शासन व्यवस्था
स्पेनिश फ्लू- एक महामारी
- 16 Mar 2020
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प्रीलिम्स के लिये:स्पेनिश फ्लू, कोरोनावायरस (COVID-19) मेन्स के लिये:महामारी और उसके प्रसार संबंधी मुद्दे |
चर्चा में क्यों?
जिस प्रकार कोरोनावायरस (COVID-19) वैश्विक स्तर पर तीव्र गति से फैलता जा रहा है उसे देखते हुए कई विद्वानों ने इसकी तुलना मौजूदा इतिहास की सबसे विनाशकारी महामारी स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu-1918-19) से की है।
स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu)- एक महामारी
- एक सदी पूर्व इस महामारी का केंद्रबिंदु भारत था, जहाँ तकरीबन 10-20 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी। इस महामारी ने भारत को दो चरणों में प्रभावित किया जिसमें शुरुआती चरण अपेक्षाकृत काफी सीमित था, जबकि महामारी का दूसरा चरण काफी खतरनाक रूप में सामने आया।
- अनुमानतः प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान स्वदेश लौटने वाले सैनिकों के माध्यम से इस बीमारी ने भारत में प्रवेश किया था।
- स्पेनिश फ्लू को लेकर वर्ष 2014 में किये गए अध्ययन में निम्नलिखित तथ्य सामने आए-
- समय के साथ महामारी की गंभीरता कम हो गई।
- समय के साथ मृत्यु के औसत समय में कमी आई।
- हालाँकि महामारी की अवधि काफी लंबी थी।
- महामारी का प्रभाव भारत के पूर्वी भाग में सबसे अंत में देखने को मिला।
कैसे समाप्त हुआ स्पेनिश फ्लू
- स्पेनिश फ्लू की समाप्ति को लेकर विभिन्न विद्वान निम्नलिखित कारण बताते हैं:
- सरकार के प्रयासों और अनौपचारिक संचार के माध्यम से समय पर लोगों को इस संदर्भ में सूचना प्राप्त हो गई थी और इस महामारी के कलकत्ता पहुँचने तक लोग विभिन्न निवारक उपायों का प्रयोग करने लगे थे, जबकि बॉम्बे और मद्रास में इसे नहीं रोका जा सका क्योंकि तब तक लोगों को इस संदर्भ में जानकारी नहीं थी।
- एक सिद्धांत के अनुसार, जैसे-जैसे वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है तो उसकी क्षमता में कमी आ जाती है और यह धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।
- शोध के अनुसार, गर्म मौसम में स्पेनिश फ्लू का प्रभाव काफी सीमित होता है।
- स्पेनिश फ्लू को लेकर लगभग एक शताब्दी बाद विभिन्न प्रकार के अध्ययन किये गए ताकि भविष्य में आने वाली किसी भी संभावित महामारी से निपटने हेतु रणनीति तैयार की जा सके।
आगे की राह
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस (COVID-19) को महामारी घोषित कर दिया है ऐसे में एक त्वरित प्रारंभिक प्रतिक्रिया के महत्त्व को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
- स्पेनिश फ्लू पर हुए अध्ययनों में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर महामारी को फैलने से रोकने को लिये काफी कम समय मिलता है, जिसके कारण एक आपातकालीन प्रबंधन की आवश्यकता होती है।