मलप्पुरम : तेज़ी से बढ़ता शहर | 14 Jan 2020
प्रीलिम्स के लिये:इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा जारी सूची मेन्स के लिये:शहरीकरण के प्रभाव |
चर्चा में क्यों ?
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (Economist Intelligence Unit : EIU) की रैंकिंग के अनुसार, केरल का शहर मलप्पुरम, विश्व के सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरी क्षेत्र में से एक हैं।
अन्य बिंदु :
- संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग (United Nations Population Division) के आँकड़ों के आधार पर इस सूची को इसलिये असामान्य माना गया क्योंकि नीति आयोग द्वारा वर्ष, 2016 में जारी आकड़ों के अनुसार केरल में कुल प्रजनन दर (Total Fertility Rate - TFT) 1.8 रही जोकि 2.1 की प्रतिस्थापन दर (Replacement Rate) से कम थी।
- EIU द्वारा प्रदत्त रैंकिंग के अनुसार, केरल के तीन शहर- मलप्पुरम (Malappuram), कोझीकोड (Kozhikode) और कोल्लम (Kollam) जनसंख्या वृद्धि दर के मामले में विश्व के शीर्ष 10 सबसे तेज़ी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में से एक हैं।
- इस सूची में मलप्पुरम को प्रथम, जबकि कोझिकोड को चौथे स्थान पर रखा गया है वहीं कोल्लम 10वें स्थान पर है।
- सूची में केरल के अन्य शहर, त्रिशूर (Thrissur)13वें स्थान पर राजधानी तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) 33वें स्थान पर है।
- तमिलनाडु का तिरुप्पुर (Tiruppur) जिसकी कुल प्रजनन दर 1.6 से भी कम है, 30वें स्थान पर है।
- गुजरात का सूरत 2.2 कुल प्रजनन दर के साथ 27वें स्थान पर है।
- वर्ष 2015 और 2020 के बीच मलप्पुरम की जनसंख्या में वृद्धि परिवर्तन की दर 44.1 रही, कोझीकोड की 34.5 प्रतिशत तथा कोल्लम में जनसंख्या में वृद्धि परिवर्तन की दर 31.1 प्रतिशत रही।
- त्रिशूर की रैंकिंग में वर्ष 2015 और 2020 के बीच 30.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की गई है।
मलप्पुरम (44%), कोझीकोड (34.5%) और कोल्लम (31%) में शहरीकरण के तेज़ी से बढ़ने का कारण:
- इन शहरों में तेज़ी से शहरीकरण बढ़ रहा है जिसका मुख्य कारण शहरी संकुल (Urban Agglomerations) की सीमा में नए क्षेत्रों को शामिल करना है।
- वर्ष 2011 में, मलप्पुरम के भीतर नगर निगमों की संख्या बढ़कर चार की गई और 37 अतिरिक्त सीटें भी शामिल की गई। जिससे शहरी समूह की जनसंख्या मौजूदा शहरी क्षेत्रों में और नए क्षेत्र शामिल होने के कारण एक ही अवधि में लगभग 10 गुना बढ़ गई।
तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या के संदर्भ में शहर की परिभाषा :
- संयुक्त राष्ट्र के शहरी समूह (UA) के अनुसार, तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या के संदर्भ में एक शहरी क्षेत्र वह है जो अपने आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ अपनी परिधि से लगे बाहरी इलाकों जैसे- गाँवों या अन्य आवासीय क्षेत्रों या विश्वविद्यालयों, बंदरगाहों आदि के क्षेत्र को भी सम्मलित करता हैं।
शहरी आबादी कैसे बढ़ती है?
- शहरी आबादी तब बढ़ सकती है, जब जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक हो।
- लोग नौकरियों की तलाश में शहर की ओर पलायन करते हैं।
- जब अधिक क्षेत्र शहर की सीमाओं के भीतर शामिल किये जाते हैं।
- जब मौज़ूदा ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया जाता है।
- केरल में कम प्रजनन दर का मतलब यह नहीं कि प्रजनन की दर बढ़ रही है बल्कि इसका कारण अधिकतम गाँवों को कस्बों में तब्दील किया जाना है, जिससे शहर की सीमाओं का विस्तार हो रहा है।
बढ़ते शहरीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव :
- इस तरह के शहरीकरण का अर्थव्यवस्था पर अच्छे ओर बुरे दोनों ही प्रभाव पड़ते हैं।
- शहरीकरण से शहरों का विकास होता है जिसमे सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं तथा बुनियादी सुविधाएँ शामिल है जैसे अस्पतालों,विश्वविद्यालय इत्यादि का विकास
- शहरीकरण युवाओं के लिए रोज़गार के अधिक अवसर प्रदान करता हैं, यही वज़ह है कि यह युवाओं और उद्यमियों को आकर्षित करता है ।
- वहीं अनियोजित शहरीकरण लोगों के बहिष्करण का कारण भी हो सकता है, जिसे प्रवासियों के लिये बुनियादी सुविधाएँ एवं सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं की ऊँची कीमतों के कारण विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट
- इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना इकोनॉमिस्ट ग्रुप के तहत वर्ष 1946 में की गई थी।
- इसका कार्य पूर्वानुमान और सलाहकारी सेवाएँ प्रदान करना है।
- इसका मुख्यालय लंदन में है।