‘मोबाइल वॉलेट’ एप से अधिक सुरक्षित है ‘भीम’ एप | 09 Jan 2017

सन्दर्भ

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिये एक मोबाइल एप ‘भीम’ (BHIM) लॉन्च किया था| जहाँ एक ओर इसे कैशलेस अर्थव्यवस्था को गति देने वाला कदम माना जा रहा है, वहीं इसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं| लेकिन साइबर सुरक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ‘लूसीडियस टेक’ ने ‘भीम’ एप को वर्तमान में उपलब्ध सभी मोबाइल वॉलेट एप्स से अधिक सुरक्षित बताया है।

क्यों सुरक्षित है “भीम” ऐप?

  • लुसीडियस टेक का कहना है कि अधिक फीचर्स वाले एप्लीकेशन (एप)को विकसित करने में ज़्यादा समय तो लगता ही है, साथ में अधिक फीचर्स होने से एप्लीकेशन की सुरक्षा को लेकर भी संशय बढ़ता है, उदाहरण के लिये फेसबुक के एप्लीकेशन में 200 से भी अधिक फीचर्स हैं जबकि भीम एप में मात्र 2 फीचर्स हैं, अतः भीम एप फेसबुक एप की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित है।
  • दरअसल, भीम एप की  विश्वसनीयता पर सवाल इसलिये भी उठ रहे थे क्योंकि इसे बहुत ही कम समय में विकसित किया गया है। हालाँकि, यह संदेह उचित नहीं है क्योंकि भीम एप यूपीआई (Unified Payments Interface -UPI) आधारित भुगतान प्रणाली पर काम करेगा और यूपीआई को पर्याप्त समय में विकसित किया गया है। 
  • ध्यान देने वाली बात है कि भीम एप को पेमेंट सर्वर से जोड़ने के लिये प्रयोग किया जाने वाला इन्क्रिप्शन( कूट-भाषा) वही इन्क्रिप्शन है जिसका प्रयोग ‘गूगल वॉलेट’ और ‘एप्पल पे’ में किया जाता है और ‘गूगल वॉलेट’ तथा ‘एप्पल पे’ को सुरक्षित भुगतान माध्यम माना जाता है। 
  • जैसे ही उपयोगकर्ता द्वारा भीम एप का पहली बार प्रयोग किया जाता है, यह एप उपयोगकर्ता के  डिवाइस आईडी और फोन नंबर से जुड़ जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक ही यूपीआई को अधिकृत मोबाइल फोन और मोबाइल नंबर के अलावा किसी अन्य मोबाइल फोन या मोबाइल नंबर द्वारा संचालित करना असंभव है।
  • भीम एप में एक और महत्त्वपूर्ण सुरक्षा फीचर है- पिन सेट किया जाना। वस्तुतः प्रत्येक लेन-देन के लिये इस पिन की आवश्यकता होगी और यह पिन केवल उपयोगकर्ता की जानकारी में होगी। अतः किसी धोखाधड़ी की संभावना और भी कम हो जाती है।

कैसे काम करता है भीम एप?

  • ‘भीम’ एप के माध्यम से नॉन-यूपीआई खातों या अन्य पतों पर भी धन को भेजा या प्राप्त किया जा सकेगा। साथ ही, ऐसे उपयोगकर्ता जिनके पास यूपीआई खाता नहीं है, उनको भी आईएफएसी और एमएमआईडी कोड के माध्यम से पैसा भेजा जा सकेगा।
  • इसके लिये हर बार खाता संख्या डालने की ज़रूरत नहीं होगी, सिर्फ एक बार अपना बैंक अकाउंट नंबर रजिस्टर करके एक यूपीआई पिनकोड जेनरेट करना होगा।
  • रजिस्ट्रेशन के समय आपको डेबिट कार्ड का ब्यौरा और मोबाइल नंबर बताना होगा। कार्ड नंबर से ही आपकी बैंक डिटेल सिस्टम को मिल जाएगी। इसे अलग से बताने की ज़रूरत नहीं होगी।
  • साथ ही, इसके लिये मोबाइल बैंकिंग को भी एक्टिवेट करने की ज़रूरत नहीं है, सिर्फ आपका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर होना चाहिये। मोबाइल नंबर ही आपका पेमेंट एड्रेस होगा।
  • यह एप बिना इंटरनेट के भी काम करेगा। इंटरनेट के न होने पर फोन से यूएसएसडी कोड (USSD code) *99# डायल करके इस एप को ऑपरेट किया जा सकता है।
  • इसके माध्यम से 24 घंटे में 10,000 रुपए से लेकर अधिकतम 20,000 रुपए तक ट्रांसफर किये जा सकते हैं।
  • बैंक अकाउंट बैलेंस चेक करना, कस्टम पेमेंट एड्रेस को एड करना और QR कोड स्कैन करके पेमेंट करने जैसे कार्य भीम एप से किये जाने संभव हैं।
  • ध्यातव्य है कि डायरेक्ट मनी ट्रांसफर के लिये संबंधित बैंक का यूपीअई प्लेटफॉर्म पर लाइव होना ज़रूरी है। 
  • सभी प्रमुख बैंक जो यूपीअई प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हैं, इस एप में सूचीबद्ध हैं।

निष्कर्ष

  • इस एप की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लॉन्चिग के चंद घंटों के अंदर ही भीम एप भारत में गूगल प्ले स्टोर में वॉ‌ट्सएप, फेसबुक और फेसबुक मेसेंजर जैसे एप्स को पीछे छोड़ते हुए ‘टॉप फ्री ऐप्स’ की लिस्ट में आ गया। इस एप को सुरक्षा मुहैया कराने वाली सायबर सिक्योरिटी कंपनी लुसीडियस टेक की सहायता से बनाया गया है।
  • हालाँकि, भीम एप से पहले ही बाज़ार में कई सारे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन वाले एप मौजूद थे, लेकिन उन सबके मुकाबले भीप एप कई मायनों में भिन्न है। वस्तुतः इसमें आपको किसी भी तरह की ज़्यादा जानकारी देने की आवश्यकता नहीं है| इस एप की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे इस्तेमाल करने के लिये स्मार्टफोन और इंटरनेट की बाध्यता अनिवार्य नहीं है। साधारण फोन के माध्यम से भी इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।