कामो-ओलेवा | 15 Nov 2021
प्रिलिम्स के लिये:कामो-ओलेवा, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु, नियर अर्थ ऑब्जेक्ट,अपोलो मिशन मेन्स के लिये:क्षुद्रग्रह तथा उनसे संबंधित विभिन्न तथ्य |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैज्ञानिकों ने कामो-ओलेवा (Kamo`oalewa) नामक एक अर्द्ध-उपग्रह (Quasi-satellite) का पता लगाया है, जो सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा का अनुसरण करता है, यह चंद्रमा से निकला एक खंड हो सकता है।
- कामो-ओलेवा के नमूने को एकत्र करने हेतु वर्ष 2025 में एक मिशन लॉन्च करने की योजना निर्धारित की गई है।
प्रमुख बिंदु
- कामो-ओलेवा:
- वर्ष 2016 में खोजा गया (हवाई में PanSTARRS टेलीस्कोप के माध्यम से) कमो-ओलेवा एक ऐसा शब्द है जो एक हवाईयान चैंट (गीत) का हिस्सा है अर्थात् एक घूमता हुआ अंतरिक्ष का टुकड़ा है।
- यह पृथ्वी के अर्द्ध-उपग्रहों में से एक है, एक अंतरिक्ष चट्टान जो सूर्य की परिक्रमा करती है, लेकिन ग्रह के अपेक्षाकृत नज़दीक मौजूद होती है, अर्थात् लगभग 9 मिलियन मील दूर।
- क्षुद्रग्रह सामान्यत: फेरिस व्हील के आकार के होते हैं जिनका व्यास 150 से 190 फीट के मध्य होता है।
- इसके छोटे आकार (लगभग 50 मीटर चौड़े) के कारण इस अर्द्ध-उपग्रह का अध्ययन करना वैज्ञानिकों के लिये कठिन रहा है और इसके बारे में अब तक बहुत कम जानकारी उपलब्ध थी।
- तीन परिणामी संभावनाएँ:
- पृथ्वी के चंद्रमा का हिस्सा:
- एक संभावित प्रभाव के कारण यह चंद्रमा से अलग हुआ होगा और पृथ्वी के बजाय सूर्य की कक्षा में चला गया, जैसा कि उसके स्रोत ग्रह या उपग्रह करते हैं।
- कामो-ओलेवा से परावर्तित प्रकाश का स्पेक्ट्रम नासा के अपोलो मिशन द्वारा प्राप्त चंद्रमा के चट्टानों से काफी मिलता-जुलता है तथा यह संभावना है कि यह चंद्रमा से उत्पन्न हुआ है।
- यह एक असामान्य कक्षा में है, क्योंकि मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद क्षुद्रग्रह बेल्ट से वस्तुओं का पृथ्वी की ओर आना असंभव होगा।
- शोधकर्त्ताओं द्वारा अभी यह सुनिश्चित नहीं किया गया है कि चंद्रमा का टुकड़ा आंशिक रूप से अंतरिक्ष में कैसे आया, क्योंकि चंद्रमा की उत्पत्ति के समय कोई अन्य ज्ञात क्षुद्रग्रह नहीं था। हालाँकि उन्होंने 1,00,000 से 500 वर्षों पहले हुई विध्वंशक घटना की समयसीमा को कम कर दिया है।
- नियर अर्थ ऑब्जेक्ट:
- नियर अर्थ ऑब्जेक्ट की समानता वाले क्षेत्र से पृथ्वी के समान कक्षा में कैप्चर किया गया।
- पृथ्वी के ट्रोजन क्षुद्रग्रह:
- यह पृथ्वी के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों की अभी तक अपरिभाषित एक अर्द्ध-स्थिर आबादी से उत्पन्न हुआ है (ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का एक समूह है जो एक बड़े ग्रह के साथ एक कक्षा (Orbit) साझा करते हैं)।
- पृथ्वी के चंद्रमा का हिस्सा:
नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEOs)
- ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ (NEO) का आशय ऐसे धूमकेतु या क्षुद्र ग्रह से है जो पास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण द्वारा उनके ऑर्बिट/कक्षा में आ जाते हैं, यह उन्हें पृथ्वी के करीब आने की अनुमति देता है।
- ये क्षुद्रग्रह ज़्यादातर बर्फ और धूल के कण से मिलकर बने होते हैं।
- NEO कभी-कभी पृथ्वी के करीब पहुँचते हैं क्योंकि वे सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- नासा का सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडी (CNEOS) क्षुद्रग्रह वॉच विज़ेट के माध्यम से उस स्थिति में इन ऑब्जेक्ट्स के समय और दूरी को निर्धारित करता है, जब ये पृथ्वी के नज़दीक होते हैं।