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भारतीय अर्थव्यवस्था

विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ावा देने के उपाय

  • 18 Jul 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

फॉरेक्स, सीआरआर, एसएलआर, ईसीबी, आरबीआई।

मेन्स के लिये:

विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ावा देने के उपाय।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारतीय रुपए के मूल्यह्रास को देखते हुए विदेशी मुद्रा प्रवाह को बढ़ाने के उपाय किये हैं।

RBI द्वारा विदेशी मुद्रा को बढ़ावा देने के उपाय:

  • चालू वित्त वर्ष (2022-23) के दौरान अब तक जारी भू-राजनीतिक तनाव के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 4.1 फीसदी की गिरावट आई है।
    • चालू वित्त वर्ष (2022-23) में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 4.1% गिरकर 79.30 हो गया है।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने छह महीने में 2.32 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं।
  • पिछले 9 महीनों में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी के साथ 593.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुँच गया है।

विदेशी मुद्रा रिज़र्व

  • परिचय:
    • विदेशी मुद्रा भंडार का आशय केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में आरक्षित संपत्ति से है, जिसमें बाॅण्ड, ट्रेज़री बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियाँ शामिल होती हैं।
    • गौरतलब है कि अधिकांश विदेशी मुद्रा भंडार अमेरिकी डॉलर में आरक्षित किये जाते हैं।
  • भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में शामिल हैं:

उपाय :

  • FPI निवेश:
  • उच्च प्राप्ति (रिटर्न):
    • RBI ने बैंकों को विदेशी मुद्रा जमा पर अधिक रिटर्न देने की अनुमति दी है, जिस पर उन्हें कोई भंडार नहीं रखना होगा।
      • तुलनीय घरेलू रुपया सावधि जमा पर बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज़ दरें अधिक नहीं होनी चाहिये।
  • ECB के तहत छूट:
    • कॉरपोरेट्स के लिये बाहरी वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowing- ECB) को नियंत्रित करने वाले नियमों में ढील दी गई है, स्वचालित मार्ग को दोगुना करके 1.5 बिलियन अमेरिकी डाॅलर और उधार लेने की लागत पर 1% बढ़ा दिया गया है।
      • ECB भारत में अनिवासी उधारदाताओं द्वारा विदेशी मुद्रा में भारतीय उधारकर्त्ताओं को दिये गए ऋण हैं। भारतीय निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ( PSU) द्वारा विदेशी धन तक पहुँच की सुविधा के लिये इसका उपयोग किया जाता है।
  • निर्यात कर:
  • FCNR (B) और NRI जमाराशियों पर छूट:
    • अनिवासी भारतीयों (NRI) को FCNR (B) और NRI जमा में भारत में विदेशी मुद्रा लाने के लिये उच्च रिटर्न मिलेगा क्योंकि नवीनतम ज़मा के लिये दरों की सीमा हटा दी गई है।
      • FCNR (B) विदेशी मुद्रा अनिवासी जमा (विदेशी मुद्रा मूल्यवर्ग) हैं, जबकि NRI जमा अनिवासी बाह्य जमा हैं।

बाह्य वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowings)

  • परिचय:
    • ECB एक गैर-निवासी ऋणदाता से न्यूनतम औसत परिपक्वता के लिये भारतीय इकाई द्वारा प्राप्त किया गया ऋण है।
    • इनमें से अधिकतर ऋण विदेशी वाणिज्यिक बैंक खरीदारों के क्रेडिट, आपूर्तिकर्त्ताओं के क्रेडिट, फ़्लोटिंग रेट नोट्स और फिक्स्ड रेट बाॅण्ड इत्यादि जैसे सुरक्षित उपकरणों द्वारा प्रदान किये जाते हैं।
  • ECB के लाभ:
    • यह बड़ी मात्रा में धन उधार लेने का अवसर प्रदान करता है।
    • इससे प्राप्त धन अपेक्षाकृत लंबी अवधि के लिये उपलब्ध होता है।
    • घरेलू धन की तुलना में ब्याज दर भी कम होती है।
    • यह विदेशी मुद्राओं के रूप में होता है। इसलिये यह मशीनरी के आयात को पूरा करने के लिये कॉर्पोरेट को विदेशी मुद्रा रखने में सक्षम बनाता है।
    • कॉर्पोरेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्रोतों, जैसे- बैंक, निर्यात क्रेडिट एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय पूंजी बाज़ार इत्यादि से ECB बढ़ा सकते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्स्प्रेस

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