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शासन व्यवस्था

लॉकडाउन के तहत प्रतिबंधों में छूट पर रोक

  • 16 Apr 2020
  • 8 min read

प्रीलिम्स के लिये:

COVID-19

मेन्स के लिये:

भारत में COVID-19 का प्रभाव, COVID-19 से निपटने हेतु सरकार के प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम (Disaster Management Act), 2005 के तहत प्राप्त अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (National Executive Committee) के अध्यक्ष को वर्तमान में देशभर में लागू लॉकडाउन को 3 मई, 2020 तक जारी रखने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य बिंदु:

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) ने 14 अप्रैल, 2020 को देश में लॉकडाउन को 3 मई, 2020 तक जारी रखने का आदेश दिया है।  
  • इस आदेश के बाद केंद्रीय कैबिनेट सचिव (Union Cabinet secretary) ने देश भर में लॉकडाउन को जारी रखने और इस संदर्भ में भविष्य की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिये 15 अप्रैल, 2020 को देश के सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक की थी। 

राष्ट्रीय कार्यकारी समिति

(National Executive Committee):

  • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उसके कार्यों में सहयोग प्रदान करने के लिये आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा- 8 के तहत केंद्र सरकार द्वारा  NDMA की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति का गठन किया जाता है। 
  • केंद्रीय गृह सचिव इस समिति के पदेन अध्यक्ष होते हैं। 
  • राष्ट्रीय कार्यकारी समिति एक समन्वयक और निगरानीकर्त्ता निकाय के रूप में कार्य करती है। 
  • यह समिति देश में आपदा प्रबंधन की राष्ट्रीय नीति का निर्माण, इसकी योजना की रूपरेखा तैयार करने और उसके क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकारों के बीच समन्वय और तकनीकी सहायता प्रदान करने का कार्य करती है। 

लॉकडाउन में वृद्धि:

  • भारतीय प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल, 2020 को एक वीडियो संदेश के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिये देशभर में लागू लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा की थी। 
  • इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आदेश जारी कर दिया गया है।
  • इस आदेश के अनुसार, लॉकडाउन की अवधि में बढ़ोतरी के साथ ही देश में विभिन्न क्षेत्रों में लागू सभी प्रकार के प्रतिबंध 3 मई तक लागू रहेंगे।
  • आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि  कोई भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लागू प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दे सकता।
  • ध्यातव्य है कि इससे पहले 24 मार्च, 2020 को भारतीय प्रधानमंत्री ने देश में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिये 21 दिनों (14 अप्रैल, 2020) के लिये संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी। 

COVID-19 और लॉकडाउन:  

  • COVID-19 कोरोनावायरस नामक विषाणु से होने वाली एक संक्रामक बीमारी है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के अनुसार,COVID-19 के शुरूआती मामले 31 दिसंबर, 2019 चीन के वुहान प्रांत में निमोनिया (Pneumonia) जैसे लक्षणों वाली अज्ञात बीमारी के रूप में मिले थे। 
  • विशेषज्ञों के अनुसार, इस वायरस का 'इनक्यूबेशन पीरियड' (Incubation Period) 14 दिनों का होता है, अर्थात किसी भी व्यक्ति के इस वायरस से संक्रमित होने से 14 दिनों के अंदर उसमें COVID-19 के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
  • वर्तमान में इस बीमारी के किसी प्रामाणिक उपचार या टीकाकरण के अभाव में इसके प्रसार को रोकना ही इस बीमारी के नियंत्रण का सबसे अच्छा उपाय है।

लॉकडाउन की अवधि में वृद्धि के लाभ: 

  • भारत में 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद भी कई क्षेत्रों में कुछ लापरवाहियों के कारण COVID-19 के मामले बढ़ गए थे।
  • अतः देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर इस बीमारी के प्रसार को रोकने में सहायता प्राप्त होगी।  
  • वर्तमान में विश्व के किसी भी देश के पास COVID-19 के संदर्भ में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, पिछले कुछ दिनों में देश में स्वास्थ्य क्षेत्र के शीर्ष संस्थानों और औद्योगिक क्षेत्र के बीच आपसी सहयोग से इस क्षेत्र में कुछ प्रगति हुई है। जैसे-  COVID-19 के संक्रमण की पहचान के लिये स्वदेशी परीक्षण किट का निर्माण, इसकी रोकथाम के लिये पहले से उपलब्ध दवाइयों पर प्रयोग आदि।
  • लॉकडाउन में वृद्धि करने से लोगों के किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा और इस दौरान देश में अधिक-से-अधिक लोगों का परीक्षण करना संभव हो सकेगा।

आगे की राह: 

  • वर्तमान में इस बीमारी के नियंत्रण के लिये अधिक-से अधिक लोगों का परीक्षण कर उन्हें चिकित्सीय सहायता उपलब्ध की जानी चाहिये।
  • इस बीमारी के प्रसार को रोकने में जनता के सहयोग का होना बहुत महत्त्वपूर्ण है, अतः लोगों को सरकार के निर्देशों का अनुसरण करते हुए इस बीमारी के नियंत्रण में अपना सहयोग देना चाहिये। 
  • वर्तमान में लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी की पहुँच को सुनिश्चित करना चाहिये, जिससे समय रहते इस बीमारी की पहचान कर इसके रोकथाम के उचित प्रयास किये जा सकें।
  • विश्व के अन्य देशों की तरह ही भारत में भी इस लॉकडाउन के कारण आर्थिक क्षेत्र में लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ा है, ऐसे में किसी बड़ी आर्थिक चुनौती से बचने और अर्थव्यवस्था को पुनः गति प्रदान करने के लिये एक मज़बूत राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता होगी।

स्रोत: द हिंदू

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