कीलादी- वैगई नदी के तट पर संगम कालीन एक नगरीय बस्ती | 28 Sep 2019
चर्चा में क्यों?
तमिलनाडु पुरातात्त्विक विभाग (Tamilnadu Archaeology Department) द्वारा कीलादी- वैगई तट पर संगम काल की एक नगरीय बस्ती (Keeladi- An Urban Settlement of Sangam Age on the Banks of River Vaigai) नामक एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, शिवगंगा ज़िले में स्थित कीलादी की खुदाई से यह ज्ञात हुआ है कि यह स्थल छठी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर पहली शताब्दी ईसवी के मध्य का हो सकता है। इसके पहले यह अवधारणा थी कि कीलादी तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से संबंधित है।
- रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु स्थित वैगई मैदान (Vaigai plains) में द्वितीय नगरीकरण (सिन्धु घाटी सभ्यता प्रथम नगरीय सभ्यता थी) का विकास छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। गंगा के मैदानों का लौह युग और नास्तिक संप्रदाओं के उदय की अवधि कीलादी की समकालिक थी।
- गाय, बैल, भैंस, भेड़-बकरी, नीलगाय, ब्लैक बक, जंगली सुअर और मोर के कंकालो से प्राप्त साक्ष्यों से यह ज्ञात होता है कि कीलादी समाज कृषि कार्यों के लिये जानवरों का प्रयोग करता था।
- कीलादी से प्राप्त मृदभांडों से ज्ञात होता है कि पानी और खाद्य सामग्री के लिये बर्तन स्थानीय कच्ची मिट्टी से बने होते थे।
- यहाँ से प्राप्त धुरीदार छड़ी (Spindle Whorls), नुकीली हड्डियों के उपकरण, तारों से लटकते पत्थर, टेराकोटा गोले (Terracotta Sphere), तांबे की सुई, घोल बनाने हेतु मिटटी के बर्तन और कताई-बुनाई से संबंधित सामान यहाँ के उद्योगों के विभिन्न चरणों की रूपरेखा को दर्शाते हैं।
तमिल-ब्राह्मी लिपि (Tamil-Brahmi Script)
- सर्वप्रथम तमिलों द्वारा प्रयोग की गई लिपि ब्राह्मी थी।
- प्रारंभिक मध्यकाल से तमिलों ने एक नई कोणीय लिपि का प्रयोग शुरू किया जिसे ग्रंथ लिपि (Grantha Script) कहा गया। इस ग्रंथ लिपि से ही आधुनिक तमिल शब्द निकला है।
वैगई नदी (Vaigai River)
- वैगई नदी पूर्व दिशा में प्रवाहित होकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
- वैगई नदी बेसिन, कावेरी और कन्याकुमारी के मध्य अवस्थित 12 महत्त्वपूर्ण बेसिनों में से एक है।
- इसका नदी बेसिन पूर्व में पाक जल-डमरू-मध्य और पश्चिम में कार्डमम तथा पालनी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
संगम काल (Sangam Age)
- संगम, संस्कृत शब्द संघ का तमिल रूप है जिसका अर्थ होता है लोगों का समूह या संघ।
- तमिल संगम कवियों का एक शैक्षणिक समुदाय था जिन्होंने पांड्य राजाओं के काल में भिन्न जगहों पर तीन संगमों का आयोजन किया।
- संगम साहित्य जो कि तीसरे संगम से मिलता था। यह ईसाई युग (Christian Era) से जुड़े लोगो की जीवनशैली की जानकारी प्रदान करता है।
- संगम साहित्य सार्वजनिक और सामाजिक कार्यकलापों से संबंधित धर्मनिरपेक्ष मामलों जैसे प्रशासनिक कार्य, युद्ध दान, व्यापार, उपासना और कृषि आदि से संबंधित जानकारियाँ प्रदान करता है।
- संगम साहित्य में 10 कविताएंँ- पट्टूपट्टू (Pattupattu), 08 संकलन- एत्तुतोगाई (Ettutogai) और तीन महाकाव्य शामिल हैं।