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भूगोल

मेघालय वर्षावन

  • 21 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

उष्णकटिबंधीय वर्षावन, मेघालय वर्षावन

मेन्स के लिये:

उष्ण कटिबंधीय वर्षावनों की विशेषताएँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘नॉर्थ-इस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी’ (North Eastern Hill University) द्वारा किये गए एक अध्ययन से पता चला है कि मेघालय के वर्षावनों की संरचना और जैव विविधता भूमध्यरेखीय वर्षावनों (Equatorial Rainforests) के समान है।

मुख्य बिंदु:

  • उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय जीवित जड़ों से निर्मित पुलों तथा सर्वाधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिये जाना जाता है।
  • मेघालय में कर्क रेखा के उत्तर में पाए जाने वाले उष्ण कटिबंधीय वर्षावनों (Tropical Rainforests) की अधिकता है।

उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन:

  • उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में जंतुओं और वनस्पतियों की सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती हैं। ये वर्षावन सबसे बड़े कार्बन सिंक के रूप में कार्य करते हैं।
  • पृथ्वी का केवल 6% भाग उष्णकटिबंधीय वर्षावनों से ढका है परंतु विश्व की कुल प्रजातियों का 4/5वाँ भाग उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में ही पाया जाता है।
  • यहाँ वर्ष भर वर्षा होती है तथा कभी भी मौसम शुष्क नहीं होता है।
  • उष्णकटिबंधीय वर्षावनों की उत्तरी सीमाओं के अंतर्गत इस प्रकार के वनों का अत्यधिक विस्तार भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र मेघालय तथा अरुणाचल प्रदेश के नामदफा में पाया जाता है, जहाँ गर्म और आर्द्र जलवायु के साथ वर्ष भर वर्षा होती है।

अध्ययन से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • इस अध्ययन का उद्देश्य वर्षावनों की उत्तरी सीमा को जानना तथा इन वर्षावनों की भूमध्यरेखीय वर्षावनों से भिन्नता को जानना था।
  • इस अध्ययन में पाया गया कि मेघालय में उच्च वर्षा और आर्द्रता, उचित वार्षिक औसत तापमान वर्षावनों के अस्तित्व के लिये अनुकूल हैं।
  • इस अध्ययन में 2500 से अधिक वृक्षों, झाड़ियों आदि पर शोध किया गया तथा 180 विभिन्न कुलों (वर्गिकी) की पहचान की गई।
  • भूमध्यरेखीय वर्षावनों की अपेक्षा उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में फगेसी (Fagaceae) तथा थिएसी (Theaceae) कुल के वनों का अधिक प्रतिनिधित्व पाया गया।

छोटे वृक्षों की अधिकता:

  • इस अध्ययन के अनुसार, मेघालय के वर्षावनों की विविधता अन्य वर्षावनों के समान थी परंतु इन वर्षावनों में पेड़ों की ऊँचाई काफी कम थी। मेघालय के वर्षावनों में पेड़ो की ऊँचाई लगभग 30 मीटर तक ही पहुँच पाती है जब कि भूमध्यरेखीय वर्षावनों में पेड़ों की ऊँचाई 45 से 60 मीटर तक होती है।
  • मेघालय वर्षावनों में 467 पेड़ प्रति हेक्टेयर का उच्च घनत्व है, यह भूमध्य रेखीय वर्षावनों की तुलना में कम है।
  • इन वर्षावनों में कर्क रेखा के पास पाए जाने वाले विश्व के सभी वर्षावनों से अधिक समृद्ध जैव विविधता पाई गई।

मेघालय वर्षावन उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के वैश्विक मानचित्र में शामिल नहीं:

  • इस अध्ययन के अनुसार, मेघालय वर्षावनों को विश्व के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों के मानचित्र से नजरंदाज किया गया है।
  • इन वर्षावनों का संरक्षण स्थानीय समुदाय द्वारा किया जाता है।
  • स्थानीय जनजातियों में इन वनों को ‘पवित्र उपवन’ के रूप में संरक्षित करने की समृद्ध संस्कृति है।
  • हाल ही में प्रारंभ हुई विकासात्मक गतिविधियों और बढ़ते हुए पर्यटन ने इन वर्षावनों की जैव विविधता को नुकसान पहुंचाया है।

स्रोत-द हिंदू

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