भारतीय अर्थव्यवस्था
मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल
- 19 Jan 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Automotive Research Association of India-ARAI) द्वारा किये गए एक अध्ययन से पता चला है कि मेथनॉल मिश्रित पेट्रोल को मौजूदा BS-IV मानक कारों में उपयोग कर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
प्रमुख बिंदु
- कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के आकलन हेतु इस अध्ययन को वास्तविक परिस्थितियों में किया गया। वाहनों में 15 प्रतिशत मेथनॉल (M-15) मिश्रण का इस्तेमाल किया गया और लगभग 3,000 किमी. तक चलाकर उनका परीक्षण किया गया।
- अध्ययन के ये निष्कर्ष परिवहन मंत्रालय को सौंप दिये गए हैं। मंत्रालय भी मेथनॉल सम्मिश्रण पर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये तैयार है क्योंकि 2030 तक सरकार का लक्ष्य ईंधन सम्मिश्रण को 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
मेथनॉल अर्थव्यवस्था
- मेथनॉल अर्थव्यवस्था कच्चे तेल के आयात को कम करने के साथ-साथ देश में कोयले के विशाल भंडार का उपयोग करने में मदद कर सकती है।
- एक अनुमान के मुताबिक, भारत कच्चे तेल के आयात पर प्रत्येक वर्ष 7 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है।
- आयात कम करते हुए वैकल्पिक ईंधनों के उपयोग से लगभग 2 लाख करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है। इस बचत का इस्तेमाल देश में कमज़ोर पड़ते जा रहे कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में किया जा सकता है।
- भारत वर्तमान में सऊदी अरब और ईरान से मेथनॉल आयात करता है। नीति आयोग ने अकेले मेथनॉल की सहायता से कच्चे तेल के आयात में 20 प्रतिशत तक की कमी लाने हेतु एक व्यापक योजना तैयार की है।
- मेथनॉल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये गेम चेंजर साबित हो सकता है।
- मेथनॉल दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल होने वाला एक अच्छा ईंधन है।
- अधिकांश देशों में यह प्राकृतिक गैस से बनता है, जबकि भारत में यह स्थानीय रूप से उपलब्ध कोयले से प्राप्त हो सकता है।
मेथनॉल क्या है?
- मेथनॉल एक हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील द्रव है।
- यह आसानी से निर्मित अल्कोहल है। यह जैव ईंधन के उत्पादन में भी उपयोगी है।
- यह कार्बनिक यौगिक है और इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं।
- यह प्राकृतिक गैस, कोयला एवं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनता है।
स्वच्छ क्यों?
- क्योंकि इसके दहन से कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम होता है।
सस्ता कैसे?
- क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है।
- मेथनॉल का निर्माण कृषि उत्पादों, कोयला एवं नगरपालिका के कचरे से भी किया जा सकता है।
- यह जल परिवहन के लिये एक भरोसेमंद ईंधन है क्योंकि यह स्वच्छ, जीवाश्म ईंधन की तुलना में सस्ता तथा भारी ईंधन का एक अच्छा विकल्प है।