जैव विविधता और पर्यावरण
केरल में मकड़ी की नई प्रजाति पाई गई
- 06 Apr 2019
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संदर्भ
हाल ही में कोच्चि के सेक्रेड हार्ट कॉलेज के जंतु वैज्ञानिकों द्वारा एर्नाकुलम के इलिथोडु जंगलों में पहली बार कूदने वाली मकड़ियों के एक समूह को देखा गया है।
प्रमुख बिंदु
- मकड़ी की यह प्रजाति मुख्यतः यूरेशिया और अफ्रीका में पाई जाती है और ‘हैब्रोसेस्टेम जीनस’ (Habrocestum) से जुड़ी एक नई प्रजाति है।
- टीम को अलग-अलग दिखने वाली कई मकड़ियाँ मिली जिनमें से छह सफेद और क्रीमी-पीले पैच के साथ लाल-भूरे रंग एवं काले रंग की थी।
- अध्ययन में यूरोपीय हैब्रोस्टेम मकड़ियों के साथ तुलना करने पर पता चला है कि इलिथोडु में पाई गई मकड़ियाँ पूरी तरह से एक नई प्रजाति है क्योंकि उनके पास अलग-अलग प्रजनन अंग हैं।
- मकड़ियों के पहले दोनों पैरों के नीचे एक लंबी रीढ़ होती है और इसलिये इसका वैज्ञानिक नाम ‘हैब्रोसेस्टेम लॉन्गिस्पिनम’ (Habrocestum longispinum ) रखा गया है।
- वैज्ञानिकों ने कहा है कि अनियमित पर्यटन गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन से इन छोटे जीवों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है।
- अध्ययन में पाया गया कि ये मकड़ियाँ यूरेशिया अफ्रीका के अलावा भारत में भी पाई जाती है।
- इस खोज से महाद्वीपीय बहाव सिद्धांत को भी समर्थन मिलता है, जो बताता है कि दुनिया के महाद्वीप एक बड़े सन्निहित भूभाग थे जहाँ ये जीव कई लाखों साल पहले पनपे थे।