पहल के माध्यम से मलेरिया के प्रसार पर अंकुश लगाने तथा उसके निदान और उपचार के लिये व्यापक प्रयास किये हैं, इस प्रयासों के चलते बहुत ही कम समय में प्रभावशाली परिणाम भी प्राप्त किये हैं।
- 2017 में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं (Accredited Social Health Activists-ASHAs) ने लगभग 11 मिलियन मच्छरदानियाँ वितरित करने में मदद की, जो उन क्षेत्रों में, जहाँ इसके प्रसार की संभावना सबसे अधिक थी, के सभी निवासियों को मलेरिया जैसे रोगों से सुरक्षा प्रदान करने के लिये आवश्यक था। इनमें आवासीय विद्यालयों के छात्रावास भी शामिल थे।
- अपने निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप ओडिशा ने 2017 में मलेरिया के मामलों और उसके कारण होने वाली मौतों में 80% की गिरावट दर्ज की।
- DAMaN का उद्देश्य राज्य के दुर्गम और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों तक अपनी सेवाओं का विस्तार करना है।
- DAMaN को राज्य के स्वास्थ्य एजेंडे में प्राथमिकता दी गई है।
- इस पहल को प्रभावी बनाने के लिये राज्य द्वारा पाँच सालों के लिये वित्तीय प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2018 (World Malaria Report-2018)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने नवंबर 2018 में यह रिपोर्ट जारी की थी।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया उन्मूलन के वैश्विक प्रयासों में स्थिरता आई है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 में वैश्विक रूप से मलेरिया के 219 मिलियन नए मामले सामने आए। उल्लेखनीय है कि यह संख्या वर्ष 2016 की तुलना में मलेरिया के मामलों की संख्या से 2 मिलियन अधिक थी।
- भारत मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित 11 देशों में से एकमात्र देश है जहाँ इस रोग को कम करने के मामले में पर्याप्त प्रगति देखी गई। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों में यहाँ 24% की कमी देखी गई जो कि भारत के लिये सकारात्मक संकेत है।
- इससे पता चलता है कि भारत मलेरिया को समाप्त करने के लिये किये जा रहे वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में एक अग्रणी देश के रूप में सामने आया है।
- मलेरिया उन्मूलन के मामले में भारत की सफलता मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित अन्य देशों को इस रोग से निपटने के लिये एक उम्मीद प्रदान करती है।
पृष्ठभूमि
- भारत में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख मोड़ 2015 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) के दौरान आया, जब इसने 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया।
- इस सार्वजनिक घोषणा के बाद, भारत ने मलेरिया उन्मूलन के लिये पंचवर्षीय राष्ट्रीय सामरिक योजना (National Strategic Plan for Malaria Elimination) की शुरुआत की।
- इसने मलेरिया ‘नियंत्रण’ से ‘उन्मूलन’ की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिये एक बदलाव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया।
- यह योजना 2022 तक भारत के 678 ज़िलों में से 571 में मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने के लिये एक रोडमैप प्रदान करती है।
आगे की राह
- योजना को सुचारु रूप से कार्यान्वित करने के लिये 10,000 करोड़ रुपए से अधिक धन की आवश्यकता है।
- इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकारों, नागरिक समाज और परोपकारी दाताओं के बीच समन्वित कार्रवाई के साथ संयुक्त निवेश अनिवार्य है।
- चूँकि स्वास्थ्य राज्य सूची का विषय है, इसलिये देश भर की राज्य सरकारें इस बीमारी के उन्मूलन में विशेष ज़िम्मेदारी निभा सकती हैं।