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मानसून और जल शक्ति अभियान

  • 29 Apr 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान

मेन्स के लिये:

जल जीवन मिशन का महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

‘जल शक्ति अभियान’ (Jal Shakti Abhiyan) की तैयारियों की दिशा में विभिन्न विभागों यथा- ‘ग्रामीण विकास विभाग’, ‘भूमि संसाधन विभाग’ आदि द्वारा मानसून के मद्देनज़र सभी राज्यों/ केंद्रशासित क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को संयुक्त परामर्श जारी किया है।

मुख्य बिंदु:

  • COVID-19 महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम बल की व्यापक उपलब्धता को देखते हुए आगामी मानसून के मद्देनज़र जल शक्ति अभियान के तहत तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं।
  • अभियान के तहत जारी एडवाइज़री में राज्यों को जल संरक्षण व पुनर्रभरण की दिशा में की जाने वाली तैयारियों को प्रारंभ करने को कहा है।

जल शक्ति अभियान:

  • जल शक्ति अभियान को 1 जुलाई, 2019 को प्रारंभ किया गया था। 
  • इसके अभियान के तहत जल संकट से जूझ रहे देश के 256 ज़िलों को शामिल किया गया था। 
  • इस अभियान को दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जबकि उत्तर-पूर्व मानसून से वर्षा प्राप्त करने वाले राज्यों में 1 अक्तूबर से 30 नवंबर तक संचालित किया जाता है।
  • जल शक्ति अभियान का उद्देश्य ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना’ और ग्रामीण विकास मंत्रालय के ‘एकीकृत जलसंभरण प्रबंधन कार्यक्रम’ के साथ-साथ जल शक्ति और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही मौजूदा जल पुनर्भरण और वनीकरण योजनाओं के तहत जल संचयन, संरक्षण और पुनर्भरण गतिविधियों में तेज़ी लाना है।
  • यह अभियान के तहत सभी हितधारकों को जल संरक्षण अभियान के दायरे में लाने के लिये व्यापक जनांदोलन है। 

अभियान की प्रगति: 

  • केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, सामाजिक संगठनों, पंचायती राज संस्थानों और समुदायों सहित लगभग 6.5 करोड़ लोग अब तक इस अभियान से जुड़ चुके हैं। 
  • 75 लाख पारंपरिक एवं अन्य जल स्रोत तथा तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है।  
  • लगभग एक करोड़ जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के निर्माण कार्य किये गए हैं।

जल शक्ति अभियान 2020 में बदलाव:

  • COVID- 19 महामारी के कारण केंद्र सरकार के अधिकारियों को गर्मियों में इस अभियान में नहीं लगाया जाएगा। इस क्रम में सुनिश्चित किया जाएगा कि मानसून के दौरान वर्षा जल के संरक्षण के लिये सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा सके।
  • लॉकडाउन को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर मनरेगा कार्यों, पेयजल तथा स्वच्छता कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी तथा मनरेगा कार्यों के साथ सिंचाई और जल संरक्षण कार्यों के साथ सामंजस्य पर बल दिया जाएगा।
  • यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी कार्यों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन, फेस कवर/मास्क के उपयोग और अन्य आवश्यक सावधानियों के साथ कराया जाए।
  • छोटी नदियों के जीर्णोद्धार के लिये सामुदायिक नदी बेसिन प्रबंधन प्रक्रियाओं की भी शुरुआत की जा सकती है। 

निष्कर्ष:

  • जल शक्ति अभियान के तहत चलाई जाने वाली गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों का स्थायित्त्व सुनिश्चित होगा और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लागू किये जा रहे जल जीवन मिशन को मज़बूती मिलेगी।

‘जल जीवन मिशन’:

  • इस मिशन  के तहत वर्ष 2024 तक पूरे देश में पेयजल हेतु नल का जल उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

स्रोत: पीआईबी

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