सामाजिक न्याय
कुष्ठ रोग
- 22 Feb 2022
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प्रिलिम्स के लिये:कुष्ठ रोग और उससे संबंधित पहल, कोविड-19 महामारी, विश्व बैंक, महात्मा गांधी मेन्स के लिये:स्वास्थ्य, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, कुष्ठ रोग, कोविड-19 महामारी |
चर्चा में क्यों?
‘कुष्ठ रोग मिशन ट्रस्ट इंडिया’ की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी और ‘सोशल डिस्टेंसिंग तथा लॉकडाउन जैसे उपायों के कारण अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच चार राज्यों– आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार व मध्य प्रदेश में कुष्ठ रोग के सक्रिय मामलों की जाँच में 62.5% की गिरावट आई है।
- महामारी की दूसरी लहर ने कुष्ठ रोग जाँच अभियान पर लगभग रोक लगा दी है और संस्थागत व्यवस्था में स्वास्थ्य देखभाल एवं विकलांगता प्रबंधन सेवाएँ प्राप्त करने की गुंजाइश काफी कम बची है।
- इसके अलावा महामारी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि 'संवेदनशील आबादी' एक समरूप इकाई नहीं है। उनकी भेद्यता कभी-कभी विभिन्न सामाजिक चरों जैसे- गरीबी, विकलांगता, कलंक, बहिष्करण आदि का एक जटिल प्रतिच्छेदन होती है।
कुष्ठ रोग:
- जीवाणु संक्रमण: कुष्ठ रोग एक पुराना, प्रगतिशील जीवाणु संक्रमण है। यह ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो एक ‘एसिड-फास्ट रॉड’ के आकार का बेसिलस है।
- इसे हैनसेन डिजीज़ के नाम से भी जाना जाता है।
- सबसे पुराने रोगों में से एक: यह इतिहास में सबसे पुराने रोगों में से एक है, जो अनादि काल से मानव को पीड़ित करता रहा है।
- कुष्ठ रोग का लिखित विवरण लगभग 600 ईपू. के दस्तावेज़ों में मिलता है।
- इस रोग की जानकारी हज़ारों वर्ष पहले चीन, मिस्र और भारत की सबसे पुरानी सभ्यताओं में देखने को मिलती है।
- संक्रमण के क्षेत्र: त्वचा, परिधीय तंत्रिकाएँ, ऊपरी श्वसन पथ और नाक।
- यह एक ऐसी बीमारी है, जो पीड़ित व्यक्ति को पूरी तरह से समाज से अलग कर देती है।
- संचरण का तरीका: मुख्य रूप से प्रभावित व्यक्तियों की साँस में मौजूद ड्रापलेट्स/बूंदों (Droplets) से। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।
- लक्षण:
- त्वचा पर लाल धब्बे।
- त्वचा पर घाव का होना
- हाथ और पैरों में सुन्नपन।
- पैरों के तलवों में छाले।
- मांसपेशियों की कमज़ोरी और वज़न का अत्यधिक घटना।
- लॉंग इन्क्यूबेशन पीरियड्स: कुष्ठ रोग उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद लक्षण दिखने में आमतौर पर लगभग 3-5 साल लगते हैं।
- लॉंग इन्क्यूबेशन पीरियड्स/लंबी ऊष्मायन अवधि डॉक्टरों के लिये यह निर्धारित करना मुश्किल बना देती है कि व्यक्ति कब और कहांँ संक्रमित हुआ।
- यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो कुष्ठ रोग अक्षमता, विकृति, हाथों और पैरों में स्थायी तंत्रिका क्षति तथा यहांँ तक कि शरीर को संवेदहीन बना सकता है।
- इलाज: कुष्ठ रोग के इलाज में मल्टी ड्रग थेरेपी ( Multi-Drug Therapy- MDT) काफी कारगर है।
कुष्ठ रोग के उन्मूलन हेतु भारत द्वारा उठाए गए कदम:
- वर्ष 1955 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया था। 1970 के दशक में ही मल्टी ड्रग थेरेपी के रूप में एक निश्चित इलाज की पहचान की गई थी।
- वर्ष 1993-94 से विश्व बैंक समर्थित राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन परियोजना का पहला चरण शुरू किया गया।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2002 में भारत सरकार ने कुष्ठ रोग के उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया जिसमें वर्ष 2005 तक कुष्ठ रोग के मामलों की संख्या को कम करके <1/10,000 जनसंख्या तक सीमित करना था।
- राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम ने दिसंबर, 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त किया जिसमें प्रति 10,000 लोगों पर एक से कम मामलों की दर को कुष्ठ उन्मूलन के रूप में परिभाषित किया गया।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन 2016-2020 हेतु वैश्विक कुष्ठ रणनीति दस्तावेज़ देशों के भीतर अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिये कहता है।
- 2017 में जागरूकता को बढ़ावा देने और कलंक तथा भेदभाव के मुद्दों को संबोधित करने के लिये स्पर्श (SPARSH ) कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया था।
- अभियान में शामिल उपायों जैसे- संपर्क अनुरेखण, परीक्षा, उपचार और कीमोप्रोफिलैक्सिस (chemoprophylaxis) से कुष्ठ मामलों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है।
- महिलाओं, बच्चों और विकलांग लोगों पर विशेष ज़ोर देने की उम्मीद है।
- रोगियों को एमडीटी देना जारी रखने के अलावा नए निवारक दृष्टिकोण जैसे कि किमोप्रोफिलैक्सिस (Chemoprophylaxis) और इम्यूनोप्रोफिलैक्सिस (Immunoprophylaxis) को संचरण की शृंखला को तोड़ने और शून्य रोग की स्थिति तक पहुँचने पर विचार किया जा रहा है।
- वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों और केंद्र सरकार को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया।
- अदालत ने कहा कि अभियान में ठीक हुए लोगों की सकारात्मक तस्वीरों और कहानियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिये।
- वर्ष 2019 में लोकसभा ने कुष्ठ रोग को हटाने के लिये एक विधेयक पारित किया।
- 2 अक्तूबर 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एनएलईपी (NLEP) ने अक्तूबर 2019 तक विकलांगता के ग्रेड को प्रति मिलियन लोगों पर एक मामले से कम करने के लिये व्यापक योजना तैयार की है।
स्रोत: द हिंदू