नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

आयुष दवाओं की सुरक्षा निगरानी बढ़ाने के लिये आयुष मंत्रालय की नई केंद्रीय योजना

  • 16 Aug 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्‍योपैथी (ASU&H) दवाओं की सुरक्षा निगरानी बढ़ाने के लिये एक नई केंद्रीय योजना शुरू की है। 

योजना का उद्देश्य

  • इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य आयुष दवाओं के फायदों के साथ ही इनके दुष्‍प्रभावों का लिखित रिकॉर्ड रखना और इन दवाओं के बारे में भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाना है। 

प्रमुख बिंदु

  • आयुष सचिव की अध्‍यक्षता में गठित स्‍थायी वित्त समिति ने 1 नवंबर, 2017 को इस योजना को मंज़ूरी दी थी, जिसके बाद वित्‍त वर्ष 2017-18 के अंत में इसे लागू करने का काम शुरू कर दिया गया।
  • इस योजना के तहत देश भर में आयुष दवाओं की निगरानी के लिये तीन स्‍तरीय नेटवर्क बनाने का काम किया जा रहा है। 
  • मंत्रालय के अधीन एक स्‍वायत्‍त निकाय के रूप में कार्यरत नई दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान को आयुष दवाओं की निगरानी से जुड़ी गतिविधियों के बीच समन्‍वय बनाने का काम सौंपा गया है। 
  • योजना को लागू करने के शुरुआती स्‍तर पर पाँच राष्‍ट्रीय आयुष संस्‍थानों तथा 42 अन्य आयुष संस्‍थानों को इस काम में मदद करने की ज़िम्‍मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत इन संस्‍थानों को आयुष दवाओं का लिखित रिकॉर्ड बनाने, उसका विश्‍लेषण करने, दवाओं के दुष्‍प्रभावों का आकलन कर उनका रिकॉर्ड तैयार करने तथा आयुष दवाओं के सेवन से जुड़ी अन्‍य गतिविधियों का रिकॉर्ड भी रखने का काम करना है। मंत्रालय ने 2020 तक देश में ऐसे 100 केंद्र खोलने का लक्ष्‍य रखा है। 
  • आयुष दवाओं हेतु सुरक्षा नेटवर्क बनाने को सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्‍थान के लिये शुरुआती तौर पर 10.60 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकार किया है।
  • आयुष दवाओं की निगरानी के इस काम में केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन और भारतीय फार्माकोपिया आयोग (Indian Pharmacopoeia Commission) भी आयुष मंत्रालय के साथ काम कर रहा है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow