कुंग फू नन्स | 08 Nov 2019
प्रीलिम्स के लिये:
कुंग फू नन्स, एशियाटिक सोसाइटी, गेम चेंजर अवार्ड
मेन्स के लिये:
भारतीय विरासत और संस्कृति में मार्शल आर्ट्स की महत्ता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री ने ड्रुकपा विरासत के कुंग फू नुन्स (Kung Fu Nuns) से मुलाकात की।
प्रमुख बिंदु
- कुंग फू नन्स ( Kung Fu Nuns) को हाल ही में न्यूयॉर्क में एशियाटिक सोसाइटी के प्रतिष्ठित गेम चेंजर अवार्ड (Game Changer Award) से सम्मानित किया गया है।
- कुंग फू नन्स को हिमालयी क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तीकरण और महिला-पुरुष आधारित भेदभाव को दूर करने के लिये उनके अनुकरणीय कार्य को लेकर यह अवार्ड दिया गया।
- इनकी टैगलाइन ‘बी योर ओन हीरो’ (Be Your Own Hero) हैं।
- नन्स अपने प्रथम नाम के रूप में जिग्मे (Jigme) का इस्तेमाल करती हैं और जिग्मे (Jigme) का अर्थ ‘निडर’ होता है।
कुंग फू नन्स के बारे में:
- कुंग फू नन्स 1000 साल पुरानी ड्रुकपा विरासत के लगभग 700 नन्स का एक मज़बूत समुदाय है
- ये बौद्धिक पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- इसके अलावा अपने शिक्षण का इस्तेमाल महिला-पुरुष समानता और पर्यावरणवाद को बढ़ावा देकर विश्व में सार्थक बदलाव लाने के लिये करती हैं।
- इसी मान्यता के साथ कुंग फू नन्स इन्द्रा नूई, मुकेश अंबानी और देव पटेल जैसे भारतीय नायकों की श्रेणी में शामिल हो गई हैं।
- सशक्तीकरण और समानता को बढ़ावा देने तथा समुदायों को बेहतर बनाने के लिये ये प्राचीन मार्शल आर्ट का उपयोग करती हैं।
- इसके अलावा युवा लड़कियों को रूढ़िवादी दायरे से बाहर निकालकर अपनी स्वयं की नायक बनने के लिये प्रेरित कर रही हैं।
एशियाटिक सोसाइटी गेम चेंजर अवार्ड
(Game Changer Award)
- एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना 1956 में की गई थी यह एक पक्षपात-मुक्त, गैर-लाभकारी शैक्षिक संस्थान है।
- वैश्विक संदर्भ में एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों, नेताओं एवं संस्थानों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने तथा साझेदारी को मज़बूत करने के लिये समर्पित हैं।
- गेम चेंजर अवार्ड प्रत्येक वर्ष ऐसे व्यक्तियों, संगठनों या आंदोलनों को दिया जाता है जिन्होंने एशियाटिक सोसाइटी के अनुसार अनेक क्षेत्रों में प्रेरक, प्रबुद्ध और उच्च नेतृत्व दर्शाया है।