अंतर्राष्ट्रीय संबंध
मालदीव चीन की उपस्थिति के कारण भारत को कम महत्त्व दे रहा है
- 11 Aug 2018
- 4 min read
संदर्भ
हाल ही में मालदीव (MALDIV) की चीन समर्थक अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने भारत को मालदीव से अपने सैनिकों और हेलिकॉप्टर वापस बुलाने को कहा है।
प्रमुख बिंदु
- हिंद महासागर द्वीप श्रृंखला में स्थित मालदीव भारत और चीन के लिये समान महत्त्व रखता है।
- बीजिंग द्वारा मालदीव में सड़कों, पुलों और एक बड़े हवाई अड्डे का निर्माण किया जा रहा है, जो दशकों से बनी हुई भारत की सैन्य और नागरिक सहायता के प्रमुख प्रदाता की छवि को आघात पहुँचा रहा है।
- हाल ही में भारत ने मालदीव में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को लेकर यामीन की कार्रवाही का विरोध किया है और इसी वर्ष वहाँ आपातकाल भी लगाया गया था।
- साथ ही वहाँ राष्ट्रपति के कुछ प्रतिद्वंद्वियों ने सैन्य हस्तक्षेप के लिये नई दिल्ली में मुलाकात भी की है, जिससे सरकार की चिंताएँ और बढ़ी हैं।
- ऐसे तनाव, सुरक्षा सहयोग जैसे सहायता कार्यक्रमों को प्रभावित कर रहे हैं, सरकार ने छोटे देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों की रक्षा करने, सर्वेक्षण और समुद्री डाकुओं का मुकाबला करने में मदद के उद्देश्य से मालदीव को भी ऐसा सहयोग दिया है।
- भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद के अनुसार भारत द्वारा प्रदान किये गए दो सैन्य हेलीकॉप्टर जिनका उपयोग मुख्य रूप से चिकित्सा सेवा कार्य के लिये किया जाता है, द्वीप के संसाधनों के लिये पर्याप्त नहीं हैं।
- हालाँकि भारत और मालदीव अभी भी हर महीने द्वीप के विशेष आर्थिक क्षेत्र में संयुक्त रूप से गश्त कर रहे हैं।
- मालदीव, भारत के दक्षिण-पश्चिम में 400 किमी (250 मील) की दूरी पर स्थित है और चीन एवं मध्य पूर्व के बीच दुनिया की सबसे व्यस्त शिपिंग लेन के समीप भी है।
- दरअसल, हेलीकॉप्टरों के साथ भारत ने पायलटों और रखरखाव दल सहित लगभग 50 सैन्यकर्मियों को तैनात किया है और उनके वीज़ा की समय सीमा समाप्त हो गई है लेकिन भारत ने उन्हें अभी तक द्वीप श्रृंखला से वापस नहीं बुलाया है।
- भारत यामीन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की मुक्ति सहित पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की मुक्ति की मांग कर रहा है।
- वर्ष 2011 में मालदीव में दूतावास खोलने वाले चीन ने अपने बेल्ट और रोड पहल के हिस्से के रूप में इस द्वीप श्रृंखला के साथ तेज़ी से संबंधों में सुधार किया।
- मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स जैसे देशों को हेलीकॉप्टर तथा गश्ती नौकाएं और उपग्रह सहायता प्रदान करना, हिंद महासागर में प्रभाव बनाए रखने के लिये भारत की नौसैनिक कूटनीति का हिस्सा रहा है।
- लेकिन हाल के वर्षों में चीन ने वहाँ बंदरगाहों और सड़कों के निर्माण कार्य को बढ़ा दिया है।
- मालदीव में बीजिंग शहरी निर्माण समूह कंपनी लिमिटेड ने भारत के जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ 511 मिलियन डॉलर के सौदे को रद्द करने के बाद राजधानी माले में हवाई अड्डे का विस्तार करने के लिये एक परियोजना शुरू की है।
- राष्ट्रपति यामीन ने चीन को कई बुनियादी ढाँचों के निर्माण के लिये आमंत्रित किया है और उन्हें संदेह है कि भारत इस बात पर नज़र रखने की कोशिश कर रहा है कि चीन द्वारा वहाँ क्या किया जा रहा है और इसलिये सरकार भारतीयों को मालदीव से बाहर रखना चाहती है।