जीवन कौशल | 12 Sep 2019
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 11 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा डिज़ाइन जीवन कौशल (Life Skills) संबंधी पाठ्यक्रम लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु:
- वर्तमान समय में परीक्षाओं में केवल अंक अर्जित करने की अवधारणा विद्यमान है। इस तरह की अवधारणा से समाज में संचालित शिक्षा में मात्र रटने की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलता है। अंततः इससे वास्तविक शिक्षा के स्तर में कमी आती है।
- जीवन कौशल पर आधारित इस नए पाठ्यक्रम के माध्यम से देश के युवा वर्ग की कार्य कुशलता और सामूहिक दक्षता में सुधार होगा।
- भारत में रोज़गारपरक उत्पादन के लिये कौशल और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा की आवश्यकता है, इसीलिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस कार्यक्रम के अधिदेश तथा इसके उद्देश्य जारी किये हैं।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्नातक स्तर के जीवन कौशल पाठ्यक्रम में संचार कौशल (Communication Skill), अन्तर्वैयक्तिक कौशल (Interpersonal Skill), समय प्रबंधन, समस्या सुलझाने की क्षमता, निर्णयन क्षमता और नेतृत्व क्षमता जैसे रोज़गारपरक विषयों को शामिल किया गया है।
- जीवन कौशल पाठ्यक्रम, किसी व्यक्ति को कक्षा में अनुभव के माध्यम से सीखने हेतु प्रेरित करता है जिससे मानव जीवन की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटा जा सके।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
(University Grants Commission- UGC)
- तत्कालीन शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने 28 दिसंबर, 1953 को औपचारिक तौर पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नींव रखी थी।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विश्वविद्यालयी शिक्षा के मापदंडों के समन्वय, निर्धारण और अनुरक्षण हेतु वर्ष 1956 में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संगठन है।
- पात्र विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अनुदान प्रदान करने के अतिरिक्त आयोग केंद्र तथा राज्य सरकारों को उच्चतर शिक्षा के विकास हेतु आवश्यक उपायों पर सुझाव भी देता है।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसके छह क्षेत्रीय कार्यालय पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलूरू में हैं।