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भारतीय अर्थव्यवस्था

बाज़ार अवसंरचना संस्थान

  • 01 Mar 2022
  • 6 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE),बाज़ार अवसंरचना संस्थान (MII)।

मेन्स के लिये:

बाज़ार अवसंरचना संस्थान (MII), कैपिटल मार्केट, मोबिलाइज़ेशन ऑफ रिसोर्सेज़।

चर्चा में क्यों?

 भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की स्थापना 12 अप्रैल, 1992 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार की गई थी।
  • प्रमुख कार्य:
    • प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना।
    • प्रतिभूति बाज़ार को विनियमित करना।

बाज़ार अवसंरचना संस्थान:

  • स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉज़िटरी और समाशोधन निगम को सामूहिक रूप से बाज़ार अवसंरचना संस्थान (Market Infrastructure Institutions) प्रतिभूति के रूप में संदर्भित किया जाता है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में स्थापित (2010 में) एक पैनल के अनुसार, 'मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर' शब्द इस पूंजी बाज़ार की सेवा क्षेत्रक मूलभूत सुविधाओं और प्रणालियों को दर्शाता है।
    • प्रतिभूतियों/पूंजी बाज़ार का प्राथमिक उद्देश्य पूंजी/वित्तीय संसाधनों के आवंटन/पुनर्आवंटन को सक्षम बनाना है।
  • MIIs अर्थव्यवस्था में धन के इष्टतम उपयोग में मदद करने के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
  • यह पूंजी आवंटन प्रणाली का केंद्र हैं तथा आर्थिक विकास हेतु अपरिहार्य हैं और किसी भी अन्य बुनियादी ढाँचा संस्थान की तरह समाज पर शुद्ध सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाज़ार है।
  • वर्ष 1992 से निगमित ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ एक परिष्कृत, इलेक्ट्रॉनिक बाज़ार के रूप में विकसित हुआ है, जो इक्विटी ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया में चौथे स्थान पर है।
  • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक व्यापार प्रदान करने वाला पहला एक्सचेंज था।
    • नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत में सबसे बड़ा निजी वाइड-एरिया नेटवर्क है।
  • निफ्टी 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) का प्रमुख सूचकांक है।
  • सूचकांक ब्लू चिप कंपनियों, सबसे बड़ी और सबसे अधिक तरल भारतीय प्रतिभूतियों के पोर्टफोलियो के व्यवहार को ट्रैक करता है। इसमें NSE में सूचीबद्ध लगभग 1600 कंपनियों में से 50 शामिल हैं।

उन्हें महत्त्वपूर्ण क्यों माना जाता है?

  • MIIs भारत में व्यवस्थित रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और यह तथ्य सूचीबद्ध कंपनियों के बाज़ार पूंजीकरण, जुटाई गई पूंजी एवं निवेशक खातों की संख्या तथा डिपॉजिटरी के खाते में रखी गई संपत्ति के मूल्य के मामले में इन संस्थानों की अभूतपूर्व वृद्धि से स्पष्ट है।
  • इस तरह एक MII की कोई भी विफलता और भी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है जिसके परिणामस्वरूप समग्र आर्थिक गिरावट हो सकती है जो संभावित रूप से प्रतिभूति बाज़ार तथा देश की सीमाओं से आगे बढ़ सकती है।
  • दूरगामी प्रभाव की संभावना को देखते हुए एक MII की विफलता व्यापक बाज़ार और अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है, शासन और निरीक्षण बिल्कुल महत्त्वपूर्ण हैं तथा इनके लिये उच्चतम मानकों की आवश्यकता है।

भारत में विशिष्ट संस्थान जो MII के रूप में अर्हता रखते हैं

  • स्टॉक एक्सचेंजों में सेबी ने बीएसई, एनएसई, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया सहित सात को सूचीबद्ध किया है।
  • दो डिपॉज़िटरी हैं - प्रतिभूतियों को सुरक्षित रखने और उनके व्यापार तथा हस्तांतरण को सक्षम करने के लिये चार्ज किया जाता है - जिन्हें MII टैग किया जाता है: सेंट्रल डिपॉज़िटरी सर्विसेज़ लिमिटेड और नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉज़िटरी लिमिटेड।
  • नियामक ‘मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग कॉरपोरेशन’ सहित सात समाशोधन गृहों को भी सूचीबद्ध करता है।
    • क्लियरिंग हाउस, अपने हिस्से के लिये प्रतिभूतियों के व्यापार को मान्य और अंतिम रूप देने में मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि खरीदार और विक्रेता दोनों अपने दायित्वों का सम्मान करते हैं।

स्रोत- द हिंदू

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