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कर्नाटक की इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास नीति

  • 04 Mar 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कर्नाटक ने देश की पहली ‘इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट’ (ER & D) पॉलिसी लॉन्च की है।

प्रमुख बिंदु

  • नीति के तहत केंद्रीय क्षेत्र:
    • नई नीति में एयरोस्पेस और रक्षा; ऑटो, ऑटो घटक और इलेक्ट्रिक वाहन; जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा और चिकित्सा उपकरण; अर्द्धचालक, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ESDM) और सॉफ्टवेयर उत्पाद जैसे पाँच प्रमुख केंद्रीय क्षेत्रों की पहचान की गई है।
  • कौशल निर्माण:
    • सरकार कौशल निर्माण में निवेश करेगी, अकादमिक और उद्योग सहयोग में सुधार करेगी और स्थानीय स्तर पर बौद्धिक संपदाओं के निर्माण को भी प्रोत्साहित करेगी।
  • सब्सिडी:
    • इस नीति के तहत बंगलूरू नगरीय ज़िले के अलावा ‘मल्टी-नेशनल कॉर्पोरेशन’ (MNC) संस्थाओं को 2 करोड़ रुपए तक के किराए की 50% प्रतिपूर्ति की पेशकश की जाएगी।
    • इस नीति के तहत बंगलूरू के अतिरिक्त राज्य में निवेश के लिये 20% तक (2 करोड़ रुपए) की सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी।
    • इस सब्सिडी का आकलन ‘केस-टू-केस’ आधार पर कंपनियों द्वारा किये जा रहे निवेश और उनके द्वारा उत्पन्न रोज़गार के आधार पर किया जाएगा ।
  • नवाचार:
    • नवाचार को बढ़ावा देने के लिये सरकार विभिन्न परियोजनाओं हेतु कॉलेजों को धन मुहैया कराएगी और कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में उद्योग-उन्मुख पाठ्यक्रम विकसित करने की लागत भी वहन करेगी।
  • लक्ष्य:
    • इस क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले अवसरों का उपयोग करने के लिये राज्य को तैयार करना।
    • कर्नाटक को ‘स्किल्ड नॉलेज कैपिटल’ बनाने के लिये इसका योगदान बढ़ाना, अधिक बौद्धिक संपदा विकसित करना।
    • बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित करने के लिये राज्य में नए ER & D केंद्र स्थापित करना या सब्सिडी के माध्यम से अपनी मौजूदा सुविधाओं का विस्तार करना तथा वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बाज़ार में लाकर इंजीनियरिंग प्रतिभाओं और अवसरों के बीच व्याप्त अंतराल को समाप्त करना।
  • आवश्यकता:
    • ER & D क्षेत्र देश में 12.8% की एक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ सबसे तेज़ी से वृद्धि करने वाला उद्योग है।
      • चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) एक वर्ष से अधिक समय की निर्दिष्ट अवधि में निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर है। CAGR निवेशक को बताता है कि इस अवधि के दौरान हर वर्ष आपको कितना रिटर्न मिलता है। सामान्य शब्दों में कहें तो यह एक कंपनी की वृद्धि दर है जो वार्षिक आधार पर व्यक्त की जाती है। CAGR की गणना में कंपाउडिंग के प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाता है।
      • वैश्विक इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास उद्योग के वर्ष 2025 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
    • भारत में ER & D के लिये लगभग 900 वैश्विक क्षमता केंद्र हैं और कर्नाटक का उनमें एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
    • राज्य सरकार ने अनुमान लगाया है कि नीति में ER & D क्षेत्र में पाँच वर्षों में 50,000 से अधिक नौकरियाँ सृजित करने की क्षमता है।
      • शीर्ष उद्योग निकाय ‘नैसकॉम’ के अनुसार, ER & D क्षेत्र में अगले पाँच वर्षों में देश में 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उद्योग बनने की क्षमता है।
    • डिजिटल इंजीनियरिंग और उद्योग 4.0 के बीच संबंध निम्न रूप में परिलक्षित होता है:
      • प्रक्रियाओं और आपूर्ति श्रंखलाओं में डिजिटल विनिर्माण संचालन एवं स्वचालन;
      • उत्पाद के रूप में एक सेवा व्यवसाय मॉडल, ग्राहकों को वांछित परिणाम के लिये भुगतान करने की अनुमति देता है ( उपकरणों के बजाय);
      • एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, जो जटिल कार्यों में लगी उत्पादन प्रक्रियाओं को फिर से संगठित कर सकता है और उनके कार्यात्मक प्रदर्शन को बढ़ा सकता है।

स्रोत- द हिंदू

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