करतारपुर समझौता | 25 Oct 2019
प्रीलिम्स के लिये:
करतारपुर समझौते के मुख्य बिंदु, करतारपुर की भौगोलिक स्थिति और गुरु नानक देव
मेन्स के लिये:
भारत-पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंध, करतारपुर समझौते के मुख्य बिंदु
चर्चा में क्यों?
भारत और पाकिस्तान के मध्य 24 अक्तूबर, 2019 को करतारपुर समझौते (Kartarpur Pact) पर हस्ताक्षर किये गए।
- समझौते के अनुसार, भारत के तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
करतारपुर समझौते के मुख्य बिंदु:
- समझौता प्रारंभ में पाँच वर्षों के लिये वैध होगा।
- भारत, पाकिस्तान को तीर्थयात्रियों की सूची 10 दिन पहले सौंपेगा और पाकिस्तान इस सूची को अंतिम रूप से यात्रा के 4 दिन पहले भारत को सौंपेगा।
- तीर्थयात्रियों को अधिकतम 11,000 रुपए और एक 7 किलोग्राम का बैग (इसमें पीने के पानी की बोतल हो सकती है) ले जाने की अनुमति होगी।
- तीर्थयात्रियों को धर्मस्थल से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही जिस दिन वे गुरुद्वारा जाते हैं उसी दिन लौटना भी होगा।
- 13 वर्ष से कम आयु के बच्चे एवं 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों को समूह में यात्रा करनी होगी।
- तीर्थयात्रा के दौरान पर्यावरण अनुकूल सामग्री जैसे- कपड़े की थैलियों का प्रयोग करना होगा साथ ही आसपास के वातावरण को साफ रखना होगा।
- गुरुद्वारा जाने वाले तीर्थयात्रियों को यात्रा की प्रस्तावित तिथि के पहले आवश्यक रूप से prakashpurb550.mha.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। यह पंजीकरण, यात्रा का अधिकार (Right To Travel) प्रदान नहीं करता है।
- तीर्थयात्रियों को एक इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकृत (Electronic Travel Authorization) प्रदान किया जाएगा जिसको तीर्थयात्रियों को अपने पासपोर्ट के साथ ले जाना आवश्यक होगा।
- सिख तीर्थयात्रियों को कृपाण (खंजर) ले जाने की अनुमति होगी। ज़ोर से संगीत बजाने और बिना अनुमति के तस्वीरें लेने की भी अनुमति नहीं होगी।
करतारपुर के बारे में:
- ऐतिहासिक करतारपुर गुरुद्वारा पाकिस्तान के नारोवाल ज़िले में रावी नदी के तट पर स्थित है। यहाँ पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
करतारपुर गलियारा (Kartarpur Corridor):
- करतारपुर गलियारा भारत में पंजाब के गुरदासपुर ज़िले के डेरा बाबा नानक साहिब को पाकिस्तान स्थित करतारपुर से जोड़ेगा।
- गलियारे की लंबाई लगभग 4 किमी. (अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर 2 किमी.) है।
- भारत और पाकिस्तान की सहमति के बाद यह गलियारा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर खोला जाएगा।
- अभी तक भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक तीर्थस्थलों की यात्राओं को एक प्रोटोकॉल द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस प्रोटोकॉल के तहत दोनों देशों के कुछ स्थान सूचीबद्ध हैं जहाँ पर तीर्थयात्रियों का आवागमन होता है।
गुरु नानक देव:
- गुरु नानक देव 10 सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक हैं।
- उनका जन्म वर्ष 1469 में ननकाना साहिब (वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है) में हुआ था।
- उन्होंने भक्ति के 'निर्गुण' रूप की शिक्षा दी।
- उन्होंने अपने अनुयायियों को एक समुदाय में संगठित किया और सामूहिक पूजा (संगत) के लिये कुछ नियम बनाए।