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ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु ‘महिला शक्ति केंद्र’ का महत्त्व

  • 23 Nov 2017
  • 8 min read

चर्चा में क्यों ? 

हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs) द्वारा वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 की अवधि के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं का विस्तारीकरण करते हुए उन्हें ‘महिलाओं के लिये सुरक्षा और सशक्‍तीकरण मिशन’ (Mission for Protection and Empowerment for Women) नामक अम्ब्रेला स्कीम में शामिल किये जाने हेतु मंज़ूरी प्रदान की गई है। 

प्रमुख बिंदु

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्रट (Pradhan Mantri Mahila Shakti Kendra) नामक नई स्‍कीम को भी मंज़ूरी प्रदान की गई है। 
  • इस योजना के तहत सामुदायिक भागीदारी के माध्‍यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्‍त बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि एक ऐसे परिवेश का निर्माण किया जा सके जिसमें महिलाएँ अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सकें। 
  • इसके अलावा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की सफलता को देखते हुए इसके विस्‍तार को भी मंज़ूरी प्रदान की गई है।

इस योजना की प्रमुख विशेषताएँ इसप्रकार हैं -

  • घटते हुए लिंगानुपात में सुधार करना।
  • नवजात कन्‍या की उत्तरजीविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
  • उसकी शिक्षा को सुनिश्चित करना और उसकी क्षमता को पूर्ण करने के लिये उसे सशक्‍त बनाना। 
  • ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों हेतु सरकार से संपर्क करने के लिये इंटरफेस प्रदान करना।
  • प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्‍यम से उन्‍हें सशक्‍त बनाना। 
  • स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थी, स्‍वैच्छिक सामुदायिक सेवा और लैंगिक समानता की भावना को प्रोत्‍साहित करना। 

अम्‍ब्रेला स्‍कीम के मुख्‍य कार्यकलाप

  • प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र नई स्‍कीम की परिकल्‍पना विभिन्‍न स्‍तरों पर कार्य करने के लिये की गई है।
  • राष्‍ट्र स्‍तरीय (क्षेत्र आधारित ज्ञान सहायता) और राज्‍य स्‍तरीय (महिलाओं के लिये राज्य संसाधन केंद्र) संरचनाएँ महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर संबंधित सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। 
  • ज़्ला और ब्लॉक-स्‍तरीय केंद्र महिला शक्ति केंद्र को सहायता प्रदान करेंगे।
  • साथ ही यह चरणबद्ध तरीके से कवर किये जाने वाले 640 ज़िलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना को भी आधार प्रदान करेंगे।
  • स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों के माध्‍यम से सामुदायिक सेवा की परिकल्‍पना प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र खंड-स्‍तरीय पहलों के रूप में 115 अत्‍यधिक पिछड़े ज़िलों के रूप में परिकल्पित की गई है। 
  • स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थी विभिन्‍न महत्त्वपूर्ण सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता सृजन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 
  • स्‍वेच्‍छाकर्मी विद्यार्थियों के कार्यकलापों पर आधारित प्रमाण को वैब आधारित प्रणाली के माध्‍यम से मॉनीटर किया जाएगा।
  • कार्य समाप्ति पर सामुदायिक सेवा के प्रमाण-पत्रों को सत्‍यापन के लिये राष्‍ट्रीय पोर्टल पर दर्शाया जाएगा और प्रतिभागी विद्यार्थी भविष्‍य में इन्‍हें अपने संसाधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से संबद्ध प्रमुख बिंदु

  • निरंतर राष्‍ट्रव्‍यापी पक्ष समर्थन और 640 ज़िलों में मीडिया अभियान तथा चयनित 405 ज़िलों में बहुक्षेत्रीय कार्यवाही के माध्‍यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के लिये विस्‍तार एंव प्रयासों में तीव्रता के लिये भी मंज़ूरी दी गई है। 
  • कामकाजी महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिये लगभग 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्‍टलों की स्‍थापना की जाएगी, जिनमें लगभग 19 हज़ार महिलाएँ रह सकेंगी। 
  • लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिये अतिरिक्‍त स्वाधार गृहों को भी मंज़ूरी दी गई है।

वन स्‍टॉप सेंटरों की स्थापना 

  • हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समावेशी सहायता प्रदान करने के लिये इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्‍त ज़िलों में वन स्‍टॉप सेंटरों (ओएससी) की स्‍थापना की जाएगी। 
  • इन वन स्‍टॉप सेंटरों को महिला हेल्‍पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा। 
  • देश भर के सार्वजनिक और निजी दोनों स्‍थानों पर हिंसा से पीडि़त महिलाओं को 24 घंटे की आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी। 
  • राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों में स्‍वैच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्‍वेच्‍छाकर्मियों (एमपीवी) को संलग्‍न करके एक अद्वितीय पहल शुरू की जाएगी, जिससे कि जनता-पुलिस संपर्क स्‍थापित किया जा सके।
  •  सभी राज्‍यों और संघ राज्‍य क्षेत्रों को कवर करते हुए 65 ज़िलों में इसका विस्‍तार किया जाएगा।  

योजना की मॉनिटरिंग और मूल्‍यांकन:

  • इस योजना के तहत सभी उप-योजनाओं की योजना, समीक्षा और निगरानी के लिये राष्‍ट्रीय, राज्‍य और ज़िला स्‍तर पर एक सामान्‍य कार्यबल गठित किया जाएगा, जिसका उद्देश्‍य कार्यवाही के अभिसरण और लागत प्रभाविकता को सुनिश्चित करना है। 
  • नीति आयोग द्वारा दिये गए सुझाव के अनुसार, सभी उप-योजनाओं के लिये सूचकों पर आधारित परिणाम की निगरानी के लिये तंत्र की स्‍थापना भी की जाएगी। 
  • इन योजनाओं को राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों और कार्यान्‍वयन एजेंसियों के माध्‍यम से क्रियान्वित किया जाएगा। 
  • सभी उप-योजनाओं का केंद्रीय स्‍तर, राज्‍य, ज़िला और खंड स्‍तर पर एक अंतरनिर्हित निगरानी ढाँचा विकसित किया जाएगा।
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