खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 | 27 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2023 (KIUG), स्वैंप डियर, एक भारत श्रेष्ठ भारत, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मेन्स के लिये:खेलो इंडिया कार्यक्रम |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) के तीसरे संस्करण का वर्चुअल उद्घाटन किया, जिससे भारत में खेलों के लिये एक नए युग की शुरुआत हुई।
KIUG 2023 के विषय में मुख्य तथ्य:
- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तीसरे संस्करण के शुभंकर का नाम जीतू रखा गया है, जो उत्तर प्रदेश के राजकीय पशु स्वैंप डियर (बारहसिंघा) का प्रतिनिधित्व करता है।
- खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का पहला संस्करण वर्ष 2020 में ओडिशा में आयोजित हुआ था तथा दूसरा संस्करण वर्ष 2022 में बंगलूरू, कर्नाटक में आयोजित किया गया था (कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2021 से 2022 में स्थानांतरित)।
- इन खेलों में 21 खेल श्रेणियों में प्रतिस्पर्द्धा करने वाले 200 से अधिक विश्वविद्यालयों के 4750 से अधिक एथलीट भाग लेंगे। प्रतियोगिताएँ वाराणसी, लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर और गोरखपुर में आयोजित होंगी।
- प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी बल दिया कि यह खेल 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को बढ़ावा देते हुए एकता की भावना को भी बढ़ावा देंगे।
खेलो इंडिया कार्यक्रम:
- परिचय:
- खेलो इंडिया अर्थात् 'लेट्स प्ले इंडिया' को वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा ज़मीनी स्तर पर विद्यार्थियों के साथ जुड़कर भारत की खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिये प्रस्तावित किया गया था।
- इस पहल ने विभिन्न खेलों के लिये देश भर में बेहतर खेल संरचना एवं अकादमियों के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित किया।
- इसे युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
- खेलो इंडिया अर्थात् 'लेट्स प्ले इंडिया' को वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा ज़मीनी स्तर पर विद्यार्थियों के साथ जुड़कर भारत की खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिये प्रस्तावित किया गया था।
- खेलो इंडिया के तहत प्रतियोगिताएँ:
- इसके तहत खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG), खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) और खेलो इंडिया विंटर गेम्स को वार्षिक राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के रूप में स्थापित किया गया, जहाँ क्रमशः राज्यों और विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले युवाओं ने पदक के लिये प्रतिस्पर्द्धा की और अपने कौशल का प्रदर्शन किया।
- प्रासंगिकता:
- पारंपरिक खेल विधाओं को पुनर्जीवित करना:
- खेलो इंडिया ने भारत के पारंपरिक खेलों की प्रतिष्ठा को बहाल करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- सरकार ने गतका, कलारीपयट्टू, थांग-ता और मलखम्ब एवं योगासन जैसे स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देने तथा प्रोत्साहित करने के लिये छात्रवृत्ति प्रदान की है। इस पहल ने युवाओं के बीच इन पारंपरिक खेलों को संरक्षित और लोकप्रिय बनाने में मदद की है।
- शिक्षा में खेलों का एकीकरण:
- खेलो इंडिया पहल के साथ-साथ राष्ट्रीय शैक्षिक नीति 2020 के प्रस्ताव के अनुरूप पाठ्यक्रम के अंतर्गत खेल को एक विषय के रूप में शामिल करना तथा देश के पहले राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के निर्माण से इस उद्देश्य को और मज़बूती मिलेगी।
- महिला खिलाड़ियों का सशक्तीकरण:
- खेलो इंडिया ने खेलो इंडिया महिला लीग जैसी पहलों के माध्यम से खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- कई शहरों में आयोजित इस लीग में लगभग 23,000 महिला एथलीटों की सक्रिय भागीदारी देखी गई है।
- पारंपरिक खेल विधाओं को पुनर्जीवित करना:
- उत्कृष्टता के केंद्र:
- खेलो इंडिया पूरे भारत में अत्याधुनिक खेल सुविधाओं की स्थापना का भी समर्थन करता है, जिसे खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (KISCE) कहा जाता है। इन केंद्रों का उद्देश्य क्षमतावान खिलाड़ियों के लिये आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना और प्रत्येक खिलाड़ी में खेल संबंधी अनुशासन को बनाए रखने हेतु आवश्यक प्रयास करना है।
- कुछ KISCEs हैं:
- राजीव गांधी स्टेडियम, आइज़ोल
- कलिंगा स्टेडियम, भुवनेश्वर
- खुमान लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, इंफाल