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भारतीय अर्थव्यवस्था

BSNL तथा MTNL का विलय

  • 25 Oct 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

BSNL व MTNL का तथ्यात्मक विवरण

मेन्स के लिये:

बैंकों के विलय के बाद दूरसंचार कंपनियों के विलय के संदर्भ में सरकार के निर्णय का विवेचनात्मक पक्ष, आर्थिक संवृद्धि के संदर्भ में दूरसंचार विभाग की महत्ता

चर्चा में क्यों?

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Communication and Information Technology) के दूरसंचार विभाग (Departmenmt of Telecommunication) ने राज्य द्वारा पोषित टेलीकॉम कंपनी BSNL तथा MTNL के विलय और पुनरुत्थान के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

विलय के कारण

  • टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा तथा इनके (BSNL तथा MTNL) उपभोक्ताओं की संख्या में भारी कमी की वजह से दोनों ही कंपनियाँ घाटे की स्थिति में थीं।
  • निजी कंपनियों का बढ़ता प्रभाव, 4-जी सेवा का न होना (BSNL के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर) तथा कर्मचारियों की बढ़ती लागत की वजह से ये कंपनियाँ टेलीकॉम सेक्टर की प्रतिस्पर्द्धा में पीछे छूट गईं।
  • BSNL वर्ष 2009-10 से ही घाटे में चल रही थी। वर्ष 2015-16 में इस कंपनी को 4,859 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, वहीं वर्ष 2018-19 में बढ़कर यह नुकसान 14,202 करोड़ रुपए का हो गया।

प्रस्तावित सुझाव

कैबिनेट ने BSNL तथा MTNL के पुनरुत्थान के लिये चार प्रस्तावों को स्वीकृति दी है।

Bailout Plan

  1. BSNL तथा MTNL को 4-जी सेवाओं के लिये स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इस स्पेक्ट्रम के लिये भारत सरकार 20,000 करोड़ रुपए की पूँजी का निवेश करेगी।
  2. BSNL तथा MTNL द्वारा 15,000 करोड़ रुपए के दीर्घकालिक बॉण्ड जारी किये जाएंगे जिस पर भारत सरकार सॉवरेन गारंटी देगी।
  3. इस प्रस्ताव के अनुसार, BSNL एवं MTNL के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme-VRS) का लाभ दिया जाएगा जिसके अंतर्गत वे कर्मचारी जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं, स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले सकेंगे। इस कार्य के लिये अतिरिक्त लागत का वहन सरकार द्वारा बजट के माध्यम से किया जाएगा। -
  4. संपत्ति मुद्रीकरण योजना (Asset Monetization Scheme) के माध्यम से अधिक पूंजी निर्माण के लिये दोनों कंपनियाँ अपनी संपत्ति का विनिवेश करेंगी।

पृष्ठभूमि

  • महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड (MTNL) की स्थापना 1 अप्रैल, 1986 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य देश के प्रमुख शहरों दिल्ली तथा मुंबई में दूरसंचार सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना, दूरसंचार नेटवर्क में वृद्धि करना तथा दूरसंचार क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति करना है।
    • MTNL दिल्ली में और इसके चार संलग्न शहरों नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाज़ियाबाद तथा मुंबई में बृहन्मुंबई महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र नवी मुंबई तथा थाणे महानगर पालिका को दूरसंचार सेवाएँ उपलब्ध कराता है।
  • भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) की स्थापना 15 सितंबर, 2000 को भारत सरकार के दो विभागों, दूरसंचार सेवा विभाग (Department of Telecom Services-DTS) तथा दूरसंचार संचालन विभाग (Department of Telecom Operations-DTO) को सम्मिलित करके की गई थी।
    • यह देश में दूरसंचार सेवाएँ प्रदान करने वाली सरकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी तथा प्रमुख कंपनी है। इसने पूरे देश के सभी शहरों के अलावा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को भी दूरसंचार से जोड़ा है।

निर्णय के प्रभाव

  • स्पेक्ट्रम के आवंटन से दोनों ही कंपनियाँ 4-जी सेवा तथा पूरे देश में हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएँ मुहैया कराने में सक्षम होंगी। फलतः ये वर्तमान में दूरसंचार क्षेत्र की निजी कंपनियों से प्रतिस्पर्द्धा कर पाएंगी।
  • संपत्ति के मौद्रीकरण तथा बॉण्ड से प्राप्त अतिरिक्त आय का प्रयोग वर्तमान ऋणों की भरपाई तथा भविष्य में कंपनी के विकास के लिये किया जाएगा।
  • VRS के तहत दोनों कंपनियों के तकरीबन आधे कर्मचारी (जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं) इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। संभावना जताई जा रही है कि यदि पुराने कर्मचारी सेवानिवृत्ति लेते हैं तो इनके वेतन पर होने वाले अतिरिक्त खर्च में कमी आएगी।
  • सरकार के द्वारा स्वीकृत इन प्रस्तावों के अनुपालन से BSNL तथा MTNL, विश्वसनीय एवं उच्च गुणवत्ता की सेवा प्रदान करने में सक्षम हो सकेंगे। साथ ही देश के सुदूर क्षेत्रों तथा ग्रामीण इलाकों को इंटरनेट व दूरसंचार सेवाओं से आसानी से जोड़ा जा सकेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस, पी.आई. बी., बिज़नेस स्टैंडर्ड्स

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