कर की चोरी करने वालों की पहचान करेगा ‘मैप एप’ | 27 Apr 2017

संदर्भ
कर संजाल का विस्तार करने हेतु सरकार शीघ्र ही कर की चोरी करने वालों को उनके घर पर ही तलाशने के लिये मानचित्रण अनुप्रयोगों का इस्तेमाल करेगी| यह प्रक्रिया अगले माह से शुरू होगी| केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड कर का भुगतान करने वाले की संपन्नता की जाँच करने के लिये स्थानिक बुद्धिमत्ता का प्रयोग करेगा तथा यह भी देखेगा कि यह व्यक्ति द्वारा घोषित कर वापसी आय के अनुरूप है अथवा नहीं|

प्रमुख बिंदु

  • सरकार डिजिटल मानचित्रण कंपनी मैपमाय इंडिया (Map my India ) की सेवाओं का उपयोग उस व्यक्ति की तलाश करने के लिये कर रही है जो एक समृद्ध इलाके में रह रहा है परंतु अपनी जीवनशैली के अनुरूप कर का भुगतान नहीं कर रहा है|
  • मैपमाय इंडिया संपूर्ण देश के लिये सरकारी मानचित्रण आँकड़ों की आपूर्ति कर चुका है जिनमें से प्रत्येक में व्यक्ति के निवास का पता और जिओकोडिंग मानचित्र भी है| यह जियोकोडिंग मानचित्र इस पते को पृथ्वी की सतह पर उपस्थित किसी स्थान में परिवर्तित कर देता है| 
  • यह जनसंख्या, परिवारों की संख्या और उनके आय के स्तर के आँकड़े भी उपलब्ध कराता है| पैनकार्ड धारकों के पते का उपयोग कर विभाग उन्हें मानचित्र में पहचानने में समर्थ होता है|
  • सभी उच्च मूल्य वाले लेन-देनों में यह आवश्यक होता है कि कर का संग्रह आरंभ में कर लिया जाए| इस प्रकार विभाग के लिये यह निर्धारित करना आसान होगा कि किसी व्यक्ति का खर्च उसकी आय के अनुसार ही है अथवा नहीं| 
  • उदाहरण के लिये, 5 लाख से अधिक के गहनों और नकदी में खरीदे गए 2 लाख से अधिक के किसी भी सामान के समान ही 10 लाख से अधिक के वाहनों के लिये कर का संग्रह आरंभ में ही हो जाता है| इससे सरकार को व्यक्ति की संपन्नता के बारे में पता चलता है तथा यह भी ज्ञात होता है कि व्यक्ति अपनी संपन्नता के अनुरूप कर का भुगतान कर रहा है अथवा नहीं|
  • गौरतलब है कि यदि कोई व्यक्ति निश्चित आय की घोषणा कर रहा है और उसके कुछ खर्चे हैं तो सरकार उसकी आय और व्यय में तालमेल बिठाने का प्रयास कर रही है| आरंभ में इसके लिये सरकार के पास आँकड़े उपलब्ध नहीं थे परन्तु अब सरकार के पास डिजिटल रूप में सभी आँकड़े मौजूद हैं और वह उन्हें केंद्रीकृत करना चाहती है|
  • कर विभाग कर से संबंधित अन्य प्राचलों (parameters ) की भी जाँच करेगा जैसे- जिस व्यक्ति ने स्वाधिकार संपत्ति की घोषणा की थी और जो इस पर कर-लाभों का दावा कर रहा है, वह व्यक्ति वास्तव में उस घर में रह भी रहा है अथवा नहीं|