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भारतीय समाज

यौन उन्मुखीकरण और लैंगिक पहचान: यूनेस्को

  • 10 Jun 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूनेस्को द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार, देश भर में छात्रों की उनके यौन उन्मुखीकरण और लैंगिक पहचान (Sexual Orientation and Gender Identity-SOGI) के कारण Bullying (बच्चों का एक-दूसरे को सताना) की जाती है, जिसके कारण बहुत से छात्र स्कूल छोड़ देते हैं।

  • उल्लेखनीय है कि यूनेस्को के नई दिल्ली कार्यालय ने चेन्नई में पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिये एक पहल ‘सहोदरण’ (Sahodaran- जो यौन उन्मुखीकरण और लैंगिक पहचान पर एक समुदाय पर आधारित है) के साथ मिलकर एक अध्ययन किया।

प्रमुख बिंदु

  • हाल में चेन्नई में ‘LGBTIQA +’ (Lesbian, Gay, Bisexual, Transgender, Intersex, Queer/Questioning, Asexual and many other terms) लोगों के एक सर्वव्यापी सामूहिक कार्यक्रम ‘ओरिनम (Orinam)’ की 15वीं वर्षगाँठ के अवसर पर एक छात्र ने स्पष्ट किया कि स्कूलों में यौन उन्मुखीकरण और लैंगिक पहचान के संबंध में सहपाठियों के साथ-साथ शिक्षकों द्वारा भी छात्रों को डराया धमकाया जाता है तथा विभिन्न प्रकार की यातनाएँ दी जाती हैं।
  • इस अध्ययन को 18-22 आयु वर्ग के 371 लोगों के बीच ट्रांसजेंडर (Transgender) समुदायों पर किया गया था।

LGBTIQA +
(lesbian, gay, bisexual, transgender, intersex, queer/questioning, asexual and many other terms)

'LGBTIQA +' एक उभरता हुआ संक्षिप्त नाम है जिसे समलैंगिक (पुरुष/महिला), उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर, इंटरसेक्स, क्वीर/पूछताछ, अलैंगिक और कई अन्य शब्दों (जैसे नॉन-बाइनरी और पैनसेक्सुअल) के लिये जाना जाता है और इस नाम का इस्तेमाल लोग अपने लैंगिक अनुभवों जैसे- लैंगिकता, सेक्स प्रक्रिया की विशेषताओं को बताने के लिये उपयोग करते हैं।

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परिणाम

  • अध्ययन के अनुसार, 60% बच्चे माध्यमिक/उच्च विद्यालय के दौरान तथा 50% बच्चे उच्च माध्यमिक विद्यालय के दौरान Bullying (बच्चों का एक-दूसरे को सताना) के शिकार पाए गए।
  • प्राथमिक विद्यालय के दौरान लगभग 40% बच्चों का यौन उत्पीड़न किया गया।
  • 18% बच्चों ने स्कूल प्राधिकारियों को अपने SOGI आधारित Bullying की जानकारी दी।
  • जो लोग Bullying से प्रताड़ित हैं, उनमें से 53% ने बताया कि स्कूल प्राधिकारियों ने उस व्यक्ति के खिलाफ थोड़ी बहुत कार्रवाई की, जिसने उन्हें  प्रताड़ित किया था।
  • SOGI आधारित हिंसा के परिणाम
  • SOGI के आधार पर होने वाली हिंसा के निम्नलिखित परिणाम सामने आए हैं-
  • 73% ने अपने साथियों के साथ सामाजिक संपर्क को कम कर दिया।
  • 70% चिंता और अवसाद से पीड़ित पाए गए।
  • 53% बच्चों द्वारा कक्षाएँ छोड़ दिये जाने की जानकारी प्राप्त हुई।
  • बच्चों के स्कूल छोड़ने की दर में होने वाली वृद्धि में Bullying ने महत्त्वपूर्ण भूमिका (लगभग एक-तिहाई- 33.2% भाग) निभाई है।

SOGI आधारित हिंसा को कम करने की पहल

  • यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) ने SOGI को वर्ष 2016 में रैगिंग के आधार के रूप में मान्यता दी।
  • द्विभाषी नियमावली, 'ए टीचर गाइड टू जेंडर नॉन-कन्फर्मिंग स्टूडेंट्स', (जो यौन अभिविन्यास के बारे में जानकारी देती है, जैसे- लिंग पहचान क्या है, कुछ बच्चे दूसरों से अलग क्यों हैं, आदि) के बारे में कुछ जानकारी तमिलनाडु के स्कूलों में मुफ्त में दी जाती है।

स्रोत- टाइम्स ऑफ़ इंडिया

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