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भारतीय अर्थव्यवस्था

विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक में गिरावट

  • 06 May 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये:

क्रय प्रबंधक सूचकांक

मेन्स के लिये:

विनिर्माण क्षेत्र से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

आईएचएस मार्किट इंडिया (IHS Markit India) द्वारा जारी मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल 2020 में विनिर्माण क्षेत्र के ‘क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (Purchasing Manager's Index- PMI) में गिरावट दर्ज की गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • गौरतलब है कि विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक अप्रैल 2020 में 27.4 दर्ज किया गया है, जबकि मार्च 2020 में यह 51.8 अंक पर था। 
  • ध्यातव्य है कि पिछले 32 महीनों से विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक में निरंतर बढ़ोतरी हो रही थी।
  • हालिया विनिर्माण सूचकांक इस क्षेत्र में 15 वर्ष पहले शुरू किये गए संग्रहण का अब तक का न्यूनतम स्तर है। 
  • ध्यातव्य है कि अर्थशास्त्रियों और वैश्विक रेटिंग फर्मों के अनुसार, आर्थिक विकास दर 1% के स्तर से भी नीचे जा सकती है।
  • क्रय प्रबंधक सूचकांक हेतु आवश्यक आँकड़ों को दुनिया भर के 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों द्वारा संकलित किया जाता हैं।
  • आईएचएस मार्किट इंडिया दुनिया भर के प्रमुख उद्योगों और बाज़ारों के लिये सूचना तथा उनकी स्थिति का विश्लेषण करता है। 

क्रय प्रबंधक सूचकांक में गिरावट के कारण:

  • COVID-19 के मद्देनज़र देशभर में लॉकडाउन की वज़ह से अप्रैल 2020 में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। 
  • आईएचएस मार्किट इंडिया द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के निर्यात में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
  • मांग में कमी के कारण व्यापार में गिरावट को देखते हुए विभिन्न औद्योगिक संस्थानों को अपने कर्मचारियों की संख्या में भी कमी करनी पड़ी है।
  • देशभर में लॉकडाउन से फैक्ट्री को बाज़ार से प्राप्त होने वाले नए कॉन्ट्रैक्ट (उत्पाद निर्माण से संबंधित), फैक्ट्री में निर्मित कुल उत्पाद, इत्यादि की संख्या में भारी कमी आई है। 

क्रय प्रबंधक सूचकांक

(Purchasing Manager's Index- PMI):

  • PMI विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों का एक संकेतक है। यह एक सर्वेक्षण-आधारित प्रणाली है।
  • PMI की गणना विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों हेतु अलग-अलग की जाती है जिसके पश्चात् एक समग्र सूचकांक का तैयार किया जाता है। 
  • PMI को 0 से 100 तक के सूचकांक पर मापा जाता है।
  • 50 से ऊपर का आँकड़ा व्यावसायिक गतिविधि में विस्तार या विकास को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का आँकड़ा संकुचन (गिरावट) को प्रदर्शित करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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