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सभी बमों में सर्वश्रेष्ठ गैर-परमाणु बम

  • 17 Apr 2017
  • 7 min read

संदर्भ
हाल ही में अमेरिकी सेना द्वारा इस्लामिक स्टेट के लड़ाकुओं के ठिकाने को नष्ट करने के लिये प्रयोग किये गए ‘ सबसे बड़े गैर-परमाणु बम’ ने सम्पूर्ण विश्व का ध्यान एक नए मुद्दे की और आकर्षित कर दिया है| कईं दिनों से चर्चा का केंद्र बना यह ‘सबसे बड़ा गैर - परमाणु बम’ आखिर है क्या? इसकी विशेषताएँ क्या-क्या है? इसक प्रभाव इत्यादि के विषय में इस लेख में विस्तृत चर्चा की गई हैं|

‘मदर ऑफ़ आल बम’ क्या है?

  • 10,000 किलोग्राम भार,10 मीटर लम्बाई और 1 मीटर चौड़ाई वाला ‘मदर ऑफ़ आल बम’ {यह इसका एक प्रचलित नाम है, इसका वास्तविक नाम GBU-43 MAASIVE ORDNANCE AIR BLAST (MOAB) है} एक परंपरागत जीपीएस समर्थित युद्धपोत है|
  • इसे अमेरिकी वायुसेना की प्रयोगशाला द्वारा वर्ष 2002 में बनाया गया था| इसका विकास अलबामा स्थित एरोनॉटिक्स कंपनी ‘डायनेटिक्स’ (Dynetics) द्वारा इराक युद्ध के लिये किया गया था| 
  • इसका प्रथम परीक्षण वर्ष 2003 में हुआ परन्तु इसका उपयोग अभी तक नहीं किया गया था|

यह अन्य बमों से किस प्रकार भिन्न है?

  • इस बम के अन्य बमों से भिन्न होने के इसके दो कारण हैं| प्रथम, यह परंपरागत बमों (मुश्किल से 250 किलोग्राम वज़न वाले बम) की तुलना में 8,000 किलोग्राम के विस्फोटक को ले जाने में सक्षम है|
  • दूसरा, यह एक थर्मोबेरिक हथियार है जो उच्च तापमान युक्त विस्फोट करने के लिये अपने चारों ओर की वायु का उपयोग करता है|
  • यह ऊर्जा की अविश्वसनीय मात्रा को एक छोटे और स्थानीय क्षेत्र में सीमित कर देता है| 
  • इनकी तुलना में अधिकतर परंपरागत बमों में ईंधन और ऑक्सीजन उत्पन्न करने वाले पदार्थ शामिल होते हैं| थर्मोबेरिक हथियारों में लगभग 100% ईंधन होता है तथा यह वायुमंडलीय ऑक्सीजन पर निर्भर नहीं होता है|

क्या यह अन्य बमों की तरह कार्य करता हैं?

  • नहीं, किसी ईमारत अथवा सतह को भेदने के लिये निर्मित किये गए किसी भी बम के विपरीत ‘मदर ऑफ़ आल बम’ के शीर्ष के निकट फ्यूज़ लगा होता है| जब यह बम सतह के ऊपर एक निश्चित ऊँचाई तक पहुँचता है तो इस फ्यूज़ में आग लग जाती है| यह ऊँचाई 50 फीट से 1000 फीट के मध्य होनी चाहिये|
  • जैसे ही फ्यूज़ जलता है, यह ईंधन को वायु में छोड़ देता है| इसके पश्चात् यह ईंधन आणविक ऑक्सीजन में परिवर्तित हो जाता है| तत्पश्चात् एक दूसरा विस्फोट होता है जिससे आणविक ईंधन प्रकाशमान हो जाता है|
  • अमेरिका ने वियतनाम युद्ध के दौरान वायुयान को उतारने के दृष्टिकोण से सभी वनों को समतल भूमि में बदलने के लिये प्राचीन तरीके के ईंधन-वायु बमों का त्याग कर दिया था| इसने कम से कम एक “डेज़ी कटर” (मदर ऑफ़ आल बम का पूर्ववर्ती रूप) का भी त्याग कर दिया है| इस बम को नाटो के अफगानिस्तान अभियान के आरम्भ में टोरा बोरा केव कॉम्प्लेक्स में अलकायदा पर गिराया गया था|

मदर ऑफ़ आल बम को कैसे गिराया जाता है?

  • इस बम के भार के कारण इसे परंपरागत बमवर्षकों से गिराना असंभव है| इसलिये इस बम को एक बड़े परिवहन विमान (जैसे- अमेरिका द्वारा उपयोग किया गया C-130) के माध्यम से ले जाया जाता है|
  • इसके बाद इसे केबिन के पिछले हिस्से से बाहर निकाला जाता है| लक्ष्य भेदने के लिये उपग्रह के माध्यम से जीपीएस द्वारा जुड़ने से पूर्व इसे केबिन से लगे हुए एक बड़े पैराशूट से सम्बद्ध कर दिया जाता है|

क्या मदर ऑफ आल बम विश्व का सबसे बड़ा परंपरागत बम है?

  • नहीं, ‘मदर ऑफ़ आल बम’ केवल अमेरिका के शस्त्रागार का ही दूसरा सबसे बड़ा परंपरागत बम है| ‘मैसिव ऑर्डनेन्स पेंटरेटर’ अमेरिका का सबसे बड़ा परंपरागत बम है जिसमें विस्फोटकों की मात्रा ‘मदर ऑफ़ आल बम’ में उपस्थित विस्फोटकों की मात्रा की दोगुनी होती है|
  • ‘मदर ऑफ़ आल बम’ (जो सतह पर चोट करते ही थोड़े समय में नष्ट हो जाता है तथा यह सतह के नीचे की इमारतों अथवा नेटवर्कों को ध्वस्त कर सकता है जैसे-सुरंगे और गुफाएँ) के विपरीत मैसिव ऑर्डनेन्स पेंटरेटर का प्रभाव कई अधिक गहराई तक पड़ता है तथा यह सेना के बंकरों को भी नष्ट करने में सक्षम है| 
  • परन्तु, इसके बावजूद भी ‘मदर ऑफ़ आल बम’ जवाबी कार्यवाही हेतु उपयोग किया गया ‘सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम’ है|

मदर ऑफ़ आल बम एक सैन्य उपकरण है अथवा मनोवैज्ञानिक उपकरण?

  • इस बम को तैनात व उपयोग करने का जो तरीका अमेरिका ने चुना उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह एक मनोवैज्ञानिक उपकरण है| विस्फोट के दौरान पेंटागन ने एक समाचार प्रकशित किया था जिसमें इस हमले व आई.एस.आई.एस. के ठिकानों पर पड़ने वाले इसके प्रभाव का उल्लेख किया गया था|
  • परन्तु, नागरिक आबादी वाले क्षेत्रों में ऐसे बम द्वारा जवाबी कार्यवाही करने के कारण अमेरिका की कई आलोचनाएँ भी हुई है| यही कारण है कि कि ‘मदर ऑफ़ आल बम’ का उपयोग इराक पर कभी नहीं किया गया था|
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