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गौ संरक्षण के लिये राजस्थान सरकार ने शराब पर 20% अधिभार लगाया

  • 25 Jun 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान सरकार ने राज्य में गायों की सुरक्षा हेतु धन जुटाने के लिये शराब पर 20 प्रतिशत अधिभार लगाने का निर्णय लिया है। इस धन का उपयोग राज्य में गायों की सुरक्षा व प्रसार के लिये किया जाएगा|

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • राजस्‍थान के वित्त विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 23 जुलाई, 2018 से राजस्थान वैल्यू एडेड टैक्स एक्ट, 2003 के प्रावधानों के तहत विदेशी शराब, भारत में निर्मित विदेशी शराब, देसी शराब और बीयर पर लगने वाले टैक्‍स पर 20 प्रतिशत अधिभार (cess) देना होगा।
  • राज्य सरकार ने पिछले साल अप्रैल में गायों की सुरक्षा के लिये सभी गैर-न्यायिक इंस्ट्रूमेंट्स (non-judicial instruments) पर 10% अधिभार लगाया था| इससे किराया समझौते, बंधक पत्र और पट्टा समझौते महंगे हो गए थे।
  • आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार शराब अधिभार के अलावा गौ संरक्षण और प्रसार के लिये गैर-न्यायिक इंस्ट्रूमेंट्स पर मौजूदा अधिभार 10% से बढ़ाकर 20% करने पर भी विचार कर रही है।

राजस्थान में 2,000 से अधिक गौ आश्रय केंद्र 

  • राज्य के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में 5.86 लाख गायों के साथ 1,682 आश्रय केंद्र हैं। राजस्‍थान में कुल 2,562 गौ संरक्षण केंद्र हैं जहाँ कुल 8.6 लाख गायें हैं। 
  • पिछले दो वित्तीय वर्षों में राजस्थान सरकार ने गायों और उनके संतति (progeny) के संरक्षण और प्रसार के लिये स्टाम्प ड्यूटी पर लगाए गए 10% अधिभार से लगभग  895 करोड़ रुपए अर्जित किये हैं।
  • गौ संरक्षण और प्रसार निधि नियम -2011 के प्रस्तावों के तहत, राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2016-17 में  132.68 करोड़ रुपए प्रदान किये। इस धन से चारा और पानी के लिये 1,160 गौ आश्रय केंद्रों के लिये धन उपलब्ध कराया गया था।
  • 2017-2018 में  राज्य सरकार ने 1,603 गौ आश्रय केंद्रों पर 123.07 करोड़ रुपए खर्च किये। 2015-16 में  अधिभार लागू होने से पहले, राज्य सरकार ने 4,449 गौजातियों (bovines) को पोषित करने के लिये  1.80 करोड़ रुपए खर्च किये थे।
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