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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

मेथनॉल: एक स्वच्छ एवं सस्ता ईंधन

  • 01 Aug 2017
  • 3 min read

संदर्भ
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत में वाहनों में वैकल्पिक ईंधन के रूप में मेथनॉल के मिश्रण को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय ने नीति आयोग से चीन में विकसित ऑटोमोबाइल मानकों का अध्ययन करने को कहा है। चीन अपने ईंधन में 15-20 प्रतिशत मेथनॉल का मिश्रण करता है। 

मेथनॉल क्या है ? 

  • मेथनॉल एक हल्का, वाष्पशील, रंगहीन, ज्वलनशील द्रव है। 
  • यह सबसे सरल अल्कोहल है। यह जैवईंधन के उत्पादन में भी उपयोगी है।
  • यह कार्बनिक यौगिक है। इसे काष्ठ अल्कोहल भी कहते हैं।
  • यह प्राकृतिक गैस, कोयला एवं विभिन्न प्रकार के पदार्थों से बनता है। 

स्वच्छ क्यों ? 

  • क्योंकि इसके दहन से कार्बन का उत्सर्जन कम होता है।

यह सस्ता कैसे है ?

  • क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है। 
  • मेथनॉल का निर्माण कृषि उत्पादों, कोयला एवं नगरपालिका के कचरे से भी किया जा सकता है। 
  • यह जल परिवहन के लिये  एक भरोसेमंद ईंधन है क्योंकि यह स्वच्छ, जीवाश्म ईंधन की तुलना में सस्ता तथा भारी ईंधन का एक अच्छा विकल्प है।

मेथनॉल अर्थव्यवस्था 

  • मेथनॉल अर्थव्यवस्था आयात प्रतिस्थापन के साथ-साथ भारत को उसके कोयले के विशाल भंडार का उपयोग करने में मदद करेगी। 
  • भारत वर्तमान में सऊदी अरब और ईरान से मेथनॉल आयात करता है, नीति आयोग कोयले से मेथनॉल में रूपांतरण के लिये एक रोडमैप पर काम कर रहा है। 
  • मेथनॉल दुनिया के कई हिस्सों में इस्तेमाल होने वाला एक अच्छा ईंधन है। अधिकांश देशों में यह प्राकृतिक गैस से बनता है, जबकि भारत में यह स्थानीय  रूप से उपलब्ध कोयले से प्राप्त हो सकता है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड को मेथनॉल में परिवर्तित करने का अनुसंधान आशाजनक है और यह मेथनॉल अर्थव्यवस्था के लिये खेल-परिवर्तक (गेम चेंजर) हो सकता है।
  • कोयले से एथनॉल बनाया जा सकता है। इस बारे में ओडिशा के तालचर में एक पायलट परियोजना पहले से ही चलाई जा रही है। 
  • एक अनुमान के मुताबिक भारत कच्चे तेल के आयात पर प्रत्येक वर्ष 6 लाख करोड़ रुपए खर्च करता है।
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