कोसोवो-सर्बिया संघर्ष | 06 Jun 2023
प्रिलिम्स के लिये:कोसोवो-सर्बिया संघर्ष, NATO, अल्बानिया, द्वितीय विश्व युद्ध, सोवियत संघ मेन्स के लिये:कोसोवो-सर्बिया संघर्ष |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्बियाई प्रदर्शनकारियों और NATO (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) शांति सैनिकों के बीच कोसोवो में संघर्ष हुआ जिसमें 60 से अधिक लोग घायल हो गए। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में यह सबसे गंभीर हिंसक घटना है।
वर्तमान तनाव का कारण:
- उत्तरी कोसोवो सर्ब समुदाय और अल्बानियाई लोगों के बीच बड़े जातीय एवं राजनीतिक विभाजन से उत्पन्न तनाव का अनुभव करता है।
- उत्तरी कोसोवो में बहुमत बनाने हेतु सर्ब समुदाय ने अल्बानियाई महापौरों को स्थानीय परिषदों में प्रभार लेने से रोकने का प्रयास किया।
- सर्ब समुदाय ने अप्रैल 2023 में स्थानीय चुनावों का बहिष्कार किया जिसके परिणामस्वरूप 3.5% से कम मतदान हुआ। सर्ब समुदाय ने चुनाव परिणामों को नाजायज के रूप में खारिज कर दिया था।
कोसोवो-सर्बिया संघर्ष के विषय में:
- भूगोल:
- सर्बिया: सर्बिया पूर्वी यूरोप में एक लैंडलॉक देश है जो हंगरी, रोमानिया और बुल्गारिया के साथ सीमा साझा करता है।
- कोसोवो: कोसोवो एक छोटा लैंडलॉक क्षेत्र है जो सर्बिया के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है जो उत्तरी मैसेडोनिया, अल्बानिया और मोंटेनेग्रो के साथ सीमा साझा करता है। सर्ब समुदाय के अनेक लोग कोसोवो को अपने राष्ट्र का जन्मस्थान मानते हैं।
- कोसोवो ने वर्ष 2008 में सर्बिया से स्वतंत्रता की घोषणा की थी लेकिन सर्बिया कोसोवो को राज्य के दर्जे को मान्यता नहीं देता है।
- पृष्ठभूमि:
- कोसोवो एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विभिन्न जातीय और धार्मिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व करने वाले सर्ब समुदाय के लोग और अल्बानियाई सदियों से रह रहे हैं।
- कोसोवो में रहने वाले 1.8 मिलियन लोगों में से 92% अल्बानियाई और केवल 6% सर्बियाई हैं। बाकी बोस्नियाक्स, गोरान, तुर्क तथा रोमा हैं।
- सर्ब मुख्य रूप से पूर्वी रूढ़िवादी ईसाई हैं, जबकि कोसोवो में अल्बानियाई मुख्य रूप से मुस्लिम हैं। अन्य अल्पसंख्यक समूहों में बोस्नियाई और तुर्क शामिल हैं। सर्ब सर्बिया में बहुसंख्यक हैं, जबकि कोसोवो में अल्बानियाई बहुसंख्यक हैं।
- कोसोवो एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विभिन्न जातीय और धार्मिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व करने वाले सर्ब समुदाय के लोग और अल्बानियाई सदियों से रह रहे हैं।
- कोसोवो की लड़ाई:
- सर्बियाई राष्ट्रवादी अपने राष्ट्रीय संघर्ष में एक निर्णायक क्षण के रूप में सर्बियाई राजकुमार लज़ार हरेबेलजानोविक और ओटोमन सुल्तान मुराद हुडवेंडिगर के बीच कोसोवो की वर्ष 1389 की लड़ाई को देखते हैं।
- दूसरी ओर, कोसोवो के बहुसंख्यक जातीय अल्बानियाई कोसोवो को अपना मानते हैं और सर्बिया पर कब्ज़े एवं दमन का आरोप लगाते हैं।
- यूगोस्लाविया का विघटन:
- वर्ष 1945 से द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद 1992 तक बाल्कन में वर्तमान बोस्निया और हर्ज़ेगोविना, क्रोएशिया, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, सर्बिया व स्लोवेनिया का क्षेत्र एक देश था, जिसे आधिकारिक तौर पर यूगोस्लाविया के समाजवादी संघीय गणराज्य (SFRY) के रूप में जाना जाता है, जिसकी राजधानी बेलग्रेड है। सर्बिया में कोसोवो और वोज्वोडिना के स्वायत्त प्रांत शामिल थे।
- सोवियत संघ के पतन के बाद यूगोस्लाविया बिखर गया, प्रत्येक गणराज्य एक स्वतंत्र देश बन गया।
- स्लोवेनिया सबसे पहले वर्ष 1991 में अलग हुआ था।
- 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में यूगोस्लाविया में केंद्र सरकार के कमज़ोर होने के साथ-साथ पुनरुत्थानवादी राष्ट्रवाद भी था।
- राजनेताओं ने राष्ट्रवादी बयानबाज़ी का फायदा उठाया, आम यूगोस्लाव पहचान को मिटा दिया और जातीय समूहों के बीच भय एवं अविश्वास पैदा किया।
- वर्ष 1998 में जातीय अल्बानियाई विद्रोहियों ने सर्बियाई शासन को चुनौती देने के लिये कोसोवो लिबरेशन आर्मी (KLA) का गठन किया।
- नाटो का हस्तक्षेप:
- नाटो ने वर्ष 1999 में सर्बिया की क्रूर प्रतिक्रिया के बाद हस्तक्षेप किया, जिससे कोसोवो और सर्बिया के खिलाफ 78 दिनों का हवाई अभियान चलाया गया।
- सर्बिया ने कोसोवो से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया, जिसके कारण अल्बानियाई शरणार्थियों का प्रत्यावर्तन हुआ और कई सर्बों को बेदखल कर दिया गया, जिन्हें प्रतिशोध की आशंका थी।
- जून 1999 में कोसोवो अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन के अधीन आ गया, हालाँकि इसकी अंतिम स्थिति अनसुलझी रही। राष्ट्रपति मिलोसेविक सहित कई सर्बियाई नेताओं को संयुक्त राष्ट्र के न्यायाधिकरण द्वारा युद्ध अपराधों हेतु आरोपित किया गया था।
कोसोवो की वर्तमान स्थिति:
- कोसोवो ने वर्ष 2008 में स्वतंत्रता की घोषणा की, जबकि सर्बिया अभी भी इसे सर्बियाई क्षेत्र का एक अभिन्न अंग मानता है।
- भारत, चीन और रूस जैसे देश कोसोवो को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं देते हैं, जबकि अमेरिका, यूरोपीय संघ के अधिकांश देश, जापान और ऑस्ट्रेलिया इसे अलग देश के रूप में मान्यता देते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) के 193 देशों में से कुल 99 अब कोसोवो की स्वतंत्रता को मान्यता देते हैं।
कोसोवो की स्थिति पर भारत का रुख:
- भारत का दावा है कि कोसोवो मान्यता हेतु आवश्यक तीन सिद्धांतों को पूरा नहीं करता है: एक परिभाषित क्षेत्र, लोगों द्वारा स्वीकृत विधिवत गठित सरकार और शासन पर प्रभावी नियंत्रण।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय निकायों जैसे- यूनेस्को, एपोस्टिल कन्वेंशन, अंतर्राष्ट्रीय विवादों के निपटान हेतु प्रशांत कन्वेंशन और एग्मोंट ग्रुप ऑफ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट्स में कोसोवो की सदस्यता का विरोध किया है।
- भारत द्वारा कोसोवो को मान्यता नहीं देने का कारण यह है कि उसका सर्बिया के साथ दीर्घकालिक संबंध है और वह उसकी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2023) प्रायः समाचारों में उल्लिखित होने वाले क्षेत्र समाचारों में होने का कारण
उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक उत्तर: (d) व्याख्या:
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