कुलभूषण जाधव मामला | 22 Apr 2021
चर्चा में क्यों?
पाकिस्तान ने भारत से कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के फैसले को लागू करने हेतु वकील नियुक्त करने का आग्रह किया है
प्रमुख बिंदु:
कुलभूषण जाधव मामला:
- कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी।
- भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुँच सुनिश्चित करने (वियना कन्वेंशन) से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने पाकिस्तान के निर्णय के खिलाफ ICJ में संपर्क किया।
- ICJ ने जुलाई 2019 में अपना निर्णय सुनाया कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और दोषसिद्धि की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करना चाहिये तथा बिना देरी के भारत को राजनयिक पहुँच प्रदान करनी चाहिये।
- इसने पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा जाधव को दी गई सज़ा के खिलाफ अपील के लिये एक उचित मंच प्रदान करने के लिये कहा था।
भारत के लिये 'प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार' के निहितार्थ:
- प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार सामान्य समीक्षा से अलग है।
- इसमें राजनयिक पहुँच प्रदान करना और अपने बचाव हेतु जाधव की मदद करना शामिल है।
- इसका मतलब है कि पाकिस्तान को आरोपों का खुलासा करना होगा और उन साक्ष्यों को भी प्रस्तुत करना होगा जो अभी तक प्रस्तुत नहीं किये गए हैं।
- पाकिस्तान को उन परिस्थितियों का भी खुलासा करना होगा जिनमें जाधव का कबूलनामा सेना द्वारा लिया गया था।
- तात्पर्य यह है कि जो भी फोरम या अदालत जाधव के मामले की सुनवाई करती है, उसे अपना बचाव करने का अधिकार होगा।
वियना कन्वेंशन:
- राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो स्वतंत्र राज्यों के बीच राजनयिक संबंधों को परिभाषित करती है।
- एक राजदूत (जो एक राजनयिक नहीं है), किसी मेज़बान देश में एक विदेशी राज्य का प्रतिनिधि होता है, जो अपने देशवासियों के हितों के लिये काम करता है।
- वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद-36 में कहा गया है कि मेज़बान देश में गिरफ्तार या हिरासत में लिये गए विदेशी नागरिकों को उनकी गिरफ्तारी की सूचना दिये बिना उनके दूतावास या वाणिज्य दूतावास को बिना देरी के नोटिस दिया जाना चाहिये।
- यदि हिरासत में लिया गया विदेशी नागरिक ऐसा अनुरोध करता है, तो पुलिस को दूतावास या वाणिज्य दूतावास को उस नोटिस को फैक्स करना चाहिये, जिसके द्वारा हिरासत में लिये गए व्यक्ति का सत्यापन किया जा सकता है।
- दूतावास को यह नोटिस एक फैक्स के माध्यम से सरलतम रूप में दिया जा सकता है, जिसमें व्यक्ति का नाम, गिरफ्तारी का स्थान और यदि संभव हो तो गिरफ्तारी या हिरासत के कारणों के बारे में बताया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
- ICJ संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक प्रमुख न्यायिक संगठन है। यह वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित किया गया था और इसने वर्ष 1946 में स्थायी न्यायालय के अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक उत्तराधिकारी के रूप में काम करना शुरू किया।
- यह सदस्य देशों के बीच कानूनी विवादों को सुलझाता है और संयुक्त राष्ट्र संगठन एवं अधिकृत विशिष्ट एजेंसियों को सलाहकारी राय देता है।
- भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी अप्रैल 2012 से ICJ के सदस्य हैं।
- ICJ नीदरलैंड के हेग के पीस पैलेस में स्थित है।