किसान क्रेडिट कार्ड | 09 Jul 2022

प्रिलिम्स के लिये:

किसान क्रेडिट कार्ड, नाबार्ड, बैंकिंग प्रणाली, कृषि, सरकारी योजनाएँ

मेन्स के लिये:

किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि के लिये सरकारी नीतियाँ, भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका, समावेशी विकास की चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र के गरीब किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने की प्रगति की समीक्षा की।

किसान क्रेडिट कार्ड:

  • परिचय:
    • किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी। किसानों की ऋण आवश्‍यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिये पर्याप्‍त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना, साथ ही आकस्‍मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति करना। यह ऋण सुविधा एक सरल कार्यविधि के माध्‍यम से यथा- आवश्‍यकता के आधार पर प्रदान की जाती है।
    • वर्ष 2004 में इस योजना को किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता जैसे संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया था।
    • बजट-2018-19 में सरकार ने मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को उनकी कार्यशील पूंजी की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद के लिये किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा के विस्तार की घोषणा की।
    • कार्यान्वयन एजेंसियाँ:
  • विशेषताएँ:
    • यह योजना एटीएम-सक्षम रुपे डेबिट कार्ड के साथ संबंद्ध है जिसमें एकमुश्त दस्तावेज़ीकरण, सीमा में अंतर्निहित लागत वृद्धि और सीमा के भीतर किसी भी संख्या में निकासी की सुविधा है।
    • संतृप्ति सुनिश्चित करने के अलावा बैंक को आधार से जोड़ने के लिये भी तुरंत कदम उठाए जायेंगे क्योंकि आधार संख्या को केसीसी खातों से नहीं जोड़े जाने पर ब्याज  सहायता  प्रदान नहीं  की जा सकती।
    • इसके अलावा सरकार ने KCC संतृप्ति के लिये कई पहल की हैं जिसमें पशुपालन और मत्स्य पालन में लगे किसानों को शामिल करना, KCC के तहत ऋण का कोई प्रक्रिया शुल्क नहीं है एवं संपार्श्विक मुक्त कृषि ऋण की सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए करना शामिल है।
    • KCC सुविधा मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को जानवरों, पोल्ट्री पक्षियों, मछली, झींगा, अन्य जलीय जीवों के पालन एवं मछली पकड़ने की उनकी अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी।
  • उद्देश्य:
    • फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकताओं को पूरा करना।
    • फसल के बाद का खर्च।
    • विपणन ऋण का उत्पादन करना।
    • किसान परिवारों की खपत आवश्यकताएँ।
    • कृषि संपत्ति और कृषि से संबद्ध गतिविधियों के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी।
    • कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता।
  • वित्तीय प्रावधान:
    • किसानों को 7% प्रतिवर्ष की उचित लागत पर कृषि ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये:
      • भारत सरकार ने 3 लाख रुपए तक के अल्पकालिक फसल ऋण के लिये 2% की ब्याज़ सहायता योजना लागू की है।
      • इसके अतिरिक्त भारत सरकार किसानों को 2% की ब्याज़ सहायता और 3% का त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्त्साहन प्रदान करती है।

KCC की उपलब्धियांँ:

  • जून 2020 तक राष्ट्रव्यापी मत्स्य पालन हेतु KCC के लिये लगभग 25 लाख आवेदन स्वीकृत किये गए हैं।
  • आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में सरकार ने एक विशेष सेचुरेशन कैंपेन के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपए के ऋण संवर्द्धन के साथ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को कवर करने की घोषणा की है।
  • समन्वित प्रयासों के परिणामस्वरूप 1.35 लाख करोड़ रुपए की स्वीकृत ऋण सीमा के साथ KCC के तहत 1.5 करोड़ से अधिक किसानों को कवर करने का एक प्रमुख लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।

KCC का दुरुपयोग:

  • क्रेडिट अक्सर आर्थिक रूप से संपन्न लोगों को प्रदान किया जा रहा है।
  • इस धन का उपयोग गैर-कृषि कार्यों हेतु किया जाता है, जैसे:
    • रियल एस्टेट में निवेश
    • वाहनों की खरीद पर
    • विदेशों में बच्चों की उच्च शिक्षा पर
  • उच्च ऋण प्राप्त करने के लिये भूमि की मात्रा को बढ़ाया जाता है।
  • KCC रूट का उपयोग धन शोधन के लिये किया जाता है।

सिफारिशें:

  • सभी बैंकों को केसीसी के दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन करना चाहिये, आवेदकों को KCC आवेदन की देय पावती दी जानी चाहिये, साथ ही आवेदन पर एक समयबद्ध निर्णय तय किया जाना चाहिये।
    • अस्वीकृति के कारणों को स्पष्ट रूप से इंगित किया जाना चाहिये ताकि फील्ड अधिकारी सुधार कर सकें और फॉर्म को फिर से जमा कर सकें।
  • KCC मालधारी (घुमंटू) समुदाय के उन लोगों को दिया जाना चाहिये जो एक स्थान पर नहीं रहते हैं और न ही जिनके पास कोई संपार्श्विक सुरक्षा होती है।
    • मालधारी गुजरात, भारत में एक आदिवासी चरवाहा समुदाय है। मूल रूप से यह एक खानाबदोश समुदाय है, जो जूनागढ़ ज़िले (मुख्य रूप से गिर वन) में बसने के बाद मालधारी के रूप में जाने जाते है।
  • KCC उन गरीब मछुआरों को दिया जाना चाहिये जो कोई संपार्श्विक (Collateral) देने में असमर्थ हैं।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न: किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)

  1. कृषि संपत्तियों के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी
  2. कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद
  3. खेतिहर परिवारों की उपभोग आवश्यकताँ
  4. फसल के बाद का खर्च
  5. पारिवारिक आवास का निर्माण एवं ग्राम कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना

निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना को वर्ष 1998 में किसानों को उनकी खेती और बीज, उर्वरकों, कीटनाशकों आदि जैसे कृषि आदानों की खरीद तथा उनकी उत्पादन आवश्यकताओं के लिये नकदी निकालने जैसी अन्य आवश्यकताओं के लिये लचीली एवं सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एक एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त तथा समय पर ऋण सहायता प्रदान करने हेतु शुरू किया गया था।
  • इस योजना को वर्ष 2004 में किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता जैसे संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये आगे बढ़ाया गया था।
  • किसान क्रेडिट कार्ड निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ प्रदान किया जाता है:
    • फसलों की खेती के लिये अल्पकालिक ऋण आवश्यकता
    • फसल के बाद का खर्च; अतः कथन 4 सही है।
    • विपणन ऋण का उत्पादन
    • किसान परिवार की खपत की आवश्यकताएंँ; अतः कथन 3 सही है।
    • कृषि परिसंपत्तियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों, जैसे- डेयरी पशु, अंतर्देशीय मत्स्य पालन आदि के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी, अतः कथन 1 सही है।
    • कृषि और संबद्ध गतिविधियों जैसे- पंपसेट, स्प्रेयर, डेयरी पशु, आदि के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता। हालाँकि यह खंड दीर्घकालिक ऋणा का है।
  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
  • किसानों को कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रक की खरीद एवं परिवार के घर के निर्माण और गाँव में कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना के लिये अल्पकालिक ऋण सहायता नहीं दी जाती है। अत: 2 और 5 ही नहीं हैं।

अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।


स्रोत: पी.आई.बी.