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यौन अपराधियों का पंजीकरण कराने वाला पहला राज्य बना केरल

  • 24 Feb 2017
  • 2 min read

समाचारों में क्यों ?

  • केरल बहुत जल्द देश का एक ऐसा पहला राज्य बनने वाला है जहाँ यौन अपराधियों को पंजीकृत किया जाएगा। केरल सरकार महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को नियंत्रण में लाने के लिये एक अलग तरह की पहल करते हुए यौन अपराधियों का 'पंजीकरण' शुरू करेगी।
  • देश में इस तरह का यह पहला प्रयास होगा। साथ ही, सीपीएम की अगुआई वाली एलडीएफ सरकार यौन शोषण पीड़ितों के लिये व्यापक राहत कोष भी बनाएगी।

क्यों महत्त्वपूर्ण है यह प्रयास?

  • गौरतलब है कि यह पंजीकरण यौन शोषण के आरोपियों, पीछा करने वालों, छेड़छाड़ करने वालों और बार-बार यह अपराध दोहराने वाले अपराधियों के नामों की एक ‘पब्लिक डायरी’ होगी।
  • व्यापक राहत कोष की स्थापना के सन्दर्भ में यह कहा गया है कि पीड़ितों की अंतरिम राहत उनके साथ हुए अपराध की गंभीरता के आधार पर होगी। यह राशि 50 हज़ार से 2 लाख रुपए के बीच है। अपराध के साबित होते ही यह राहत रकम पीड़ितों तक पहुँचा दी जाएगी।

क्या होगा प्रभाव?

इस पहल से महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन हिंसा में कमी आने की सम्भावना है। हमारे समाज में बलात्कार के अनेक मामले केवल इसलिये दर्ज नहीं कराए जाते क्योंकि लोगों को लगता है कि इससे उनके परिवार का नाम ख़राब हो जाएगा। इन परिस्थितियों में अपराधी बार-बार यह कृत्य दोहराता रहता है। यदि वह पकड़ा भी गया तो जेल से बाहर आते ही वह पुनः यौन अपराधों में संलिप्त पाया जाता है। अतः यौन अपराधियों के नामों को सार्वजानिक रूप से प्रदर्शित किये जाने का यह प्रयास निश्चित ही सराहनीय है।

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